सोमवार, 4 फ़रवरी 2013

पुस्तक मेला आरंभ


पुस्तक मेला आरंभ

(प्रदीप चौहान)

नई दिल्ली (साई)। राजधानी के प्रगति मैदान में आज से दिल्ली विश्व पुस्तक मेला शुरू हो गया है। मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री शशी थरूर ने इसका उद्घाटन किया। यह पुस्तक मेला १० फरवरी तक चलेगा जिसे नेशनल बुक ट्रस्ट आयोजित कर रहा है। इस बार पुस्तक मेले की थीम है-देशज अभिव्यक्तियां- भारतीय परिकल्पना में लोक और जन जातीय साहित्य। पुस्तक मेले में भारत सहित २३ देशों के ग्यारह सौ से अधिक प्रकाशक भाग ले रहे हैं। इस मेले में सरकार की विशेष भागीदारी है और इसमें ई-बुक्स पर विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित किया गया है। युवा वर्ग और बच्चों के लिए विशेष मंडप बनाया गया है।
आयोजन समिति ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि प्रगती मैदान में आयोजित हो रहे इस मेले में नई पीढ़ी के अधिक से अधिक पाठकों को जोड़ने का प्रयास रहेगा। उनके लिए अलग से पैवेलियन हैं और प्रकाशक युवाओं को आकर्षित करने वाली पुस्तकें ला रहे हैं। इसके अतिरिक्त युवा लेखकों की पुस्तकों की भी मेले में भरमार रहेगी। 30 से ज्यादा युवा लेखकों की किताबों का विमोचन इस पुस्तक मेले में होगा।
नई पीढ़ी के युवाओं को लेखकों से सीधे जोड़ने के लिए आयोजकों ने इस बार ऑथर्स कॉर्नरबनाया है, जहां लेखक-पाठक के बीच सीधा संवाद हो सकेगा। एक सप्ताह के आयोजन में सौ से ज्यादा लेखक यहां पाठकों से जुड़ेंगे। यहां ऐसे सत्रों का भी आयोजन है, जिनमें लेखक युवाओं को लेखन कौशल बेहतर बनाने के टिप्स देंगे और अपने लेखन संबंधी अनुभव साझा करेंगे।
बच्चों और युवाओं में पुस्तकों को लोकप्रिय बनाने के लिए अनेक स्कूल, कॉलेज और एनजीओ छोटे-छोटे नाटकों और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे। यही नहीं युवाओं को करियर गाइडेंस समेत मतदान के प्रति युवाओं को जागरूक करने के कार्यक्रम भी यहां होंगे। एक पूरा पैवेलियन बच्चों और युवाओं की गतिविधियों पर केंद्रित होगा।
प्रकाशक जहां शिक्षा, साहित्य और संस्कृति से जुड़ी पारंपरिक और नई किताबें ला रहे हैं, वहीं गॉड पार्टिकल जैसे विषय और स्टीव जॉब्स जैसी शख्सीयत पर ढेरों नई किताबें पुस्तक मेले में आ रही हैं। हिंदी साहित्य के प्रकाशक भी युवा लेखकों के कहानी संग्रह और उपन्यास प्राथमिकता से ला रहे हैं। वहीं शनिवार को 98 वर्ष के हुए लेखक-पत्रकार खुशवंत सिंह की किताब देयर इज नो गॉडका हिंदी अनुवाद भगवान बिकाऊ नहींशीर्षक से आ रहा है।

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