रेल्वे ने नहीं
चुकाया 15 अरब का
बिल
(अभय नायक)
रायपुर (साई)। लाभ
में जाती भारतीय रेल के उपर छत्तीसगढ़ के विद्युत मण्डल का लाखों नहीं अरबों बकाया
है। छत्तीसगढ़ का बिजली विभाग पैसों की कमी का रोना रोता रहता है। लेकिन, इसके काहिल अफसर
रेलवे से अरबों की बकाया राशि वसूल नहीं पा रहे हैं। कुछ हजार रूपए के बकाया पर आम
लोगों की बिजली काट देने वाले इंजीनियर रेलवे के तीन जोनों से 14 अरब 66 करोड़ 54 लाख रूपए की वसूली
करने पर चुप्पी साधे हैं। इतनी बड़ी राशि की वसूली हो जाए तो बिजली विभाग के तमाम
अटके काम पूरे हो सकते हैं।
मुफ्त की बिजली से
ढाई हजार करोड़ रूपए का रेल राजस्व कमाने वाले दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, दक्षिण पूर्व रेलवे
और पूर्व तटीय रेलवे पिछले दो सालों से बिजली बिल पटाने में आनाकानी कर रहे हैं।
अकेले रायपुर, बिलासपुर, सम्बलपुर व जगदलपुर
रेलवे ट्रेक्शन पर ही करीब 16-17 सौ करोड़ रूपए का बकाया है। उधर, विजली विभाग रेलवे
को निहायत जरूरी जनसेवा मानकर वसूली में सख्ती नहीं बरत रहा।
प्रदेश विधानसभा
सत्र के दौरान विद्युत कम्पनी की रेलवे से लेनदारी का मुद्दा उठा था। वसूली के लिए
अपनाए जा रहे तरीकों पर चर्चा भी हुई। लेकिन विभागीय अधिकारियों ने इसके बाद
चुप्पी साध ली। उधर रेल मण्डल के प्रवक्ता कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी
ऑफ इंडिया को बताया कि रायपुर रेल मंडल पर विद्युत कम्पनी का कोई भुगतान बकाया
नहीं है। प्रति माह ट्रेक्शन व नॉन ट्रेक्शन का एवरेज बिल करीब 7.5 करोड़ रूपए है। रेल
मंडल बाकायदा उसका भुगतान कर रहा है।
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