. . . तो इस तरह
फिट हुए कांग्रेस के फ्रेम में सचिन!
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)।
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर देश की सबसे बड़ी पंचायत (संसद) के पंच (सांसद) भले
ही पिछले दरवाजे से बने हों, पर संसद की दहलीज पर उनकी उपस्थिति के
कारकों की खोज आज भी जारी है। माना जा रहा है कि सचिन को 12, तुगलक लेन के
रास्ते से संसद में प्रवेश मिला है। राहुल का क्रिकेट प्रेम इन दिनों देखते ही बन
रहा है। फटाफट क्रिकेट का बुखार तो राहुल के सर चढ़कर बोल रहा है।
उपर से लोगों को
दिखाने के लिए गंभीरता का आवरण ओढ़ने वाले कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के मन
में बचपन की शैतानियां करने की बातें अवश्य ही कुलाचें मारती होंगी। कांग्रेस के
सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (सोनिया गांधी को बतौर सांसद आवंटित
सरकारी आवास) के सूत्रों का कहना है कि जब भी प्रियंका वढ़ेरा के बच्चे नानी से
मिलने आते हैं और अगर उस समय राहुल गांधी घर पर होते हैं तो मामा भानजों के बीच
होने वाली मस्ती देखकर कोई यह नहीं कह सकता है लोगों के बीच धीर गंभीर दिखने वाले
राहुल गांधी यही हैं!
कांग्रेस के नए
सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 12, तुगलक लेन (राहुल गांधी को बतौर सांसद
आवंटित सरकारी आवास) के सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी को वैसे तो क्रिकेट से
बहुत ज्यादा लगाव नहीं है किन्तु पिछली बार विश्व कप जीतने के बाद से उन पर
क्रिकेट का भूत सवार हो गया है। राहुल इन दिनों क्रिकेट के बारे में बात करने में
काफी दिलचस्पी लेते हैं। क्रिकेट का यह दीवानापन उनकी बातचीत हाव भाव में भी कहीं
ना कहीं झलक ही जाता है।
हाल ही में उर्दू
जुबान के मीडियापर्सन्स से जब राहुल गांधी रूबरू हुए तब भी कुछ इसी तरह का नजारा
देखने को मिला। देश की सियासत की नब्ज टटोलते हुए चर्चाओं का दौर चल ही रहा था कि
एक साहेबान ने राहुल से मौजूदा हालात पर शिकायती लहजे में मशविरा दिया कि हालात यह
है कि सियासत अब अमीरों के बस की ही रह गई है, जबकि आलम यह होना
चाहिए कि आम आदमी इसमें शिरकत कर सके।
सूत्रों का कहना है
कि इन खबरनवीसों से निर्धारित मुलाकात के पूर्व राहुल गांधी के संज्ञान में यह बात
ला दी गई थी कि अल्पसंख्यक कांग्रेस से कुछ खफा हैं, और उनकी नाराजगी का
कारण सियासत में अल्पसंख्यकों की मामूली सी हिस्सेदारी का होना है। साथ ही साथ
पिछले दिनों सियासी फिजां में जब यह बात तैरने लगी कि मुलायम सिंह यादव के डर से
सोनिया गांधी ने अल्पसंख्यक को महामहिम राष्ट्रपति बनाने से इंकार कर दिया है तब
अल्पसंख्यकों का विश्वास कांग्रेस पर से उठना लाजिमी ही था।
सूत्रों ने आगे
बताया कि जब उर्दू जुबान वाले मीडिया पर्सन्स ने अपनी बात राहुल के सामने रखी तब
राहुल का क्रिकेट का जुनून एक बार फिर सर चढ़कर बोला। राहुल ने कहा कि भारत की
सियासत दरअसल, इंडियन
प्रीमियर लीग यानी आईपीएल की तरह होना चाहिए। अब देखिए, देश भर के छोटे बड़े
शहरों के ना जाने कितने युवाओं को इसमें खेलने का मौका मिला है।
खबरनवीस राहुल के
इस जवाब से हैरान थे कि कहां तो आईपीएल की टीआरपी घटने के साथ ही साथ यह विवादित
होता जा रहा है, और कहां
राहुल देश की सियासत की तुलना आईपीएल से कर रहे हैं। विदेशों में फटाफट क्रिकेट
काफी लोकप्रिय है,
देश में भी यह लोकप्रिय हुआ पर बाद में इस पर एक के बाद एक
विवादों का स्याह साया पसर गया।
सूत्रों के अनुसार
कांग्रेस की नजरों में देश के भावी वज़ीरे आज़म का क्रिकेट प्रेम देखकर मूलतः
पत्रकार से लाल बत्ती पाने वाले राजीव शुक्ला जिनका सिक्का बीसीसीआई में चलता है
ने तवा गरम देखकर सचिन के सामने मास्टर ब्लास्ट और क्रिकेट के कथित भगवान सचिन
तेंदुलकर को राज्य सभा में लाने का प्रस्ताव रख दिया।
क्रिकेट के दीवाने राहुल को राजीव शुक्ला की बात जम गई। राजीव शुक्ला ने यह भी
कह मारा कि सचिन के दीवानों को कांग्रेस के पक्ष में जोड़ने से कांग्रेस को काफी हद
तक लाभ हो सकता है। सचिन की छवि का इस्तेमाल कांग्रेस चुनावों के दरम्यान कर खासा
लाभ उठा सकती है। फिर क्या था सचिन और राजीव शुक्ला के बीच बैठकों के दौर का नतीजा
आज सचिन संसद सदस्य के रूप में सामने आ ही गया है।
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