गैस एजेंसियों की
मनमानी जारी
(सोनल सूर्यवंशी)
भोपाल (साई)। रसोई
गैस के डिस्टीब्यूटर्स द्वारा अपने उपभोक्ताओं को सुविधाओं के बारे में ना तो पूरी
तरह बताया जाता है और ना ही समझाया जाता है। रसोई गैस उपभोक्ताओं को जानकारी के
अभाव में बीमा सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है। जिले में विभिन्न कंपनियों के लगभग
दर्जन भर गैस एजेंसी है।
इसमें हजारों
उपभोक्ताओं के खाते से सुरक्षा जांच व निरीक्षण के नाम पर रुपये तो काटे जा रहे
हैं, लेकिन
दुर्घटना बीमा का लाभ अब तक एक भी उपभोक्ता को नहीं मिला है। एलपीजी गैस उपभोक्ता
नियमावली के अनुसार दो वर्षाे में 50 रुपये जांच में खर्च करने के बाद कंपनी
द्वारा दस लाभ रुपये के दुर्घटना बीमा का लाख दिया जाता है।
देश भर के सभी गैस
उपभोक्ताओं को सुरक्षा जांच निरीक्षण पूर्ण मान्य होने पर बीमा का लाभ मिलता है।
सुरक्षा जांच अधिकारी द्वारा मान्यता दिये जाने के बाद यदि दो वर्ष की अवधि में
आगजनी या अन्य प्रकार की दुर्घटना होती है तो नुकसान के आधार पर रुपये मिलता है।
सुरक्षा जांच के
दौरान एजेंसी को यह सुनिश्चित करना होता है कि सिलिंडर, रेगुलेटर, नॉव व टयूब टीक
स्थिति में है। वहीं रसोइघर में सिलिंडर व गैस चूल्हे के पास कोई ज्वलनशील पदार्थ
तो नहीं है। चूल्हे के पास किसी घर में भगवान का दीप तो नहीं जलता है। साथ ही
उपभोक्ताओं को गैस के प्रयोग व सुरक्षा के बारे में कितना जागरूक है। चूल्हे की
क्वालिटी कैसी है। इसकी जानकारी प्राप्त करना भी सुरक्षा जांच में शामिल है।
गैस एजेंसी के
मालिकों की मनमानी के कारण उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। अगर
कंपनी उन्हें जानकारी देना भी चाहती है तो एजेंसी मालिक कोई-न-कोई बहाना बना कर बात
टाल जाते हैं। दूसरी ओर किसी भी गैस एजेंसी में सुरक्षा निरीक्षक ही नियुक्त नहीं
है। ऐसे में उपभोक्ताओं को बीमा योजना का लाभ कैसे मिल पायेगा।
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