आईआरसीटीसी पर लगा
दस लाख का फटका!
(महेश)
नई दिल्ली (साई)।
अगर आपसे चलती रेल में या रेल्वे प्रमाईसेस के अंदर आईआरसीटीसी द्वारा निर्धारित
से अधिक कीमत पर माल बेचा जाता है तो आप शांत मत रहिए आप खटखटाईए कंज्यूमर्स कोर्ट
का दरवाजा। दिल्ली की उपभोक्ता प्रतितोषण अदालत ने आईआरसीटीसी को दस लाख का
जुर्माना ठोंका है।
इंडियन रेलवे
कैटरिंग एंड टूरिजम कॉर्पाेरेशन (आईआरसीटीसी) पर 10 लाख रुपए का यह जुर्माना
कन्जयूमर फोरम ने एमआरपी से अधिक कीमत वसूलने के लिए लगाया है। दो कन्जयूमर्स ने
आईआरसीटीसी पर अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से अधिक कीमत पर कोल्डड्रिंक बेचने का
आरोप लगाया था जिसे सही पाए जाने के बाद कन्जयूमर फोरम ने यह जुर्माना लगाया है।
दिल्ली जिला
उपभोक्ता निवारण फोरम ने दो अलग-अलग मामले में भारतीय रेलवे की सहायक आईआरसीटीसी
पर पांच-पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया। सीके चतुर्वेदी की अध्यक्षता वाली बेंच
ने फैसले में कहा कि उन्होंने इस मामले को व्यापार के तय मानकों के खिलाफ पाया।
उपभोक्ता निवारण फोरम ने कहा कि आईआरसीटीसी एक सरकारी संस्था है और उससे ऐसी
उम्मीद नहीं जा सकती है कि वे ग्राहकों को ठगे।
बेंच ने कहा कि
सरकार के कॉर्पाेरेशन में चलने वाली आईआरसीटीसी प्राइवेट डीलर्स की तरह काम कैसे
कर सकती है। यह ट्रेन में लाखों यात्रियों को खाद्य सामग्रियां उपलब्ध कराती है।
यात्री कई बार इसका विरोध नहीं कर पाते हैं। फोरम ने आईआरसीटीसी को 5-5 लाख के
जुर्माने के साथ दोनों ही पीड़ितों को 10-10 हजार रुपए का हर्जाना भरने का निर्देश
भी दिया है। दिल्ली के रहने वाले सचिन धीमान और शर्नया ने आरोप लगाया था कि
आईआरसीटीसी की खुदरा दुकान ने एक सॉफ्ट ड्रिंक्स की बोतल 12 रुपए के बजाए 15 रुपए
में बेची।
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