प्रकृति का शोषण
नहीं दोहन करना चाहिए: चौहान
(रश्मि सिन्हा)
नई दिल्ली (साई)।
प्रकृति का शोषण नहीं दोहन करना चाहिए। प्रकृति को अपनत्व के भाव से देखने की
जरूरत है जो कि अभी तक देखा नहीं गया है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज
सिंह चौहान आज यहां नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश में निवेशकों
को आमंत्रित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम में
मध्यप्रदेश के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री अजय विश्नोई भी शामिल थे।
श्री चौहान ने
निवेशकों को नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के
क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि सूर्य के प्रकाश को ऊर्जा
में बदला जा सकता है और प्रदेश में इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। इस कार्य
के लिए प्रदेश सरकार कटिबद्ध है। इसको राज्य सरकार एक मिशन मानकर चला रही है। श्री
चौहान ने बताया कि गुजरात और राजस्थान के बाद मध्यप्रदेश में सूर्य का प्रकाश काफी
लम्बे समय तक आता है जिसका दोहन किया जाना
चाहिये। श्री चौहान ने बताया कि पहले मध्यप्रदेश पिछड़े राज्यों की श्रेणी आता था
लेकिन अब पिछले आठ साल में हुए विकास कार्यों से अब विकसित राज्यों की श्रेणी में
आ गया है। प्रदेश की विकास दर पिछले साल 11.89 प्रतिशत थी और कृषि में विकासदर 18 प्रतिशत हो गयी
है। कृषि को लाभ का धंधा बना दिया है ।
ऊर्जा के क्षेत्र में भी काफी तरक्की हुई है। आज मध्यप्रदेश 8 हजार मेगावार
बिजली का उत्पादन कर रहा है। सन् 2013 तक हर गॉव में 24 घंटे बिजली
आपूर्ति का लक्ष्य तय कर कार्य शुरू कर दिये हैं।
श्री चौहान ने
बताया कि मध्यप्रदेश नवीकरणीय ऊर्जा- सोलर, वायु, बायोमास, और छोटी पनबिजली
योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने एक नई योजना बनायी है जिसके अंतर्गत
राज्य सरकार द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के लिए विभिन्न रियायतों सहित सरकार
द्वारा इस क्षेत्र में उद्योग लगाने के लिए चिन्हित स्थान और अन्य सुविधाएं तय की
गयी हैं।
नवीन एवं नवीकरणीय
ऊर्जा मंत्री श्री अजय विश्नोई ने निवेशकों को नई नीति के बारे में बताया और शासन द्वारा इस क्षेत्र में उद्योग
लगाने के लिए निवेशकों को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर राज्य
सरकार के ऊर्जा सचिव श्री एस.आर. मोहन्ती, उद्योग आयुक्त श्री राकेश चतुर्वेदी, ऊर्जा विकास निगम
के अध्यक्ष श्री विजेन्द्र सिंह सिसोदिया और मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम के
प्रबंध संचालक श्री मनु श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।
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