छग में हुआ एक हजार
करोड़ का नुकसान
(आंचल झा)
रायपुर (साई)।
छत्तीसगढ़ विद्युत उत्पादन कंपनी ने दस करोड़ की मशीन के लिए एक हजार करोड़ रूपए का
नुकसान उठाया। डीएसपीएम पॉवर प्लांट को करीब सवा साल बाद जनरेटर उपलब्ध
हुआ।उत्पादन कंपनी के डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी थर्मल पॉवर प्लांट की 250 मेगावाट क्षमता
वाली यूनिट क्रमांक दो का जनरेटर ट्रांसफार्मर पिछले साल 20 जून को बर्स्ट हो
गया था।
कंपनी ने नया जीटी
खरीदने के बजाय एचटीपीपी प्लांट में स्पेयर में रखे कम क्षमता वाला जीटी लगा दिया।
इससे 250 मेगावाट
क्षमता वाली यूनिट से 210 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है। करीब सवा साल से रोजाना 40 मेगावाट कम
उत्पादन होने से कंपनी को एक हजार करोड़ रूपए से भी अधिक का नुकसान हो चुका है।
ऊर्जा विभाग ने प्लांट को नया जीटी उपलब्ध कराने के बजायनिजी कंपनियों से बिजली
खरीद ज्यादा मुनासिब समझा।
ऊर्जा विभाग के
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी थर्मल
पॉवर प्लांट को 17 महीने बाद
जीटी उपलब्ध कराया है। बीएचईएल के हरिद्वार प्लांट से जीटी रवाना होकर रविवार को
कोरबा पहुंचा। इसकी लागत 10 करोड़ रूपए बताई गई है। ऊर्जा सचिव अमन सिंह जीटी का निरीक्षण
करने कोरबा पहुंच रहे हैं। वे सोमवार को अधिकारियों की बैठक भी लेंगे।
वहीं दूसरी ओर
सचिवालयीन सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जीटी बर्स्ट होने के
मामले में जिन अधिकारियों को दोषी पाया गया था, उनके खिलाफ अभी तक
कार्रवाई नहीं की गई, बल्कि उन्हें पदोन्नति दे दी गई है। कंपनी ने इसकी जांच के
लिए चार सदस्यीय कमेटी गठित की थी। कमेटी ने तत्कालीन कार्यपालन अभियंता डी महतो
समेत तीन को दोषी ठहराया था। इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, वरन् महतो को
पदोन्नत कर मुख्य अभियंता का प्रभार सौंप दिया गया है।
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