शुक्रवार, 12 अक्टूबर 2012

कानून मंत्री के ट्रस्ट के फर्जीवाड़े पर कैग की मुहर!


कानून मंत्री के ट्रस्ट के फर्जीवाड़े पर कैग की मुहर!

(प्रियंका)

नई दिल्ली (साई)। केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट को विकलांगों की मदद के लिए मिले सरकारी अनुदान में गहरा फर्जीवाड़ा हुआ है. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के ताजा ऑडिट ने इसे प्रमाणित कर दिया है. गौरतलब है कि केंद्रीय समाज कल्याण मंत्रालय ने ट्रस्ट में अनियमितता की जानकारी होने के बावजूद 2011 में इसके लिए फंड जारी कर दिया.
दस्तावेज बताते हैं कि जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट ने उत्तर प्रदेश के जिन 17 जिलों में 2010 के दौरान विकलांगों के उपकरण वितरित करने के लिए कैंप आयोजित करने का दावा किया, उनमें चार जिलों में कोई कैंप ही नहीं लगा. जिन जिलों में कैंप आयोजित होने के प्रमाण मौजूद हैं, वहा विकलांगों को उपकरण बांटे जाने पर भी गहरा संदेह है.
सलमान खुर्शीद व लुईस खुर्शीद के नेतृत्व वाले ट्रस्ट के इन कैंपों के आयोजन में कैग ने भारी अनियमितताएं पाई हैं और समाज कल्याण मंत्रालय ने इसकी अनदेखी की है. ट्रस्ट को कैंप लगाने के लिए मार्च 2011 में फिर 68.25 लाख रुपये दे दिए गए, जबकि कैंप की पिछली रिपोर्ट का सत्यापन भी नहीं हुआ था. जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट को अनुदान समाज कल्याण मंत्रालय ही देता है.
ताजा मामला उत्तर प्रदेश के 17 शहरों में विकलांग कैंप लगाने के लिए दिए गए 71.50 लाख रुपये का है. एक टीवी चौनल ने स्टिंग ऑपरेशन के जरिये इन कैंपों में गड़बड़ी का मामला उठाया था. केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद ने चौनल की रिपोर्ट को आरोपों पर आधारित ना बताकर इसे खारिज किया है लेकिन कैग का ऑडिट यह साबित करता है कि जाकिर हुसैन ट्रस्ट को मिले सरकारी अनुदान में गड़बड़ियां हुई हैं.

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