यौन हिंसा अध्यादेश
लागू
(महेश)
नई दिल्ली (साई)।
महिलाओं के प्रति यौन हिंसा से निपटने का अध्यादेश लागू हो गया है। इसमें यौन
हिंसा से पीड़िता की मृत्यु होने पर मृत्युदंड का प्रावधान है। गृहमंत्रालय के
प्रवक्ता ने बताया कि फौजदारी कानूनों में संशोधन से संबंधित इस अध्यादेश को कल
राष्ट्रपति ने मंजूरी दी।
कानून मंत्रालय के
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि महिलाओं के प्रति यौन हिंसा के
मामले में पीड़िता की मृत्यु होने या स्थाई रूप से उसे निष्क्रियता की स्थिति में
लाने पर मृत्युदंड और दुष्कर्म मामले में बीस वर्ष तक के कारावास का प्रावधान किया
गया है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इस अध्यादेश में न्यायमूर्ति जे.एस. वर्मा समिति
की अधिकतर सिफारिशों को शामिल किया है।
सूत्रों ने साई
न्यूज को आगे बताया कि महिलाओं का पीछा करने, निर्वस्त्र करने तथा अश्लील तरीके से देखने
जैसे कृत्यों को अपराध की श्रेणी में माना गया है और इसके लिए कड़ा दंड दिया जाएगा।
यौन ंिहंसा की परिभाषा भी व्यापक बनाई गई है। अध्यादेश में बलात्कार की जगह यौन
हिंसा शब्द का इस्तेमाल किया गया है जिससे महिलाओं के प्रति सभी तरह के यौन
अपराधों को इसमें शामिल किया जा सके। अध्यादेश के जरिए भारतीय दंड संहिता, अपराधिक मामलों से
निपटने की प्रक्रिया तथा साक्ष्य कानूनों में संशोधन किया गया है।
दिल्ली में १६
दिसम्बर की सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद सरकार ने आपराधिक कानूनों में संशोधन
के सुझाव देने के लिए न्यायमूर्ति वर्मा समिति का गठन किया था। इस समिति ने
निर्धारित समय पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने
आश्वासन दिया था कि न्यायमूर्ति वर्मा समिति की सिफारिशों पर सरकार तेजी से
कार्रवाई करेगी।
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