शुक्रवार, 12 अक्टूबर 2012

सावधान! अब महिलाओं के चित्रों से छेड़छाड़ है खतरनाक


सावधान! अब महिलाओं के चित्रों से छेड़छाड़ है खतरनाक

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)।प्रिंट या मल्टीमीडिया के माध्यम से महिलाओं का भद्दे तरीके से चित्रण करने के दोषी लोगों को अब अधिक सजा मिल सकती है और उन्हें दी जानी वाली कैद की सजा बढ़ाये जाने के साथ भारी जुर्माना भी लग सकता है।केंद्रीय मंत्रिमंडल महिलाओं के अभद्र चित्रण (रोकथाम) अधिनियम, 1986 में संशोधन के महिला और बाल विकास मंत्रालय के प्रस्ताव पर कल विचार कर सकता है। प्रस्ताव में प्रकाशनशब्द के अर्थ को परिभाषित करने के लिए भी कहा गया है क्योंकि परिभाषा अस्पष्ट है।
संशोधित कानून के तहत प्रिंट या इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से महिलाओं के भद्दे चित्रण पर 50 हजार रुपये का जुर्माना और तीन साल तक की कैद की सजा मिल सकती है। अगर किसी व्यक्ति को अपराध के लिए एक बार से अधिक दोषी पाया जाता है तो एक लाख रुपये से पांच लाख रुपये के जुर्माने और दो से सात साल तक की कैद का प्रस्ताव है। मौजूदा कानून प्रिंट मीडिया से जुड़ा है।

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