कसाब वर्सेस अफजल, शुरू हुई धमकियां
(प्रदीप चौहान)
नई दिल्ली (साई)। 26/11 के इकलौते जिन्दा
बचे अपराधी अजमल कसाब को फांसी देने के बाद अब मामला अफजल गुरू को फांसी देने पर
आकर टिक गया है। इसी बीच बहस के दौरान ही अब धमकियांे का सिलसिला भी चल पड़ा है।
कहीं कसाब को फांसी देने के मामले में भारतीयों को देख लेने की धमकी मिल रही है तो
कहीं अफजल गुरू की हिमायत में कोई खड़ा नजर आ रहा है।
कसाब के बाद संसद
पर हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी देने की मांग के बीच अलगाववादी पार्टी
जेकेएलएफ ने आगाह किया है कि यदि केंद्र अफजल के बारे में कोई भी गलत फैसला करता
है तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। जेकेएलएफ अध्यक्ष मोहम्मद यासिन मलिक ने
कहा कि यदि भारत सरकार अपनी भूल (जेकेएलएफ संस्थापक मोहम्मद मकबूल भट्ट की फांसी)
दोहराती है और अफजल गुरु को लेकर कोई श्गलत फैसलाश् करती है तो इसके गंभीर परिणाम
भुगतने होंगे।
जम्मू-कश्मीर
लिबरेशन फ्रंट नेता ने कहा कि कसाब को फांसी दिए जाने के बाद भारतीय जनता
पार्टी(बीजेपी) और कांग्रेस के कुछ नेता गुरु को फांसी की अपनी पुरानी मांग उठाने
लगे हैं जिससे कश्मीरियों में चिंता पैदा हो गई है। अलगाववादी खेमा के साथ-साथ
नैशनल कॉन्फ्रेंस जैसे मुख्यधारा के राजनीतिक दल भी अफजल के बचाव में आ गए हैं।
यासिन मलिक के साथ-साथ नैशनल कॉन्फ्रेंस के महासचिव और मुख्यमंत्री के चाचा
मुस्तफा कमाल ने अफजल को फांसी दिए जाने पर केंद्र को गंभीर परिणामों की चेतावनी
दी है।
गुरुवार शाम को एक
टीवी चौनल से इंटरव्यू में कमाल ने कहा कि अफजल को सांप्रदायिकता के आधार पर फांसी
की सजा हुई है। कोई गैर-मुस्लिम उसकी जगह होता तो वह आज तक अदालत द्वारा आरोप
मुक्त करार दिया गया होता। उन्होंने कहा कि अफजल प्रत्यक्ष रूप से संसद हमले में
शामिल नहीं था। हमने उसकी सजा माफी के लिए केंद्र से आग्रह किया है और कहा है कि
अगर उसे फांसी हुई तो कश्मीर में फिर से आतंकी हिंसा शुरू हो जाएगी। कमाल इससे
पहले भी विवादास्पद बयान देकर सुर्खियों में आ चुके हैं। उन्होंने हाल ही में कहा
था कि पाकिस्तान नहीं बल्कि भारत कश्मीरियों का दुश्मन है।
बिहार से समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से प्रतिभा सिंह ने बताया कि किस्मत भी कहां से कहां
किसे ले जाती है। इसे कहते हैं किस्मत! जो फंदा संसद पर हमले में फांसी की सजा पाए
अफजल गुरु के लिए तैयार किया गया था, वह कसाब के गले में पड़ गया। मुंबई हमले के
गुनहगार आतंकी अजमल आमिर कसाब को फांसी के अब कुछ अनोखी खबरें हैरान कर रही हैं।
बक्सर जेल के अधिकारियों और कैदियों की मानें तो बक्सर जेल में बनी खास श्मनीला
रस्सीश् से ही मुंबई पर आतंकवादी हमले के दोषी अजमल कसाब को बुधवार को पुणे के
यरवदा जेल में फांसी दी गई।
बिहार कारागार
विभाग के डायरेक्टर एसबीपी सिंह ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा
कि दिल्ली के तिहाड़ जेल के ऑर्डर पर 2007 में हमने संसद पर आतंकवादी हमले के दोषी
अफजल गुरु को फांसी देने के लिए बक्सर जेल में बनी रस्सी की सप्लाई की थी।
उन्होंने कहा कि हालांकि कसाब को फांसी के लिए रस्सी का किसी प्रकार का अनुरोध
नहीं किया गया था,
लेकिन कैदियों और पदाधिकारियों को लगता है अफजल गुरु के लिए
भेजे गए फांसी के फंदे का प्रयोग ही पुणे में कसाब के लिए किया गया है।
सिंह ने कहा, कि हालांकि इस बात
की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है कि कसाब के लिए बक्सर से भेजी गई रस्सी का
प्रयोग किया गया है। लेकिन ऐसा लगता है कि अफजल गुरु को फांसी देने पर लगी रोक के
बाद उस फंदे का प्रयोग अफजल के लिए किया गया है।श्
बक्सर सेंट्रल जेल
के सुपरिटेंडेंट सुरेंद्र कुमार अंबष्ठ ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के
दौरान बताया कि उत्तर और पूर्वी भारत में फांसी के लिए प्रयोग में आने वाले फंदे
में बक्सर की ही रस्सी प्रयोग में आती है। अंबष्ठ ने बताया कि साल 2004 में कोलकाता में
बलात्कार और हत्या के लिए दोषी करार धनंजय चटर्जी को फांसी के लिए बक्सर से भेजी
गई रस्सी का ही प्रयोग किया गया था।
वहीं दूसरी ओर
पाकिस्तानी तालिबान ने धमकी दी है कि वह 26/11 के गुनहगार अजमल कसाब को फांसी पर
चढ़ाने का बदला लेगा और इसके लिए श्कहीं भीश् भारतीयों को निशाना बनाया जाएगा।
तालिबान ने कहा कि भारत को कसाब का शव उसके घरवालों को सौंप देना चाहिए। तालिबान
की इस धमकी के बाद भारत ने पाक से इस्लामाबाद में भारतीय हाई कमिशन और भारतीय
राजनयिकों की सुरक्षा इंतजाम पुख्ता करने को कहा है। चिंता ज्यादा इसलिए है
क्योंकि पाकिस्तानी तालिबान ने आज तक भारत को सीधी धमकी नहीं दी है।
पूर्व क्रिकेटर और
तहरीक ए इंसाफ के प्रमुख इमरान खान की पार्टी ने कसाब को दी गई फांसी के जवाब में
पाक जेल में बंद भारतीय कैदी सरबजीत सिंह को भी फांसी देने की मांग की है। मुल्तान
में आयोजित एक प्रदर्शन में पार्टी के नेता नईमुल्लाह खान ने कहा कि भारत ने कसाब
के मामले में आखिरी फैसला आने के बाद महीने भर में कदम उठा लिया जबकि हम
आतंकवादियों को आठ साल से ढो रहे हैं। पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री रहमान
मलिक ने एक न्यूज चौनल से इंटरव्यू में कहा कि पाक सरकार सरबजीत के मामले को कसाब
की सजा से नहीं जोड़ेगी। इस मामले में कोई बदला नहीं लिया जाएगा। कसाब को दी गई सजा
एक लॉजिकल फैसला है।
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