बर्ड फ्लू वायरस ले
सकता है खतरनाक रूप
(अनीष कौशल)
न्यूयार्क (साई)।
बर्ड फ्लू को लेकर दुनिया भर के वैज्ञानिकों की पेशानी पर चिंता की लकीरें गहराती
जा रही हैं। माना जा रहा है कि पक्षियों में फैलने वाली यह बीमारी जल्द ही
मनुष्यों के लिए गहरा संकट बनकर खड़ी हो सकती है। माना जा रहा है कि बर्ड फ्लू का
वायरस अब अपना स्वरूप बदलकर खतरे का आगाज कर सकता है।
बर्ड फ्लू यानी एच5एन1 को लेकर
वैज्ञानिकों ने गहन शोध के बाद कहा है कि यह फ्लू इंसानों के लिए खतरनाक महामारी
का स्वरूप अख्तियार करने से महज तीन कदम दूर है। नतीजों से स्पष्ट है कि अगर जल्द
ही इससे बचाव का तरीका नहीं ढूंढा गया तो वैश्विक तौर पर फैलने वाली इस बीमारी से
लाखों लोगों की मौत हो सकती है।
गौरतलब है कि साल 2009 में एच1एन1 यानी स्वाइन फ्लू
के फैलने के एक महीने बाद ही वैक्सीन उपलब्ध हो पायी थी। तब तक स्वाइन फ्लू का
वायरस पूरी दुनिया में फैल चुका था। पिछले दिनों वैज्ञानिकों ने यह चेतावनी दी थी
कि बर्ड फ्लू का वायरस म्यूटेट यानी अपना स्वरूप बदलकर महामारी का खतरनाक रूप
अख्तियार कर सकता है। तब उन्होंने कहा था कि ऐसा होने से बर्ड फ्लू का वायरस पांच
चरण दूर है और अब उनका कहना है कि तीन स्टेज के बाद यह महामारी की शक्ल ले सकता
है।
इससे बचाव के लिए
प्री-पैनडेमिक वैक्सीन विकसित करने को लेकर बहस केंद्र में है। वैज्ञानिक और टीका
बनाने वालों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि वे प्री पैनडेमिक एच5एन1 बना भी चुके हैं
और इन्हें कुच विकसित देशों जैसे अमेरिका एवं यूरोपीय देशों में लगाया भी गया है।
कई दवा कंपनियों ने भी फ्लू वैक्सीन विकसित करने के लिए निवेश भी किया है। गौरतलब
है कि 1918-19 में
स्पेनिश फ्लू के फैलने के कारण पूरी दुनिया में लगभग दो से पांच करोड़ लोगों की मौत
हुई थी।
अभी भी एक विश्लेषण
के आधार पर कहा जा रहा है कि अगर बर्ड फ्लू का वायरस महामारी में बदलता है तो इससे
लगभग छह लाख लोगों की मृत्यु हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, मुर्गियों से फैलने
वाले इस वायरस से 6 जुलाई तक 607 सात लोग संक्रमित
पाये गये। इन संक्रमित लोगों में 358 की मौत हो चुकी है।
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