सत्ता संगठन में
तालमेल का अभाव
(खण्डवा से लौटकर नंद किशोर)
भोपाल (साई)।
भारतीय जनता पार्टी और मध्य प्रदेश सरकार के बीच सामंजस्य के अभाव की खबरें अब आम
होने लगी हैं। आरोप लगाए जा रहे है कि संघ की शह पर भारतीय जनता पार्टी के
प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा द्वारा शिवराज सिंह चौहान को अंदर ही अंदर खोखला करने का
प्रयास किया जा रहा है। इसी तारतम्य में अनेक विभागों में सत्ता के बजाए संगठन की
पसंद के पदाधिकारी बिठाए जा रहे हैं और तूती भी संगठन की ही बोल रही है।
कभी अनुशासन के लिए
पहचानी जाने वाली भारतीय जनता पार्टी में अनुशासन का आलम क्या है, यह मंगलवार को
प्रदेश भाजपा कार्यसमिति बैठक में देखने को मिला। कई मंत्री, विधायक, पदाधिकारी, कार्यसमिति सदस्य उद्घाटन
सत्र में न केवल लेट आए बल्कि राष्ट्रीय महासचिव अनंत कुमार का भाषण खत्म होने तक
आते रहे।
कार्यसमिति का यह
सत्र सुबह 11 बजे से
था। प्रदेश भाजयुमो अध्यक्ष जीतू जिराती, हाउसिंग बोर्ड अध्यक्ष रामपाल सिंह, खनिज निगम अध्यक्ष
रामेश्वर शर्मा, भोपाल जिला
अध्यक्ष आलोक शर्मा साढ़े 11 बजे पहुंचे। राज्यसभा सदस्य अनिल माधव दवे इसके बाद और पूर्व
मंत्री अनूप मिश्रा 12 बजे पहुंचे। उद्योग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय सवा 12 बजे, पूर्व सांसद कैलाश
सारंग एक बजे पहुंचे।
-खंडवा शहर में भाजपा के होर्डिंग्स की टक्कर
में कांग्रेस के होर्डिंग्स भी दिखे। इनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया की एमपीसीए में
जीत, सांसद अरुण
यादव का नेपा मिल को 1100 करोड़ का पैकेज, सज्जन सिंह वर्मा की जयजयकार वाले पोस्टर भी
थे।
-उमा भारती की भाजश के भाजपा में विलय के बाद
पहली बार कार्यसमिति बैठक में शामिल हुए नरेंद्र बिरथरे, शैलेंद्र प्रधान, सुधीर अग्रवाल
प्रसन्नचित नजर आए।
-आयोजन ओरछा और ग्वालियर कार्यसमिति बैठकों
की तुलना में बेनूर नजर आया। अव्यवस्था का आलम ऐसा था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह
चौहान को भी प्रसाधन के लिए परेशान होना पड़ा। वे अव्यवस्था को लेकर झुंझलाए भी।
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