मंगलवार, 22 जनवरी 2013

सरकार का दोहरा चेहरा: सड़क को ना, रेल को हां!


सरकार का दोहरा चेहरा: सड़क को ना, रेल को हां!

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। एनएचएआई के ठेकेदार इस बात को लेकर परेशान हैं कि उन्हें वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से सड़क बनाने के लिए आवश्यक मंजूरी नहीं मिल पा रही है। इसी के चलते वे काम को बीच में ही छोड़ रहे हैं, वहीं भारतीय रेल का दावा है कि उसकी परियोजनाओं के लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय का पूरा पूरा सहयोग मिल रहा है।
उल्लेखनीय है कि देश के विभिन्न हिस्सों में माल जल्दी और बिना किसी बाधा के पहुंचाने के लिए रेल मंत्रालय डीएफसी के दो गलियारे बना रहा है। इनमें एक पूर्वी हिस्से को जोडे़गा और दूसरा पश्चिमी हिस्से को। अभी तक जो प्रस्ताव है इसके मुताबिक डीएफसी की योजना 2016 तक शुरू होनी है।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनय मित्तल ने डीएफसी की प्रगति को लेकर हुई समीक्षा बैठक में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की खुलकर तारीफ की। उन्होंने बताया कि डीएफसी के लिए नौ राज्यों के 61 जिलों में करीब 8 हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है। अब तक कुल जमीन का 82 प्रतिशत अधिग्रहण कर लिया गया है। शेष 18 प्रतिशत की भी प्रक्रिया चल रही है। जल्दी ही इसे पूरा कर लिया जाएगा।
मित्तल ने रेल मंत्री को बताया कि डीएफसी के लिए दो अभ्यारण्यों और एक पक्षी अभ्यारण्य से अनुमति मिल गई है। इस काम में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के साथ-साथ महाराष्ट्र एवं गुजरात की सरकारों ने भी बहुत मदद की है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में करीब एक हजार किलोमीटर लाइन का ठेका दे दिया जाएगा। 

कोई टिप्पणी नहीं: