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में कैसे बन रहा पावर प्लांट . . . 10
सिंधिया की पिच खोद
रहे गौतम थापर!
(एस.के.खरे)
सिवनी (साई)।
आदिवासी बाहुल्य मध्य प्रदेश में दस सालों से सत्ता से बाहर कांग्रेस भले ही युवा
तुर्क और साफ सुथरी छवि वाले केंद्रीय उर्जा मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर दांव
लगाकर सत्ता में वापसी का सपना देख रही हो पर देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर
जिनका सियासी हल्कों में इकबाल बुलंद है के कदम ताल परोक्ष तौर पर ज्योतिरादित्य
सिंधिया को सामंती सोच का पोषक और आदिवासी विरोधी होने का प्रमाण पत्र देते नजर आ
रहे हैं।
ज्ञातव्य है कि देश
के उद्योगों में अग्रणी अवंथा समूह के अध्यक्ष सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौतम
थापर के स्वामित्व वाले इस प्रतिष्ठान के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर
लिमिटेड द्वारा मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकासखण्उ में
1260 मेगावाट क्षमता वाले पावर प्लांट की संस्थापना का काम 2009 से लगातार जारी
है।
इस पावर प्लांट की
स्थापना जिस जमीन पर की जा रही है वहां आदिवासियों की जमीनों की भरमार है।
आदिवासियों का आरोप है कि उनकी जमीनों को झाबुआ पावर लिमिटेड के गुर्गों के इशारों
पर कम कीमतों में खरीदकर उन्हें सोने के भाव संयंत्र प्रबंधन को बेचा गया है। जब
इन परिवार या क्षेत्र के लोगों को काम देने की बात आती है तो घंसौर विकासखण्ड क्या
सिवनी जिले के मजदूरों को काम देने में संयंत्र प्रबंधन पर आनाकानी के आरोप आम
हैं।
स्थानीय नागरिकों
ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि संयंत्र प्रबंधन वादाखिलाफी
कर रहा है। संयंत्र प्रबंधन द्वारा लगभग अंठयानवे फीसदी काम ठेके पर दिया है।
ठेकेदार चूंकि स्थानीय कुछ नेता नुमा लोगों के साथ ही साथ जबलपुर एवं नरसिंहपुर के
राजनैतिक रसूख वाले हैं अतः वे स्थानीय आदिवासियों एवं अन्य लोगों को काम पर नहीं
रख रहे हैं। गौतम थापर के गुर्गों द्वारा जो नीति अपनाई जा रही है उससे संयंत्र पर
आदिवासी और श्रृमिक विरोधी होने के आरोप लगने लगे हैं। माना जा रहा है कि किसी
नेता विशेष के इशारे पर मध्य प्रदेश के भावी मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट
ज्योतिरादित्य सिंधिया की पिच खोदी जा रही है।
चूंकि मामला केंद्र
सरकार के उर्जा मंत्रालय से संबंधित है और भाग्य से मध्य प्रदेश के युवा तुर्क
ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्र में उर्जा मंत्री हैं अतः प्रदेश में यह संदेश जाने
लगा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की शह पर गौतम थापर द्वारा आदिवासियों का शोषण
किया जा रहा है, जिससे उनकी
छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर सिवनी के पूर्व सांसद और भारतीय
जनता पार्टी में असंगठित मजदूर मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष प्रहलाद सिंह पटेल की
भी मजदूरों के मसले में चुप्पी अनेक संदेहों को जन्म दे रही है।
(क्रमशः जारी)
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