फ्लोर मैनेजमेंट
में कमल नाथ का कोई सानी नहीं
(महेंद्र देशमुख)
नई दिल्ली (साई)। 1980 से लगातार
छिंदवाड़ा का प्रतिनिधित्व करने वाले कमल नाथ को अब संसदीय कार्य मंत्रालय की
जवाबदेही सौंपी गई है। कमल नाथ का प्रबंधन वाकई गजब का है। सभी दलों के नेताओं के
बीच कमल नाथ की स्वीकार्यता भी है। कमल नाथ के इस कौशल का उपयोग कांग्रेस नेतृत्व
ने काफी अरसे बाद किया है जिससे लगने लगा है कि अब संसद के सत्रों में हंगामा कम
ही देखने को मिलेगा।
केंद्रीय शहरी
विकास और संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने सोमवार को संसद भवन में संसदीय कार्य
मंत्री के रूप में कार्यभार सम्भाला। रविवार को हुए कैबिनेट फेरबदल के बाद
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री को संसदीय कार्य मंत्री का कार्यभार भी सौंपा गया था।
पदभार संभालने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कमलनाथ ने कहा कि वह सभी राजनीतिक
पार्टियों से राष्ट्रहित में बनाई गई राष्ट्रीय नीतियों पर आम सहमति बनाने की
कोशिश करेंगे।
अगले महीने
शीतकालीन सत्र को सुचारू रूप से चलाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि
लोकतांत्रिक व्यवस्था में संसद का स्थान काफी ऊंचा है और यह इच्छा प्रकट की कि सभी
राजनीतिक पार्टियां संकीर्ण राजनीतिक हितों से ऊपर उठकर राष्ट्रहित के मुद्दों पर
चर्चा और बहस करेंगी।
कमल नाथ के करीबी
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कमल नाथ वैसे भी संसद के वरिष्ठ
सांसद हैं एवं उनकी विकास परख सोच के चलते ही उन्हें अब तक दिए गए वन एवं पर्यावरण, वस्त्र, वाणिज्य एवं उद्योग, भूतल परिवहन, शहरी विकास
मंत्रालयों की जिम्मेदारी उन्होंने ना केवल बखूबी निभाई है, वरन् मंत्रालयों को
नई दिशा भी प्रदान की है।
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