मंहगी शादियों पर
केंद्र की नजर
(विपिन सिंह राजपूत)
नई दिल्ली (साई)।
कहते हैं दिल्ली में अमीरजादों की शादी में चुनाव जितना खर्च हो जाता है। जी हां, यह सच है। शादी
ब्याह में शानो शौकत दिखाने के चक्कर में जनसेवकों द्वारा पैसा पानी की तरह बहाया
जाता है। केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल, कमल नाथ, नितिन गडकरी और
जयललिता के घरों की शादियों को देखकर लोगों ने दांतों तले उंगली दबा ली थी।
अगर आप शादी पर
करोड़ों रुपये खर्च करने की योजना बना रहे हैं तो इस योजना पर पानी फिर सकता है।
केंद्र सरकार शादियों में फिजूलखर्ची पर पाबंदी लगाने के लिए कानून लाने की तैयारी
कर रही है। अगर कानून अमल में आया तो अपनी दौलत का दिखावा करना भारी पड़ सकता है।
शायद ही कोई ऐसा
होगा जो सात फेरों में सादगी की ख्वाहिश रखता हो। लेकिन केंद्र सरकार का डंडा चला
तो शादियों में शानदार आतिशबाजी, शोरशराबे और फिजूलखर्जी पर लग सकती है रोक
क्योंकि सरकार चाहती है कि दूल्हा-दुल्हन सिर्फ फेरे ही फेरे लें, धूम धड़ाका ना करें।
इस सादगी के पीछे
महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ की मंशा है कि लोगों की ट्रैफिक की दिक्कत
दूर हो, देश का
पेट्रोल बचे और इस सामाजिक बुराई को दूर करने के लिए कानून बने। ये बात अलग है कि
समाज के लिए आईना कहे जाने वाले राजनेताओं का भी कम बुरा हाल नहीं है।
नागरिक उड्डयन
मंत्री रहे प्रफुल्ल पटेल ने अपनी बेटी की उदयपुर में शादी में पानी की तरह पैसा
बहाया। शादी में आने वाले मेहमानों के लिए पूरा एयरपोर्ट दुल्हन की तरह सजा दिया
गया। इसी तरह केंद्रीय मंत्री कमल नाथ के पुत्र के विवाह में उनके संसदीय क्षेत्र
छिंदवाड़ा में पांच लाख लोगों को आमंत्रित कर रिकार्ड स्थापित किया गया था।
बीजेपी नेता नितिन
गडकरी ने भी अपने सबसे बड़े बेटे की शादी में पानी की तरह पैसा बहाया। बताया जाता
है कि उन्होंने अपने बेटे को 9 करोड़ का महल और बीएमडब्लू कार तक भेंट कर
डाली। बताया जाता है कि गडकरी के बेटे के रिसेप्शन में एक करोड़ रुपये खर्च किए गए।
एआईडीएमके की
मुखिया जयललिता के घर वी सुधाकरण की शादी में एक लाख लोगों ने शिरकत की। 1995 में हुई इस शादी
में जयललिता ने 6 करोड़
रुपये खर्च किए थे।
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