गुरुवार, 21 जून 2012

नई उचाईयों की ओर एम्स


नई उचाईयों की ओर एम्स

(रश्मि सिन्हा)

नई दिल्ली (साई)। भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स का नाम आते ही देश की बेहतरीन चिकित्सा सुविधा की कल्पना होने लगती है। देश के गणमान्य जनप्रतिनिधियों द्वारा भी इस संस्थान पर पूरा एतबार जताया जाता रहा है। दुनिया में पहली बार 34 उंगली वाले बच्चे को 20 उंगली वाला बनाने की मैराथन सर्जरी अंतिम चरण में है।
एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि हम सिर्फ एक कदम दूर हैं। बच्चे की तीन सर्जरी सफल हो चुकी हैं। दो पैरों और एक हाथ के बाद अब दूसरे हाथ की सर्जरी की तैयारी चल रही है, जो कि अंतिम सर्जरी होगी। गौरतलब है कि पिछले वर्ष जून में एम्स में भर्ती हुआ था 15 महीने का अक्षत। उसके दोनों पैरों में 10-10 और हाथों में 7-7 उंगलियां हैं।
सर्जरी की शुरुआत पैरों की उंगली से की गई। नियमित अंतराल पर 10-10 उंगली वाले पैर की सर्जरी कर उसे पांच उंगली का बनाया गया। पैर की उंगली होने की वजह से अतिरिक्त पांच उंगली निकाल दी गई और किनारे की उंगली को अंगूठे जैसी शक्ल देने की जरूरत महसूस नहीं हुई।
मुख्य चुनौती हाथ की 7-7 उंगलियों की सर्जरी कर पांच उंगलियां बनाना था, जिनमें एक अंगूठा भी होना था। सर्जरी के दौरान हाथ की दोनों अतिरिक्त उंगलियों को काट कर हटाया गया और एक उंगली को अंगूठे की शक्ल दी गई। उंगली को अंगूठे की शक्ल देना और वैसे रक्तप्रभाव वाली नस से जोड़ना मुख्य चुनौती रहा। यह काफी दुर्लभ मामला है। इससे पहले चीन में एक मामला आया था जिसमें 31 उंगलियां थीं। गिनीज बुक ऑफ वर्घ्ल्ड रिकार्ड में दर्ज अक्षत की सर्जरी एम्स के ऑर्थाेपेडिक विभाग प्रमुख डॉ. पीपी कोतवाल द्वारा की जा रही है।

कोई टिप्पणी नहीं: