भट्ट सहित 6 पर आरोप तय
(जलपन पटेल)
अहमदाबाद (साई)।
गुजरात में जामनगर की एक सत्र अदालत ने आई पी एस अधिकारी संजीव भट्ट और छह
पुलिसकर्मियों के खिलाफ १९९० के हिरासत में मौत के एक मामले में हत्या और यातना के
आरोप तय किये हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एन.टी.
सोलंकी ने इन सभी पर हत्या, नुकसान पहुंचाने, शांति भंग करने के
लिए उकसाने के वास्ते, जानबूझ कर अपमान करने और डराने धमकाने के आरोप लगाए हैं।
ज्ञातव्य है कि
संजीव भट्ट की १९९० में पुलिस सहायक अधीक्षक के रूप में जाम खंभालिया में पोस्टिंग
थी तब वहां सांप्रदायिक दंगे हुए थे। उसने कुछ लोगों को हिरासत में लिया था जिसमें
से प्रभूदा विसनानी की थोड़े दिनों के बाद मृत्यु हो गई थी जिसमें भट्ट और अन्य छह
पुलिसकर्मचारियों के खिलाफ पुलिस हिरासत में यातना देना और हत्या के आरोप की एक
फरियाद दर्ज की गई थी
लेकिन उस समय
मजिस्ट्रेट कोर्ट में राज्य सरकार ने यह हिरासत में मृत्यु का केस नहीं है ऐसा
कहके इस कार्रवाई का विरोध किया था। लेकिन २००२ के गुजरात दंगों में संजीव भट्ट
द्वारा मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आरोप लगाए जाने के बाद राज्य सरकार ने
पिछले साल यह केस में अपना डिफेंस वापस ले लिया जिससे भट्ट के खिलाफ आरोप तय करने
का रास्ता साफ हों गया था।
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