मीडिया को लेकर मनमोहन चौकस!
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)। मीडिया को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय अब पूरी तरह चौकस नजर आ रहा है। देश के नाम संबोधन के दौरान जय हिन्द के स्थान पर ठीक है से पीएम डॉ.मनमोहन सिंह का वक्तव्य समाप्त होने से पीएमओ में खलबली मची हुई है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के पक्ष में मीडिया के माध्यम से माहौल बनाने को लेकर भी पीएमओ चिंतित नजर आ रहा है। पीएमओ अब मीडिया पर बारीक नजर रख रहा है, पर इस सबमें पीएम के मीडिया एडवाईजर पंकज पचौरी की भूमिका नगण्य ही बताई जा रही है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि गैंग रेप के बाद उपजे तनाव को कम करने की गरज से प्रधानमंत्री का देश के नाम संबोधन जारी हुआ और अमूमन प्रधानमंत्री का भाषण या संबोधन जय हिन्द से समाप्त होता रहा है पर इस बार जयहिन्द के उपरांत ठीक है का प्रसारण प्रधानमंत्री सहित कांग्रेस के आला नेताओं को कतई नहीं भाया है।
पीएमओ के सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि पीएम ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। इस मामले में पीएम के मीडिया एडवाईजर पंकज पचौरी की नौकरी पर बन आई है। वहीं दूसरी ओर पंकज पचौरी के कक्ष से छन छन कर बाहर आ रही खबरों के अनुसार पचौरी को इस संबोधन के बारे में पता ही नहीं था कि पीएम के द्वारा एसा कोई वक्तव्य दिया जाने वाला है। पीएम का उद्बोधन दूरदर्शन के बजाए समाचार एजेंसी द्वारा जारी किया गया जिसे जल्दबाजी में एडिट ही नहीं किया जा सका।
वहीं दूसरी ओर पीएमओ के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को यह भी बताया कि पीएम के निर्देश पर इंटेलिजेंस ब्यूरो अब लगभग एक दर्जन पत्रकारों पर बारीक नजर रखे हुए है। इन पत्रकारों में उनका शुमार है जो पाकिस्तानी दूतावास के निरंतर संपर्क में रहते हैं।
सूत्रों की मानें तो आईबी को निर्देश दिया गया है कि इन पत्रकारों पर विशेष नजर रखी जाए, क्योंकि इन पत्रकारों की दिलचस्पी पाकिस्तान का पक्ष दिखाने में ज्यादा हुआ करती है। भारत पाक के तलवार की धार पर चल रहे रिश्तों में इन पत्रकारों द्वारा अगर अपनी रिपोर्टिंग, कालम, या टाक शो आदि में पाकिस्तान का पक्ष मंझे रूप में रखा जाता है तो भारत को इंटरनेशनल लेबल पर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
पीएमओ के सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तानी दूतावास द्वारा खबरें आदि के लिए पहले तो इंटरनेट और ईमेल को जरिया बनाया गया था पर बाद में मेल के मानिटर होने की खबरोें के बाद अब कोरियर या डाक के माध्यम से इन पत्रकारों से संपर्क किया जा रहा है। आरोप है कि पाकिस्तान के हुक्मरान अपना पक्ष, दृष्टिकोण, सलाह मशविरा आदि इन पत्रकारों के माध्मय से प्रसारित प्रचारित करवाने की कोशिश में है।
वहीं, पीएमाओ सोशल नेटवर्किंग वेब साईट्स जिसे अब सोशल मीडिया का अघोषित दर्जा मिल गया है, से बुरी तरह परेशान नजर आ रहा है। सोशल मीडिया के निशाने पर मनमोहन सिंह और कांग्रेस के आने से भी मनमोहन सिंह और कांग्रेस की भद्द बुरी तरह पिट रही है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने मनमोहन सिंह को दो टूक शब्दों में सोशल मीडिया से निपटने की रणनीति बनाने की हिदायत भी दी है।
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