राकांपा और
कांग्रेस का हनीमून समाप्त
(निधि गुप्ता)
मुंबई (साई)।
महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार ने उप-मुख्यमंत्री
पद से इस्तीफा दे दिया है। जल संसाधन मंत्री के रूप में श्री अजित पवार के एक दशक
के कार्यकाल के दौरान करोड़ों रुपए की विभिन्न परियोजनाओं को प्रशासनिक अनुमति देने
में अनियमितताओं के आरोप हैं। राज्य में पृथ्वीराज चव्हाण सरकार में उनके पास
वित्त और ऊर्जा मंत्रालय हैं।
श्री अजित पवार ने
कल संवाददाता सम्मेलन में इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा कि वे त्यागपत्र इसलिए दे
रहे हैं ताकि किसी को ऐसा न लगे कि उन्होंने पद पर रहते हुए जांच को प्रभावित
किया। उन्होंने कहा कि वे अब भी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक हैं और
अपने दायित्व निभाएंगे। इसके कुछ ही घंटे बाद कांग्रेस के नेतृत्व में गठबंधन
सरकार में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सभी मंत्रियों ने पार्टी अध्यक्ष
मधुकर पिछाड़ को इस्तीफे सौंप दिए। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी विधायक दल आज तीसरे
पहर आगे की रणनीति पर विचार करेगा।
इस बीच, राष्ट्रवादी
कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि श्री अजित पवार के इस्तीफे से
राज्य सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा और महाराष्ट्र में अस्थिरता का कोई खतरा नहीं
है। श्री शरद पवार ने ये भी कहा कि कथित सिंचाई घोटाले के बारे में राज्य सरकार
जल्दी से जल्दी श्वेत पत्र लाए ताकि सच सामने आ सके।
मुख्यमंत्री
पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा है कि श्री अजित पवार के इस्तीफे पर फैसला करने से पहले
वे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस दोनों दलों के नेताओं से विचार विमर्श
करेंगे। सीएम ने कहा कि मुझे मंत्रिमंडल से अजित पवार के इस्तीफे से संबंधित पत्र
मिल गया है। उन्होंने वित्त और ऊर्जा मंत्रालयों की वैकल्पिक व्यवस्था करने के
बारे में भी सलाह दी है। दोनों दलों के नेताओं से बातचीत करने के बाद मैं आगे की
कार्रवाई करूंगा। कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र और केंद्र
मे गठबंधन सहयोगी हैं। दोनों दल १९९९ से राज्य में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक फ्रंट में
शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने
उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। इसके साथ ही महाराष्ट्र में राजनीतिक सरगरमी तेज
हो गयी है। एनसीपी विधायकों ने राज्य
सरकार से समर्थन वापसी की मांग की है, जबकि पार्टी नेतृत्व ने साफ किया है कि सरकार से समर्थन वापस नहीं लिया
जायेगा। 32 फाइलें तीन माह में पास कर दी
विदर्भ इलाके में प्रस्तावित 25,834 करोड़ की बांध परियोजनाओं की 32 फाइलें महज तीन
महीने में पास कर दी गयीं। अजीत पवार ने 2009 में जून से अगस्त के बीच ये तेजी
दिखायी। वह तब जल संसाधन मंत्री थे। सवाल उठा कि आमतौर पर सुस्ती के लिए पहचानी
जानेवाली सरकारी मशीनरी ने स्पीड कैसे पकड़ी?
बंबई हाइकोर्ट के
नागपुर पीठ में इस बाबत याचिका दाखिल हो चुकी है।
इधर, 25 हजार
करोड़ की बांध परियोजनाओं को मंजूरी देने की खबर के बाद अब सीएजी ने मामले में ऑडिट
करना शुरू कर दिया है। ऑडिट के पीछे मुख्य मकसद उपमुख्यमंत्री अजित पवार की तरफ से
महज तीन महीने में 32 परियोजनाओं को दी गयी मंजूरी है। सीएजी की टीम सोमवार को दिन
भर मंत्रलय में थी। अजीत पवार पर अंगुली
इसलिए भी उठी, क्योंकि
परियोजनाओं को मंजूरी देने में नियमों को ताक पर रखा गया।
उधर, समाचार एजेंसी ऑफ
इंडिया के दिल्ली ब्यूरो से धीरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि एनसीपी अध्यक्ष शरद
पवार खुद भतीजे अजित पवार का बचाव करने सामने आ गये। उन्होंने कहा है कि
परियोजनाओं को मंजूरी विधानपरिषद में विपक्ष के तत्कालीन नेता नितिन गडकरी की मांग
पर दी गयी। महाराष्ट्र के सिंचाई विभाग का जिम्मा कई सालों तक अजित पवार के पास
रहा है। सिंचाई विभाग के काम करने के तरीके पर मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चाण पहले ही
नाराजगी जता चुके हैं। यहां तक कि उन्होंने सिंचाई विभाग पर श्वेतपत्र लाने की बात
भी कही है।
वहीं दूसरी ओर यह
संभावना भी व्यक्त की जा रही है कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी
सुप्रीमो शरद पवार के भतीजे अजित पवार के इस्तीफे के पीछे पार्टी में सुप्रिया
सुले का बढ़ता कद तो नहीं है? राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि शरद
पवार की बेटी सुप्रिया सुले की ताकत पार्टी में बढ़ रही है और अजित पवार उसे नाराज
बताए जा रहे हैं।
दरअसल, पिछले हफ्ते सुले
यशवंत राव चव्हाण प्रतिष्ठान की प्रेजिडेंट नियुक्त की गई थीं। इस प्रतिष्ठान को
शरद पवार की दिमाग की उपज माना जाता है। अब तक शरद पवार ही इस प्रतिष्ठान का
कामकाज देख रहे थे। पिछले हफ्ते प्रफुल्ल पटेल के घर पर हुई मीटिंग के दौरान
उन्होंने अपनी बेटी को इसकी कमान दी थी।
राजनीति के
जानकारों का कहना है कि सुले को प्रतिष्टान का मुखिया बनाए जाने का मतलब है कि
पार्टी में वह पवार की उत्तराधिकारी होंगी और देर-सबेर पार्टी की कमान उनके हाथों
में होगी। प्रतिष्ठान का प्रेजिडेंट बनने पर राज्य एनसीपी अध्यक्ष मधुकर पिचड़ ने
सुले को बधाई दी लेकिन मीटिंग में मौजूद अजित पवार ने सुप्रिया को बधाई नहीं दी।
इससे उनकी नाराजगी को महसूस किया जा सकता है। हालांकि पार्टी के नेता इस बात से
इनकार कर रह हैं कि अजित पवार के इस्तीफे के पीछे ऐसी कोई बात है।
सुले आजकल
महाराष्ट्र सभी जिलों में घूम-घूमकर युवती मेलवा के बैनर तले महिला कार्यकार्ताओं
को जोड़ने में लगी हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश मिला है कि वे सुप्रिया के
इस कार्यक्रम को कामयाब बनाने की हर संभव कोशिश करें। एनसीपी के कई कार्यकर्ता दबे
जुबान यह कह रहे हैं कहीं इसी बहाने पवार सुप्रिया की राजनीतिक कद को बढ़ाने की
कोशिश तो नहीं कर रहे हैं।
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