लाजपत ने लूट लिया
जनसंपर्क ------------------ 9
गिरिजा शंकर के
खिलाफ पत्रकारों ने मोर्चा खोला
भोपाल (साई)।
गिरिजाशंकर को लेकर संघ से जुड़े कई पत्रकारों ने मोर्चा खोल दिया है। विभिन्न
पत्रकारों ने अलग अलग रूप से मुख्यमंत्री को अपनी भावना से अवगत कराया है और विरोध
दर्ज कराया है सूत्रों की माने तो संघ से जुड़े पत्रकार, पूर्व में इंदौर
स्वदेश के संपादक व वर्त्तमान में चरवैती के संपादक जयकिशन गौड़ इस दौड में सबसे
आगे थे और किन्तु शिवराज सरकार ने उन्हें लालबत्ती का वादा कर मझदार में छोड दिया
वहीँ जबलपुर के वरिष्ठ पत्रकार भगवती धर वाजपेयी भी इस दौड में थे किन्तु नियुक्ति
का निर्णय शिवराज द्वारा पूर्व में ही लिया जा चुका था संघ विचारधारा के पत्रकारों
का मानना है कि ष्कांग्रेस शासनकाल में मलाई काटने वाले पत्रकार आज भी सरकार के
करीब हैं और संघ की विचाधारा से जुड़े पत्रकार आज भी अपनी सही जगह नहीं पा सके
हैंष्। वहीँ संघ इस पूरे मामले पर नजर रखे हुए है।
0 कौन हैं गिरिजा शंकर
मूलतः छतीसगढ़ के
रहने वाले गिरिजाशंकर पूर्व में कांग्रेस शासन काल में दिग्विजय सिंह व अजित जोगी
व छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के भी मीडिया सलाहकार रह चुके है। वे दिग्विजय
सिंह के दलित एजेंडा को भी अमली जामा पहना चुके हैं संघ की विचाधारा से जुड़े
वरिष्ठ पत्रकार सूत्रों की माने तो उनका कहना है की ष्मध्यप्रदेश के जनसंपर्क
विभाग से गिरिजाशंकर का समस्त परिवार उपकृत है और मुख्यमंत्री ने वामपंथी
विचारधारा के व्यक्ति को सलाहकार संपादक बना अपने लिए एक नयी मुसीबत मोल ले ली है।
मुख्यमंत्री का ये मीडिया प्रेम समझ से परे है।ष्
शिवराज के लिए नित
नयी परेशानियां सामने आने के चलते दबी जबान में मंत्रिमंडल सहयोगी भी
ष्मतिभ्रष्टष् शब्द का प्रयोग कर इस मामले पर अपनी कन्नी काट रहे हैं।
वहीँ जनसम्पर्क
विभाग से जुड़े लोगों का कहना है-इससे पहले एक बार दिल्ली से आलोक तोमर को पूर्व
मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के जमाने में मध्यप्रदेश सन्देश का सलाहकार सम्पादक बनाया
गया था, लेकिन वह
प्रयोग असफल रहा था,
अधिकारी मानते हैं ऐसा ही हश्र इस प्रयोग का भी होगा। अब
देखना है कि मुख्यमंत्री आगे किसे उपकृत करते हैं? मुख्यमंत्री को
भरोसा है कि नयी नियुक्तियों के बाद सरकार के प्रतिदिन काले होते चेहरे में कुछ
निखार लाया जा सकेगा।
(इनसाईट टीवी न्यूज से साभार)
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