गडकरी की ज्यादातर
कंपनियों के पते गलत: आयकर
(निधि गुप्ता)
मुंबई (साई)। लगता
है भाजपाध्यक्ष नितिन गडकरी की दूसरी पारी के एलान के पहले ही उन्हें गुमनामी के
अंधेरे में जाना पड़ सकता है। नितिन गडकरी के पूर्ति ग्रुप की ज्यादातर कंपनियां और
उनके पते फर्जी हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हाल ही में पूर्ति की कंपनियों के
पतों पर छापे मारे,
लेकिन अधिकतर कंपनियां बस कागजात पर ही मिलीं।
आयकर विभाग के आला
दर्जे के सूत्रों ने बताया कि मुंबई के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने
अपनी पहली रिपोर्ट नागपुर और कोलकाता के अधिकारियों साथ साझा की है। नागपुर पूर्ति
ग्रुप का हेडक्वार्टर है और कोलकाता में भी कुछ कंपनियां हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि पूर्ति के अपनी
साझीदार कंपनियों से लेन देन का न तो कोई हिसाब किताब है और न कोई रिकॉर्ड रखा गया
है।
एक अधिकारी ने
पहचान उजागर ना करने की शर्त पर बताया कि इन कंपनियों के जो पते लिखाए गए हैं, वहां जांच दल तलाशी
के लिए गया, लेकिन वहां
कुछ है ही नहीं। ज्यादातर जगह तो दफ्तर नाम की कोई चीज ही नहीं थी। न कोई रिकॉर्ड
है न खाते। उक्त अधिकारी ने बताया कि अब वे पूर्ति की इन्वेस्टर होने का दावा करने
वाली इन कंपनियों में आने वाले धन का हिसाब किताब जांच रहे हैं।
पूर्ति पावर एंड
शुगर लिमिटेड से जुड़ी पांच कंपनियों के पते मुंबई के अंधेरी से ठाणे में ट्रांसफर
कराए गए। इनकी सूचना रजिस्ट्रार को दी गई। पहले इनके पते मुंबई की चॉल में थे।
लेकिन ठाणे में गोदामों में कंपनियों के दफ्तर चल रहे हैं। आयकर अधिकारियों का
कहना है कि ये कहने भर को ही दफ्तर हैं और वहां कुछ खास नहीं है।
नितिन गडकरी किसी भी
तरह की जांच करा लेने का दावा करते रहे हैं लेकिन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की इस
रिपोर्ट के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पार्टी में भी उनके खिलाफ आवाजें उठने
लगी हैं। संघ भी उनका साथ छोड़ता नजर आ रहा है। संघ ने कहा है कि गडकरी के बारे में
फैसला पार्टी को करना है।
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