प्रतिनियुक्ति की
मलाई पर राज्य भी सख्त
(आकाश कुमार)
नई दिल्ली (साई)।
देश भर की राज्य सरकारों की मांग है कि दिल्ली में प्रति-नियुक्ति पर आए उनके
अधिकारियों को वापस भेजा जाए। राज्यों की इस मांग पर डीओपीटी ने जब ऐसे अधिकारियों
की लिस्ट बनाई तो वह खुद हैरान रह गई। ऐसा पाया गया कि अगर सभी अधिकारियों को एक
साथ भेज दिया जाए तो फिर केंद्र सरकार का कामकाज प्रभावित हो जाएगा। मामले को
सुलझाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है।
कौन-कौन अधिकारी
दिल्ली में रहेेंगे और किन्हें उनके गृह राज्य भेजा जाएगा इस पर अंतिम फैसला समिति
31 जुलाई तक
करेगी। इस उच्च स्तरीय समिति में सभी विभागों के विभागाध्यक्षों को शामिल हैं और
उन्हें यह बताने को कहा गया है कि वे किन अधिकारियों को रखना चाहते हैं। उन्हें यह
भी बताना है कि इन अधिकारियों की जरूरत कितने वक्त तक होगी।
तमाम राज्यों को
मिलाकर वर्तमान में आईएएस और आईपीएस के लगभग 3100 पद खाली हैं।
हालांकि दूसरे सर्विस काडर में खाली पदों की संख्या इस लिहाज से कम है। इस वजह से
तमाम राज्यों में गवर्नेंस से जुडे़ काम प्रभावित हो रहे हैं और तमाम राज्य अपने
अधिकारियों को लौटाने की मांग कर रहे हैं।
खाली पड़े तमाम पदों
को कैसे और कब तक भरा जाए इस बारे में एक निर्णायक मीटिंग अगले महीने होने वाली
है। मीटिंग में डीओपीटी के अधिकारियों के साथ-साथ यूपीएसएसी के अधिकारी भी शामिल
होंगे। डीओपीटी ने इस बारे में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन
(आईआईपीए) के एक्सपर्ट्स से कार्य योजना बनाने को कहा था। आईआईपीए ने इस बारे में
रिपोर्ट सौंप दी है। आईपीएस की कमी दूर करने के लिए होम मिनिस्ट्री पहले ही अपनी
योजनाओं को पेश कर चुकी है।
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