शुक्रवार, 7 सितंबर 2012

ठाकरे दिग्गी आमने सामने


ठाकरे दिग्गी आमने सामने

(दीपक अग्रवाल)

मुंबई (साई)। क्षेत्रवाद, भाषावाद की आग अब और तेज होती दिख रही है। एक तरफ शिवसेना और मनसे द्वारा आपला मानुष की हिमायत की जा रही है तो दूसरी ओर कांग्रेस के महासचिव राजा दिग्विजय सिंह ने ठाकरे ब्रदर्स के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। दिग्गी राजा कभी ठाकरे ब्रदर्स को एमपी के बालाघाट, तो कभी धार तो कभी बिहार का निरूपित करते हैं।
उधर, वेमनस्य का बीज बोकर बट वृक्ष खड़ा करने की चाहत में ठाकरे ब्रदर्स अब एक होते दिख रहे हैं। नफ़रत की आंधी चलाने वाले भतीजे को चाचा का साथ मिल गया है। शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे, राज ठाकरे के समर्थन में उतर आए हैं। उन्होंने बिहार के नेताओं को धमकी भरे अंदाज़ में नसीहत दी है और कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह पर अभद्र टिप्पणी की है।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह को निशाना बनाते हुए बाल ठाकरे ने लिखा है कि बिहार के मुद्दे पर कांग्रेस के नेता बेवजह ज्ञान देते रहते हैं, दिग्विजय सिंह तो बिना पैसे के नाचने वाले नर्तक हैं। बाल ठाकरे ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में लेख लिखकर कहा है कि बिहार के नेता अपनी ज़ुबान बंद रखें। ठाकरे बिहारी नहीं बल्कि असली मराठी हैं और ज़रूरत पड़ी तो शिवाजी के ख़ून का असर दिखा देंगे।
ठाकरे ने नीतीश कुमार को नसीहत दी है कि वे इस पचड़े से दूर रहें। क्योंकि कादिर मुंबई में हुई हिंसा का आरोपी है। उसने अमर जवान ज्योति पर तोड़फोड़ करके शहीदों का अपमान किया है। ऐसे लोग किसी भी राज्य के हों, लेकिन देश के नहीं होते। लिहाज़ा, कोई भी ऐसे आरोपियों की वकालत ना करे।

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