शुक्रवार, 18 जनवरी 2013

चुनावी साल में सो रहे शिव के गण!


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 39

चुनावी साल में सो रहे शिव के गण!

(आकाश कुमार)

नई दिल्ली (साई)। इस साल के अंत में मध्य प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में जनकल्याणकारी नीतियों की लंबी लाईन लगा रखी है। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता का ग्राफ दिनों दिन उपर ही उठ रहा है। विपक्ष चाहकर भी शिवराज पर हमले नहीं कर पा रहा है। इन परिस्थितियों में इस साल गणतंत्र दिवस पर मध्य प्रदेश की झांकी ना होना आश्चर्य का ही विषय माना जा रहा है।
ज्ञातव्य है कि देश के हृदय प्रदेश के निजाम शिवराज सिंह चौहान ने महिला सशक्तिकरण के लिए बेटी बचाओ अभियान का आगाज किया। इसके उपरांत 2007 में लाडली लक्ष्मी योजना का श्रीगणेश किया जिसमें लगभग साढ़े तेरह लाख बच्चियां अब तक लाडली लक्ष्मी बन चुकी हैं। महिलाओं पर आधारित तेजस्वनी योजना के तहत स्वसहायता समूहों का गठन भी किया गया है।
शिवराज सिंह चौहान के खाते की सबसे सुपर डुपर हिट योजना है मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना। इस योजना पर आधारित झांकी अगर इस साल गणतंत्र दिवस पर राजपथ से गुजरती तो निश्चित तौर पर मध्य प्रदेश सहित अन्य प्रदेशों में भाजपा को जमकर लाभ होता। इस योजना में उत्तराखण्ड, उड़ीसा, गुजरात, जम्मू काश्मीर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तमिल नाडू, झारखण्ड, कर्नाटक और महाराष्ट्र का चयन किया गया है।
इन राज्यों में जब तीर्थ दर्शन योजना की रेलगाडी जाती और उसकी जमकर पब्लिसिटी करवाई जाती तो निश्चित तौर पर इसका लाभ वहां भाजपा को मिल सकता था। इन राज्यों में भाजपा की स्थानीय इकाई अगर तीर्थ यात्रियों का स्वागत करती तो इसका संदेश बहुत ही अच्छा जा सकता था, विडम्बना ही कही जाएगी कि मध्य प्रदेश के सरकारी नुमाईंदे और शिवराज सरकार के अंगों ने इस दिशा में विचार ही नहीं किया।
देश की राजधानी दिल्ली के मंहगे व्यवसायिक इलाके कनाट सर्कस के बाराखम्बा रोड़ स्थिति मध्य प्रदेश आवासीय आयुक्त के कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि 2013 के अंत में चुनाव होने हैं और फिर अगली सरकार किसकी बनती है अगले साल गणतंत्र पर प्रदेश की झांकी क्या बनेगी यह बात भविष्य के गर्भ में है, किन्तु इस बार गणतंत्र दिवस पर चुनावी साल होने के बाद भी इसका फायदा मध्य प्रदेश के सरकारी नुमाईंदों ने शिवराज सिंह को नहीं लेने दिया, जो आश्चर्य का विषय ही माना जा रहा है। सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि मध्य प्रदेश जनसंपर्क के फील्ड पब्लिसिटी में पदस्थ एक अधिकारी इस बात से नाराज हैं कि उनका तबादला दिल्ली से वापस कर दिया गया था, इसलिए पिछले दो सालों से उन्होंने इस मामले में अपनी दिलचस्पी ना दिखाते हुए झांकी के प्रोग्राम से किनारा ही कर रखा है।

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