बुधवार, 12 सितंबर 2012

बड़े फेरबदल को सोनिया का एप्रूवल!


बड़े फेरबदल को सोनिया का एप्रूवल!

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। अपनी रहस्यमयी बीमारी से वापस लौटने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी ने कांग्रेस संगठन में बड़े और अहम फेरबदल को अपनी सहमति दे दी है। इस बार कांग्रेस का खिला हुआ चेहरा तैयार किया है, कांग्रेस के युवा महासचिव राहुल गांधी ने। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो जल्द ही कांग्रेस की सूरत खिली खिली और अपेक्षाकृत जवान नजर आएगी। वहीं सरकार में राहुल के सुझावों को सोनिया ने परीक्षण के लिए फिलहाल अपने पास रख लिया है।
कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (बतौर सांसद सोनिया गांधी को आवंटित सरकारी आवास) के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि अपने इलाज के लिए अमरीका रवाना होने के पहले अहमद पटेल, ए.के.अंटोनी, पलनिअप्पम चिदम्बरम, गुलाम नबी आजाद आदी की उपस्थिति में हुई बैठक में सोनिया गांधी ने राहुल गांधी को अप्रत्यक्ष तौर पर कांग्रेस का प्रभार सौंपकर सत्ता और संगठन के संभावित चेहरे का रेखाचित्र खींचने को कहा था।
राहुल के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सोनिया के जाने के उपरांत राहुल गांधी ने इस बारे में अपनी सारी कसरत कर ली। टीम राहुल ने अपने सूत्रों से प्राप्त जानकारी को एक सूत्र में पिरोकर भ्रष्ट, उमरदराज, बड़बोले, कांग्रेस विरोधी गतिविधियों को प्रश्रय देने वाले, अपने क्षेत्र में एकाधिकार बनाने के लिए क्षेत्र में खुद को मजबूत किन्तु कांग्रेस को कमजोर करने वाले नेताओं की तीन सूचियां बनाई थीं।
सूत्रों ने कहा कि पहली सूची में मंत्रियों को स्थान दिया गया है। दूसरी सूची में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेेटी क आला नेताओं की जन्म कुण्डली तैयार की गई है। एवं तीसरी सूची में सूबाई आला नेताओं की कारगुजारियों को रेखांकित किया गया है। सूत्रों ने यह भी बताया कि प्रदेश या देश के जिन नेताओं के प्रभाव वाले जिलों या संभागों में वे तो जीतते आ रहे हैं किन्तु वहां उनकी सीट के अलावा बाकी पर कांग्रेस औंधे मुंह गिर रही है उस बारे में एक सूची अलग से तैयार की गई है।
10, जनपथ के सूत्रों का कहना है कि देश के हृदय प्रदेश में कांति लाल भूरिया के पुअर परफारमेंस को देखकर उन्हें बदला जा सकता है। एमपी की कमान दिग्विजय सिंह अथवा युवा तुर्क ज्योतिरादित्य सिंधिया को सौंपे जाने की चर्चा है। वहीं मंत्रीमण्डल से हटाए गए अरूण यादव का नाम भी पीसीसी चीफ के लिए लिया जा रहा है, किन्तु मंत्री बनने एवं वहां से हटने के बाद उनकी निष्क्रियता उनके आड़े आ रही है। अगर सिंधिया ने प्रदेश में जाने से अनिच्छा जाहिर की तो उन्हें केंद्र में कैबनेट मंत्री बनाया जा सकता है।
सूत्रों ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस को मथने के लिए राहुल गांधी ने प्लान तैयार किया है। सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि विदेश मंत्री सोमन हल्ली मलैया कृष्णा को कम महत्व का मंत्रालय देकर उन्हें वापस कर्नाटक भेजने का प्रस्ताव भी राहुल ने रखा है। पंजाब के लिए परमजीत कौर का नाम सामने आया है।
इधर महाराष्ट्र के निजाम पृथ्वीराज चव्हाण की कुर्सी खतरे में ही दिख रही है। प्रधानमंत्री चाह रहे हैं कि चव्हाण को वापस केंद्र में लाया जाए। चव्हाण के सक्सेसर के बतौर जो नाम सामने आए हैं उनमें नारायण राणे, माणिकराव ठाकरे, हर्षवर्धन पाटिल, रधाकानत विख्खे पाटिल आदि प्रमुख हैं। कांग्रेस के अंदर यह मंथन जोरों पर है कि जो भी इस सूबे का निजाम बने वह मास अपील वाला हो, जिसके नाम पर अगला विधानसभा चुनाव लड़ा जा सके।
राजस्थान में भी बदलवा के संकेत साफ तौर पर दिख रहे हैं। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की शिकायतें बोरों से भरकर राहुल और सोनिया के पास पहुंची हैं। अशोक गहलोत के चिर विरोधी सी.पी.जोशी इस तैयारी में हैं कि वे गहलोत को खिसका कर राजस्थान की सत्ता संभालें। वैसे भी जोशी को राहुल गांधी के नवरत्नों में शुमार माना जाता है। इसी तरह हरियाणा के दीपेंद्र हुड्डा भी राहुल के करीब हैं, पर देखना यह है कि क्या वे अपने पिता भूपेंद्र सिंह हुड्डा की कुर्सी के पाए सुरक्षित रख पाते हैं।

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