अनेक रिकार्ड
स्थापित हुए हैं महामहिम चुनावों में
(शरद खरे)
नई दिल्ली (साई)।
भारत गणराज्य के संविधान की धारा 52 के हिसाब से देश में एक ही महामहिम
राष्ट्रपति होता है जो देश का सर्वोच्च पद बताया गया है। अब तक देश में 13 महामहिम
राष्ट्रपति के चुनाव हो चुके हैं। इन चुनावों में अनेक रिकार्ड भी स्थापित हुए हैं, पर इसके साथ ही साथ
देश के इस सर्वोच्च पद की गरिमा को भी जमीन पर लाने में कोई कसर नहीं रख छोड़ी गई
है।
देश के महामहिम
महामहिम राष्ट्रपतियों में सबसे अधिक कार्यकाल प्रथम महामहिम राष्ट्रपति
डॉ.राजेंद्र प्रसाद का रहा है। वे 1952 से 1962 तक लगातार दस साल तक देश के प्रमुख रहे
हैं। इससे उलट सबसे कम समय तक रायसीना हिल्स में रहने वाले स्च.ज़ाकिर हुसैन थे जो
महज 1967 से 1969 यहां रहे और सबसे
अल्प समय तक देश के सर्वोच्च पद पर रहे।
अब तक हुए महामहिम
राष्ट्रपति के चुनावों में सबसे अधिक मत लेने का रिकार्ड के.आर.नारायणन का रहा
जिन्होंने 1997 में 9 लाख 56 हजार 290 मत प्राप्त किए
थे। इसके उपरांत मिसाईल मेन एपीजे अब्दुल कलाम ने 2002 में 9 लाख 22 हजार 884 तो 1974 में फखरूद्दीन अली
अहमद ने 7 लख 65 हजार 587 मत पाए थे। अब तक
सबसे कम मत लेकर भी विजयश्री का वरण करने वाले वी.वी.गिरी थे जिन्होंने 1969 में 4 लाख 20 हजार 677 मत प्राप्त किए
थे।
जीत के अंतर का
रिकार्ड भी अपने आप में अनोखा ही माना जा सकता है। सबसे अधिक जीत का अंतर 1997 में बना जब
के.आर.नारायणन ने पूर्व चुनाव आयुक्त टी.एन.शेषन को नौ लाख पांच हजार 659 मतों से पराजित
किया। जीत के अंतर में दूसरे स्थान पर मिसाईल मेन एपीजे अब्दुल कलाम रहे।
कलाम ने 2002 में लक्ष्मी सहगल
को आठ लाख 15 हजार 518 मतों से पराजित
किया था। जीत के अंतर में तीसरी पायदान पर रहे हैं फखरूद्दीन अली अहमद। उन्होंने 1974 में त्रिदीव चौधरी
को पांच लाख 75 हजार 391 मतों से पराजित कर
रायसीना हिल्स स्थित महामहिम राष्ट्रपति के आवास को अपना आशियाना बनाया था।
जीत के अंतर में
सबसे कम का रिकार्ड वी.वी.गिरी के नाम पर है। वी.वी.गिरी ने 1969 में नीलम संजीव
रेड्डी को महज 14 हजार 650 मतों से चुनाव
हराया था। इसके अलावा हर चुनाव में महामहिम राष्ट्रपति बनने वाले प्रत्याशी ने
अमूमन एक लाख से ज्यादा ही मत प्राप्त किए हैं।
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