अस्ताचल की ओर बढ़
रहा है गड़करी का सूर्य
बज गई गड़करी की बिदाई की डुगडुगी
(शरद खरे)
नई दिल्ली (साई)।
हिन्दुत्व की पोषक और हिन्दूवादी विचारधारा को मानने वाली भारतीय जनता पार्टी के
नए निजाम अपनी टीम की घोषणा सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही करने वाले हैं।
लगातार दूसरी पारी पाने के उपरांत नितिन गड़करी अब टीम के गठन की सारी संभावनाएं
टटोलते जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर यह भी माना जा रहा है कि गड़करी के अध्यक्ष पद के
दिन अब गिनती के ही बचे हैं।
ज्ञातव्य है कि
सूरजकुण्ड अधिवेशन में गड़करी के दूसरे टर्म के मार्ग पूरी तरह प्रशस्त हो चुके
हैं। इसके साथ ही साथ गड़करी पर लग रहे आरोपों ने उनकी मुश्किलें एकदम से बढ़ा दी
हैं। दिल्ली के झंडेवालान स्थित संघ मुख्यालय ‘केशव कुंज‘ के सूत्रों ने
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि गड़करी पर लगे आरोपों से संघ का शीर्ष नेतृत्व
सकते में है। हाल ही में संघ के वरद हस्त के चलते ही गड़करी को दूसरी पारी मिल पाई
है।
केशव कुंज के
सूत्रों का कहना है कि संघ के शीर्ष नेतृत्व ने अब गड़करी का विकल्प तलाशना आरंभ कर
दिया है। वैसे संघ मुख्यालय नागपुर के सारे अतिआवश्यक दायित्वों का भोगमान गड़करी
सालों से भोगते आए हैं इसलिए संघ का नेतृत्व गड़करी को काफी पसंद करता है। अब जबकि
गड़करी पर आरोपों की बौछारें हो चुकी हैं तब संघ के नेताओं ने भी गड़करी के खिलाफ
तलवारें पजाना आरंभ कर दिया है।
संघ के आला दर्जे
के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को संकेत दिए कि अगर गड़करी के खिलाफ मीडिया
में मामला लंबा खिंच गया तो फिर अगले आम चुनावों में गड़करी के नेतृत्व में भाजपा
को चुनावी समर में उतारने से गलत संदेश जाएगा। गड़करी पर लगे आरोपों पर संघ इसे भले
ही भाजपा का अंतरिक मामला कहकर दूर हटने का स्वांग रच रहा हो पर सच्चाई यह है कि
संघ का नेतृत्व इन आरोपों से बुरी तरह आहत है। गड़करी के इस प्रकरण ने संघ को अंदर
ही अंदर पूरी तरह हिलाकर रख दिया है।
संघ के एक
पदाधिकारी ने पहचान उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी
बताया कि उनकी जानकारी में संघ यह दूसरी बार बुरी तरह हिला है। इसके पहले दिसंबर 2005 में संजय जोशी के
सीडी कांड के उपरांत संघ बैकफुट पर आ गया था, और अब भी संघ बैकफुट पर ही दिख रहा है।
नागपुर स्थित संघ
मुख्यालय के सूत्रों का कहना है कि संघ के सहसरकार्यवाहक भैया जी जोशी और सौदान
सिंह इस प्रकरण के बाद भी ढाल बनकर गड़करी के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं। वहीं दूसरी
ओर सह सरकार्यवाहक सुरेश सोनी, दत्तात्रय होसबोले एवं के.सी.कन्नन चाह रहे
हैं कि गड़करी की बिदाई जल्द हो जाए। संघ से प्रतिनियुक्ति पर भाजपा में आए रामलाल
और वी.सतीश भी गड़करी की तत्काल बिदाई की वकालत करते दिख रहे हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें