गुरुवार, 21 जून 2012

भूरिया खुर्शीद में खिंची तलवारें!


भूरिया खुर्शीद में खिंची तलवारें!

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बीच अघोषित शीत युद्ध छिड़ गया है। हाल ही में भोपाल यात्रा पर आए सलमान खुर्शीद से मिलने कोई नेता नहीं पहुंचा तो वहीं दूसरी ओर उन्होंने भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय जाने की जहमत नहीं उठाए। भाजपा सरकार के सत्कार से प्रफुल्लित खुर्शीद ने गुफरान आजम की तारीफ में कशीदे गढ़कर सभी को चौका दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ऑल इंडिया वक्फ कॉन्फ्रेंस में शामिल होने भोपाल आए केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद का स्वागत करने कोई भी कांग्रेस नेता राजा भोज एयरपोर्ट नहीं पहुंचा। किसी बड़े नेता ने उनसे मुलाकात भी नहीं की। खुर्शीद अपने प्रवास के दौरान प्रदेश कांग्रेस कार्यालय भी नहीं गए। प्रदेश कांग्रेस के नेताओं की उम्मीद के विपरीत खुर्शीद मप्र वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष गुफरान आजम की तारीफ भी कर गए।
कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि अमूमन केंद्रीय मंत्रियों और कांग्रेस पदाधिकारियों के आगमन पर प्रदेश और जिला कांग्रेस अध्यक्ष उनका स्वागत करते हैं। सेवा दल उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देता है। युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस और एनएसयूआई भी उनका स्वागत करते हैं। इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देश हैं कि केंद्रीय मंत्री जिस भी राजधानी में जाएं, वहां पीसीसी जरूर पहुंचें। इस परंपरा से उलट ना तो भूरिया ना ही जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने खुर्शीद का स्वागत करने की जहमत उठाई और ना ही खुर्शीद ने ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर रूख किया।
कांग्रेस के बजाए भाजपा के नेताओं ने खुर्शीद की आगवानी की। एयरपोर्ट पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री अजय विश्नोई और वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष गुफरान आजम ही मौजूद थे। खुर्शीद ने विश्नोई के निवास पर नाश्ता भी किया। उधर, गुफरान आजम ने प्रदेश भाजपाध्यक्ष प्रभात झा को दोपहर भोज का निमंत्रण दिया है। झा ने इसकी पुष्टि की है। अल्पसंख्यक नेता निजामुद्दीन अंसारी, अकबर बेग और सईद अहमद सुरूर ने खुर्शीद को गुफरान आजम के बयानों के संबंध में ज्ञापन देकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
बताया जाता है कि आजम के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का मामला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के दरबार में पहुंच गया है। वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि हैं। इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई का अधिकार भी एआईसीसी को है। मप्र प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव बीके हरिप्रसाद ने प्रदेशाध्यक्ष कांतिलाल भूरिया की सिफारिश के साथ कार्रवाई की फाइल सोनिया गांधी तक पहुंचा दी है।

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