गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013

देहरादून : राज्यपाल ने सामाजिक सद्भाव से जुड़े ’’सबका मालिक एक’’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया


राज्यपाल ने सामाजिक सद्भाव से जुड़े ’’सबका मालिक एक’’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया

(अर्जुन कुमार)

देहरादून (साई)। ’’विश्व के सभी धर्मों का उद्देश्य और सबक है, मनुष्य के भीतर छिपी बुराईयों को दूर करके प्रेम, अमन, शांति तथा भाईचारे का वातावरण लाकर पूरे विश्व को एक सूत्र में बांधना लेकिन इतिहास गवाह है कि विश्व में सबसे ज्यादा बर्बरता और खून-खराबा भी धर्म के ही नाम पर हुआ है। इसका कारण है धर्म के मर्म को न समझने वाले नासमझ अनुयाइयों की नादानी।’’
यह उद्गार उत्तराखण्ड के राज्यपाल डॉ0 अज़ीज़ कुरैशी ने आज राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में व्यक्त किये। सामाजिक सद्भाव और समरसता की भावना से ओत-प्रोत ’’सबका मालिक एक’’ नाम से आयोजित इस कार्यक्रम को ’’स्नेहिल संस्था’’ द्वारा प्रस्तुत किया गया था जिसके अन्तर्गत राजभवन के प्रेक्षागृह की गैलरी में युवा चित्रकारों द्वारा अपने रंग और कूची (ब्रश) के माध्यम से चित्रित किये गये विभिन्न धर्मों के मानवता के सन्देश देने वाली बीस प्रभावशाली चित्रों की प्रदर्शनी तथा सूफी संगीत संध्या के माध्यम से भी विश्व शांति का सन्देश दिया गया।
गीता हूं कुरान हूं, मुझको पढ़ इंसान हंू मैं का संदेश लिए हुए तैल चित्रों का अवलोकन करने के बाद राज्यपाल ने हिमांशु दरमोड़ा, दीपक यादव तथा स्नेहिल संस्था की अध्यक्ष डॉ0 ममता सिंह की उत्कृष्ट स्तर की सूफी गायकी से प्रभावित होकर कहा कि ’’कलाकारों की इस संगीतमयी प्रस्तुति ने भारतीय संस्कृति की सर्वधर्म समभाव की भावना को विस्तारित किया। संगीत के शब्दों और सुरों में इतना दम है कि वह विश्व के किसी भी आतंकवाद से सामना कर सकता है। मेरी इच्छा है कि मैं इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से उत्तराखण्ड की प्रतिभाओं को उभरने का अवसर दूं इसके लिए मैंने उत्तराखण्ड में प्रथम बार अन्तरविश्वविद्यालयी युवा महोत्सव का आयोजन प्रारम्भ कराया जिसे युवाओं की सहमति से ’’राजीव गाँधी युवा महोत्सव’’ का नाम दिया गया है। मेरी यह भी इच्छा है कि स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी जरूरी सुविधाओं से वंचित पहाड़ों की सत्तर प्रतिशत आबादी के हर पिछड़े कोने तक हमारे युवा विकास की रोशनी पहुँचाने में सक्षम हों।’’
राज्यपाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर आज के कार्यक्रम का उद्घाटन किया। स्वागत सम्बोधन की औपचारिकता के पश्चात् संस्कृति संरक्षण एवं संवर्धन के लिए समर्पित कला संगठन स्नेहिल संस्था की अध्यक्ष डॉ0 ममता सिंह द्वारा संस्था की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए समाज में सद्भावना विकसित करने हेतु ऐसे कार्यक्रमों की निरन्तरता पर सबका ध्यानाकर्षित किया गया।
चित्रकला प्रदर्शनी में नवोदित चित्रकार डॉ0 एन0एल0 वर्मा, डॉ0 ममता सिंह, डॉ0 रीता तिवारी, डॉ0 विनीता दहिया, डॉ0 मीनाक्षी नौटियाल, ज़ाकिर हुसैन, डॉ0 शशि झा, शाहिस्ता, रीना गुप्ता, रंजना शर्मा, प्रियंका पटेल, अमृता रावत, जस्सी, दीपक, लता रावत आदि चित्रकारों के चित्र मुख्य रूप से प्रदर्शित किये गये। कार्यक्रम के दूसरे भाग में स्नेहिल के गायकों ने सूफी गायन से हिमांशु दरमौड़ा ने ’’नैन लगाये’’, ’’फासले ऐसे भी होंगे’’ तथा ’’आया तेरे दर पर दीवाना’’ तथा संस्था की अध्यक्षा डॉ0 ममता सिंह द्वारा  ’’छाप तिलक सब छीनी रे’’ एवं ’’तू ही मेरा सुकून, तू ही मेरा जुनून’’ गीत व कव्वाली की प्रस्तुति ने सभागार में आध्यात्मिक माहौल उत्पन्न किया। कार्यक्रम में परिसहाय श्री राज्यपाल डॉ0 वाई0एस0 रावत, डॉ0 एस0 फारूख़, डी0ए0वी0 कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ0 भसीन, डॉ0 सुधारानी पाण्डे, अवधेश कुमार, श्री आर0बी0 सिंह, डॉ0 पुनीत सैनी, डॉ0 रीता तिवारी, गीत-संगीत प्रेमी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति, कलाकार एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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