सोमवार, 19 नवंबर 2012

उबाऊ चेहरों से घिरे राहुल


उबाऊ चेहरों से घिरे राहुल

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। मीडिया में जिस तरह कांग्रेस की नजर में भविष्य के वजीरे आजम राहुल गांधी को बड़ी भूमिका के लिए महिमा मण्डित किया जा रहा है वह कहीं भी देखने को नहीं मिल पा रहा है। भले ही राहुल गांधी को कांग्रेस ने चुनाव समन्वय समिति की जवाबदेही सौंप दी हो पर कार्यकर्ताओं में उस्ताह और जोश का संचार अब भी नहीं हो पाया है। इसका कारण राहुल गांधी के इर्द गिर्द एक बार फिर से सोनिया गांधी के टेस्टेड किन्तु उबाऊ चेहरों का होना है।
कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ (बतौर सांसद श्रीमति सोनिया गांधी को आवंटित सरकारी आवास) के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि राहुल गांधी की इस नई ताजपोशी के बाद के समीकरणों से सोनिया गांधी बहुत ज्यादा उत्साहित नजर नहीं आ रही हैं। सोनिया गांधी को लगने लगा है कि राहुल गांधी की रीलांचिंग भी फुस्स हो गई है। सूत्रों ने कहा कि सोनिया गांधी को बताया गया है कि दरअसल, राहुल के लिए बड़े रोल की मांग कर रहे पार्टी नेता और कार्यकर्ता उन्हें ऐसी भूमिका में देखना चाहते हैं जहां वे नेताओं, कार्यकर्ताओं और आम लोगों से मिलने के लिए उपलब्ध हों।
उधर, राहुल गांधी के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि वर्तमान में 12 तुगलक लेन के जिस बंगले से राहुल अपना ऑफिस चला रहे हैं, वहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के लिए भी राहुल से मिलना और आमने-सामने बैठ कर देर तक बात कर पाना संभव नहीं हो पाता। कई बार लॉन में बड़े नेता कुर्सियों पर बैठे रहते हैं और राहुल उनसे एक साथ या घूमते हुए बात कर लेते हैं।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने पहचान उजागर ना करने की शर्त पर कहा कि राजनति को कार्पोरेट या अपने मनमाने ढंग से चलाने की कोशिश आत्मघाती ही साबित होगी। राजनीति तौर तरीकों से ही चला करती है। राहुल गांधी जिन चंद नेताओं से घिरे हुए हैं उन सारे नेताओं की छवि आम जनता और कार्यकर्ताओं में बहुत अच्छी नहीं कही जा सकती है।
सोनिया के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑॅफ इंडिया को बताया कि राहुल गांधी की कमियों से सोनिया अच्छी तरह वाकिफ हो चुकी हैं। सोनिया चाहती हैं कि राहुल की कमियों को दूर भी कर दिया जाए और इसका किसी को भान भी ना हो। संभवतः यही कारण है कि सोनिया गांधी ने अपने सारे अजमाए हुए लोगों से ही राहुल गांधी को घेर दिया है।
टीम में राहुल के बाद पहला नाम सोनिया के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल का है, जिन्हें पार्टी में एपी के नाम से जाना जाता है। वह कांग्रेस अध्यक्ष के आंख और कान हैं। बड़े केंद्रीय मंत्रियों से लेकर मुख्यमंत्रियों तक की लाइन आधी रात को उनके घर पर लगी रहती है। रात को काम करने के लिए मशहूर एपी के खिलाफ उनके समकक्ष नेताओं ने कई बार बड़ा माहौल बनाया। मगर वह सोनिया के विश्वास पात्र बने हुए हैं। इसी तरह दिग्विजय सिंह के खिलाफ भी कांग्रेस में एक लॉबी हमेशा सक्रिय रहती है। लेकिन इससे बेफिक्र वह सोनिया और राहुल दोनों के विश्वास पात्र बने हुए हैं। जयराम रमेश भी विवादों को दावत देते हैं, मगर उनके नए विचार पार्टी को पसंद आ रहे हैं।

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