प्रबंधक बन गए
पत्रकार: प्रभात झा
(पूनम वैभव)
दमोह (साई)। एक
दिवसीय प्रवास पर दमोह आए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा ने स्थानीय सर्किट
हाउस में एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया। पत्रकारों से रुबरु हुए प्रभात झा ने
अपने विचार प्रकट करते हुए प्रदेश की राजनैतिक उथल-पुथल पर प्रकाश डाला, वहीं आगामी प्रदेश
अध्यक्ष के चुनाव को लेकर भी चर्चा की।
श्री झा ने बताया
कि इस कार्यक्रम के बाद प्रदेश के 230 विस क्षेत्रों में उनके संपर्क शुरू हो
जाएंगे। उनकी यह बात आगामी प्रदेश प्रतिनिधियों की ओर इशारा कर रही है,जिनसे उनके दोबारा
प्रदेश अध्यक्ष बनने का सपना तैयार है। भाजपा का प्रतिनिधित्व कर रहे झा प्रदेश
में आईएएस अफसरों द्वारा की जा रही प्रतिनियुक्ति की मांग पर टिप्पणी करने से
हिचकिचाते नजर आए और अपने जवाब में कहा कि आईएएस अधिकारी प्रतिनियुक्तियों के लिए
उतावले क्यों हैं,
इस बात का उत्तर तो सरकार ही दे सकती है।
पत्रकार वार्ता में
पत्रकारों के हितैषी बने प्रभात झा ने कहा कि आज का पत्रकार सुरक्षित नहीं है, बल्कि उसकी भूमिका
महज एक प्रबंधक की रह गई है। श्री झा ने अपने विचारों की प्रस्तुति करते हुए कहा कि
जब वह पत्रकार जीवन जी रहे थे, तब उनसे किसी ने नहीं कहा कि ऐसा क्यों लिख
रहे हो।
अपने अनुभव बता रहे
झा ने कहा कि आज का पत्रकार लिखने के लिए प्रतिबंधित है, उसे बताया जाता है
कि किसके विरुद्ध नहीं लिखना और किसके खिलाफ क्या लिखना है, यह कोई पत्रकारिता
नहीं। पत्रकारों को अपना समझ रहे प्रभात झा ने कहा कि पत्रकार का जीवन सुरक्षित
नहीं है और न ही उसके कार्य की कोई गारंटी है।
भावावेश में बोलते
हुए मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष प्रभात झा यह भूल गए कि उनकी ही
पार्टी की मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क महकमे द्वारा संघ या भाजपा विचारधारा
वाले पत्रकारों को तबियत से उपकृत किए जाने की खबरें राष्ट्रीय स्तर पर उछल रही
हैं। जनसंपर्क विभाग द्वारा विज्ञापन भी चीन्ह चीन्ह कर दिए जाने के आरोप
सार्वजनिक हो रहे हैं।
संघ परिवार का
एकाउंट बंद करने के लिए टेलीकॉम मिनिस्ट्री द्वारा इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को
दिए गए निर्देश पर अपनी टिप्पणी करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा ने
कहा कि सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम आपात काल की शुरुआत है। श्री झा ने कहा कि
इस तरह की कार्रवाई कर सरकार ने अपनी हठधर्मिता का परिचय दिया है। अभिव्यक्ति की
स्वतंत्रता में इस तरह के इंटरनेट एकाउंट शामिल हैं। लेकिन यह तो तानाशाही है कि
संघ परिवार का एकाउंट बंद कर दिया गया।
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