दिग्गी के तीर से
सहमे केजरीवाल
(मणिका सोनल)
नई दिल्ली (साई)।
अपने तीखे सवालों से सत्ता पक्ष और विपक्ष की नींद हराम कर देने वाले केजरीवाल अब
दिग्विजय सिंह सवाले के सामने चारों खाने चित नजर आ रहे हैं। दिग्विजय सिंह द्वारा
27 सवालों की
लंबी फेहरिस्त भेजने के एक दिन बाद भी टीम केजरीवाल एक भी सवाल का जवाब देने को
तैयार नहीं।
टीम केजरीवाल का
मानना है कि दिग्विजय सिंह को अगर इन सवालों के जवाब दिए गए, तो वह फिर नए सिरे
सवाल पूछेंगे। साथ ही टीम केजरीवाल का यह भी कहना है कि दिग्विजय के सावलों में से
एक भी सवाल देश से जुड़ा नहीं है, इसलिए जवाब देने की कोई जरूरत नहीं। यह
सिर्फ दिग्विजय सिंह की एक चाल है। वह जनता को करप्शन के मुद्दे से भटकाना चाहते
हैं। हालांकि, दिग्विजय
के कई सवाल केजरीवाल से व्यक्तिगत हैं, लेकिन कुछ सवाल उनके आंदोलन और एनजीओ से भी
जुड़े हैं।
अपने तीखे सवालों
से राजनीति के दिग्गजों को चारों खाने चित करने वाले वाले केजरीवाल पर दिग्गविजय
सिंह के सवाल भारी पर रहे हैं। अपनी पादर्शिता की ढिंढोरा पीटने वाली टीम केजरीवाल
दिग्विजय के सवालों पर लीपापोती करती नजर आ रही है। टीम केजरीवाल को लग रहा है कि
अगर उन्होंने दिग्विजय के सवालों के जवाब दिए तो फंसने का डर है। उन्हें लग रहा है
कि दिग्विजय ने पहले सबूतों को इक्ट्ठा किया है फिर सवाल दागे हैं।
दिग्विजय सिंह के
सवालों पर अरविंद केजरीवाल ने पलटवार किया है। केजरीवाल ने कहा कि वह दिग्विजय के
सवालों का तभी जबाव देंगे जब पहले उनके सवालों का जवाब मिले। केजरीवाल ने कहा है
कि उन्होंने भी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के
दामाद रॉबर्ट वाड्रा से भी सवाल पूछे थे, पहले उन सवालों के जवाब मिलने चाहिए।
केजरीवाल ने दिग्विजय को जनता के सामने तमाम सवालों पर बहस की चुनौती दी है।
उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं। उन्हें
प्रधानमंत्री, सोनिया और
राहुल को सार्वजनिक बहस के लिए जनता सामने लाना चाहिए। अगर दिग्विजय ऐसा नहीं पाएं
तो कांग्रेस में रहने का उनका कोई मतलब नहीं।
टीम केजरीवाल के
अहम सदस्य संजय सिंह ने भी कहा है कि आम आदमी के सहारे सरकार चलती है। हमने 15 मंत्रियों से सवाल
पूछे, लेकिन हमें
एक भी सवाल का जवाब नहीं मिला। सरकार की जवाबदेही जनता के प्रति है तो उसे सामने
आकर खुली बहस करना चाहिए। संजय सिंह ने कहा कि ऐसे में दोनों पक्ष एक दूसरे के
सवाल का जवाब देंगे।
इस मामले पर टीम
केजरीवाल के अहम सदस्य मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिग्विजय सिंह की विश्वसनीयता नहीं
है। वह सिर्फ कांग्रेस परिवार को बचाने के लिए इस तरह की हरकत करते हैं। मनीष ने
कहा कि क्या दिग्विजय सिंह ने कभी किसानों की जमीन हड़पने वाले रॉबर्ट वाड्रा से
सवाल किया है? क्या
उन्होंने कोयला घोटाले से जुड़े मामलों में किसी से सवाल पूछा है? दिग्विजय सिर्फ
भ्रष्टाचार के मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने का काम करते हैं। दूसरी तरफ
दिग्विजय सिंह का कहना है कि केजरीवाल को उनके सवालों के जवाब देने चाहिए। ये सवाल
अहम हैं और देश से जुड़े हैं।
कांग्रेस महासचिव
दिग्विजय के कुछ सवाल इस प्रकार हैं:-
क्या यह सच है कि 20 साल की आईआरएस की
नौकरी के दौरान आपकी पोस्टिंग दिल्ली से बाहर नहीं हुई?
क्या आपकी आईआरएस
पत्नी का भी कभी दिल्ली से बाहर तबादला नहीं हुआ?
आपने अपनी स्टडी
लीव की रिपोर्ट सरकार को क्यों नहीं दी?
आपके एनजीओ कबीर को
फोर्ड फाउंडेशन से कितना पैसा मिला?
इन पैसों का
इस्तेमाल कहां किया गया?
क्या इन पैसों का
इस्तेमाल करप्शन को मिटाने के लिए किया गया?
आपका एक बार चंडीगढ़
ट्रांसफर हुआ, लेकिन आपने
जॉइन नहीं किया?
क्या यह सच है कि
चंडीगढ़ ट्रांसफर के बाद वीआरएस लेने की कोशिश की?
क्या आपने नौकरी
में रहते हुए एनजीओ बनाने के लिए सरकार से इजाजत मांगी थी?
सरकारी नौकरी करते
हुए विदेशी संस्था से पैसे लेने की इजाजत ली?
आपकी कोर कमिटी के
एक सदस्य ने 20 करोड़
रुपये की धांधली का आरोप लगाया, आपने इसका जवाब क्यों नहीं दिया?
आप अमेरिकी एनजीओ
आवाज के साथ रिश्तों का खुलासा करेंगे?
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