मंगलवार, 12 जून 2012

17 चौनलों पर निर्मल बाबा का प्रसारण बंद


17 चौनलों पर निर्मल बाबा का प्रसारण बंद

(संजीव प्रताप सिंह)

नई दिल्ली (साई)। टीवी चौनलों पर भी निर्मल बाबा का प्रभाव कम होता दिख रहा है। पहले जहां 36 चौनलों पर निर्मल दरबार के समागम का प्रसारण होता था, वहीं अब खबर है कि चौनलों की संख्या घट कर 19 हो गयी है। यानी 17 चौनलों ने समागम का प्रसारण बंद कर दिया है। वैसे इंडियन ब्राडकास्टिंग फेडरेशन और मध्यप्रदेश की एक अदालत पहले ही टीवी चौनलों को समागम का प्रसारण रोकने का निर्देश दे चुकी है। चौनलों पर निर्मल दरबार के समागम का प्रसारण पेड होता है, यानी इसके लिए निर्मल बाबा पैसे देते हैं और यह राशि करोड़ों में होती थी।
संभवतः आय घटने के कारण ही निर्मल बाबा ने टीवी पर विज्ञापन देना कम कर दिया है। हाल ही में निर्मल दरबार का यस बैंक का एक खाता बंद कर दिया गया है। दूसरे बैंकों में भी निर्मल दरबार के खाते में पैसे आने कम हो गये हैं। निर्मल दरबार की वेबसाइट के मुताबिक अभी जिन चौनलों पर निर्मल दरबार के समागम का प्रसारण हो रहा है, उनमें आइबीएन 7, आज तक, हिस्ट्री टीवी 18, सहारा समय, नेपाल वन, न्यूज 24, दिव्य, सहारा यूपी, बिग मैजिक, सहारा बिहार, सहारा एमपी, सहारा राजस्थान, सहारा समय मुंबई, सौभाग्य, पी 7 न्यूज, आज तक तेज, कलर्स (यूएसए), आज तक (यूएसए) और टीवी एशिया (यूएसए) शामिल हैं। पहले चौनलों की संख्या 36 थी, जिनमें कई पर दिन में दो बार प्रसारण होता था।
निर्मल बाबा ने जून माह के सभी चार समागम स्थगित कर दिये हैं। ये समागम दिल्ली के सिरीफोर्ट आडिटोरियम में होने थे। हालांकि निर्मल दरबार ने इसका कारण मौसम और कानूनी अड़चन बताया है। पर बैंकों से खबर मिली है कि उनके भक्तों की संख्या में तेजी से गिरावट आयी है। एक निजी बैंक में यह संख्या अब सात-आठ सौ रह गयी है।
थर्ड आई ऑफ निर्मल बाबाके मामले मे न्यूज़ ब्रॉडकास्ट्स एसोशिएसन की रेग्यूलेटरी न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी (एनबीएसए) को हाईकोर्ट ने जो नोटिस भेजा है उसके जवाब का तो पता नहीं, लेकिन इंटरटेनमेंट चौनलों की संस्था इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन (आईबीएफ) ने दिशा निर्देश जारी कर इस कार्यक्रम पर रोक लगाने के लिए कहा है। अगर आदेश का पालन हुआ तो जल्द ही ज्यादातर चौनलों से भी निर्मल बाबा विदा हो जाएंगे।
ग़ौरतलब है कि मीडियादरबार,कॉम के संपादक धीरज भारद्वाज ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, टैम और एनबीएसए को नोटिस भिजवाया था। भारद्वाज का दावा है कि श्थर्ड आई ऑफ निर्मल बाबाश् नामक विज्ञापन से घरों में अंधविश्वास फैल रहा है। आईबीएफ ने अपने पत्र में कहा है कि चौनलों को निर्मल बाबा के प्रवचनों और कार्यक्रमों के प्रसारण से बचना चाहिए क्योंकि वे अंधविश्वास फैलाते हैं। आईबीएफ के निदेशक नरेश चहल के मुताबिक यह उनकी संस्था का सामाजिक दायित्व है कि ऐसे अंधविश्वास को रोका जाए।
हालांकि पिछले साल आईबीएफ के गठन के वक्त कहा गया था कि ये संस्था मुख्य तौर पर मनोरंजन चौनलों पर निगरानी रखेगी, लेकिन कई न्यूज़ ब्रॉडकास्टर भी इसके सदस्य हैं। जब नरेश चहल से पूछा गया कि आईबीएफ का ये सुझाव सिर्फ मनोरंजन चौनलों पर लागू होगा या दूसरों पर भी, तो उनका जवाब था कि इसे सभी सदस्यों को भेजा गया है। ग़ौरतलब है कि आईबीएफ और एनबीएसए दिशा निर्देश या सुझाव तो जारी कर सकती है, लेकिन उनपर अमल करना पूरी तौर पर चौनलों के विवेक पर है।
हालांकि किसी के पास इस सवाल का जवाब नहीं है कि आईबीएफ इतनी देर से क्यों जागी, लेकिन देर से ही सही, स्वयंभू और कागजी शेरों की तरह बने इन मीडिया रेग्यूलेटरों की आंखें तो खुलने लगी हैं। देखने वाली बात यह भी है कि इस पत्र का असर कितना होगा क्योंकि अगर कोई चौनल इस सुझाव को नहीं मानता है तो आईबीएफ कोई कार्रवाई भी नहीं कर सकता  है। उधर टैम ने भी अबतक ये स्पष्टीकरण नहीं दिया है कि उसने किस दबाव या लालच में श्थर्ड आई ऑफ निर्मल बाबाश् नामक विज्ञापन को कार्यक्रमों की सूची में डाल दिया। बहरहाल, ऐसा माना जा रहा है कि आईबीएफ के इस पत्र के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और एनबीएसए पर भी दबाव बनेगा जो हाईकोर्ट के नोटिस के बावजूद चुप्पी मार कर बैठे हैं।
उधर पहले ही ऐसी खबरें आ रही है कि निर्मल बाबा ने अपने जून महीने के सभी समागम निरस्त कर दिये हैं। साफ है, इन व्यावहारिक उपायों से अब निर्मल बाबा की ठगी का चमत्कारिक कारोबार अब खात्मे की ओर है।

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