बचत खातों में
ब्याज दर का घालमेल
(दीपक अग्रवाल)
मुंबई (साई)।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा पिछले साल बचत खातों पर ब्याज दरों को नियंत्रणमुक्त
किए जाने का ग्राहकों को कोई विशेष लाभ नहीं हुआ है। आज भी बचत खातों पर ब्याज
दरों का घालमेल जारी है। एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी
आदित्य पुरी का मानना है कि ब्याज दरों को नियंत्रणमुक्त किए जाने के बावजूद आज भी
ज्यादातर बैंक बचत खातों पर 4 प्रतिशत का ही ब्याज दे रहे हैं।
पुरी ने बैंक के
शेयरधारकों की सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘बचत खातों को
नियंत्रणमुक्त किए जाने का हमारी वृद्धि में विशेष योगदान नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि
बचत खाता लेनदेन का खाता होता है और इसमें लागत जुडी होती है। ऐसे में इस पर 4 प्रतिशत की ब्याज
दर उचित है। ‘‘यही वजह है
कि ज्यादातर बैंकों ने इसकी दर में बदलाव नहीं किया है।’’ पुरी ने कहा कि
सिर्फ कुछेक बैंक बचत खातों पर अधिक ब्याज दे रहे हैं। इसकी वजह है कि बचत खातों
के मोर्चे पर उन्हें ज्यादा जमा प्राप्त नहीं हो रही है।
भारतीय रिजर्व बैंक
ने पिछले साल अक्तूबर में बचत खातों पर 4 प्रतिशत ब्याज की सीमा को खत्म कर दिया था।
उसके बाद यस बैंक,
कोटक महिंद्रा बैंक और सारस्वत बैंक आदि ने बचत खातों पर
ब्याज दर बढाकर 7 प्रतिशत
कर दी थी। उसके बाद ऐसा लगने लगा था कि इन बैंकों में बचत खाता खोलने वाले
जमाकर्ताओं की संख्या में जोरदार इजाफा होगा। हालांकि, भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और
एचडीएफसी बैंक जैसे कुछ बडे बैंकों ने बचत खातों पर ब्याज दरों में बदलाव नहीं
किया है।
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