बुधवार, 12 सितंबर 2012

एमपी का एक दशक का हक मारा कमल नाथ ने: जोशी


एमपी का एक दशक का हक मारा कमल नाथ ने: जोशी

10 साल का कोटा तो कमलनाथ ही ले गए, अब मप्र के लिए कुछ नहीं

(राजेश शर्मा)

भोपाल (साई)। कोई अपने संसदीय क्षेत्र का ध्यान किस तरह रखे इस बात को 1980 से छिंदवाड़ा से लगातार (उपचुनाव को छोड़कर) छिंदवाड़ा का प्रतिनिधित्व करने वाले केंद्रीय मंत्री कमल नाथ से सीखना चाहिए। कमल नाथ ने भूतल परिवहन रहते हुए मध्य प्रदेश का दस साल तक का कोटा अपने विशेषाधिकार का उपयोग कर छिंदवाड़ा को आवंटिक कर दिया है। अब प्रदेश को दस साल तक भूतल परिवहन मंत्रालय की मद में शायद ही कुछ मिल पाए।
कोल ब्लॉक आवंटन के मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरने आए केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री सीपी जोशी को सड़कों के मुद्दे पर उन्हीं की पार्टी के विधायकों ने घेर लिया। कांग्रेस विधायकों ने जोशी से अपने क्षेत्र की सड़कें केंद्रीय निधि से बनाने की मांग की। जोशी ने अपनी मजबूरी जताते हुए कहा उनके पूर्ववर्ती कमलनाथ ने खुद के क्षेत्र के लिए 1600 करोड़ की सड़कें मंजूर कर लीं। पूरे प्रदेश का लगभग दस साल का कोटा एक ही क्षेत्र में खर्च होने से असामान्य स्थिति बनी है। अब मप्र को और अधिक राशि आवंटित करना संभव नहीं है।
कोल ब्लॉक आवंटन के मुद्दे पर भाजपा के मुकाबले के लिए कांग्रेस के सांसद, विधायकों को तैयार करने लिए पार्टी के सांसदों व विधायकों की बैठक रखी गई थी। जोशी खास तौर से इस बैठक के लिए आए थे। बैठक में अधिकतर विधायक मौजूद थे, जबकि पार्टी के केवल दो सांसदों प्रेमचंद गुड्डू और नारायण सिंह अमलावे ने ही बैठक में भाग लिया।
कांग्रेस कमेटी के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि केंद्रीय मंत्री सी.पी.जोशी का भाषण खत्म होने के बाद जब विधायकों को बोलने का मौका मिला तो ज्यादातर ने कोल ब्लॉक की बजाय सड़कों के मुद्दे पर उन्हें घेर लिया। डॉ. गोविंद सिंह, गोविंद राजपूत और अन्य विधायकों ने जोशी से कहा कि वे केंद्रीय सड़क निधि से राशि आवंटित कर उनके क्षेत्र में सड़कों का निर्माण कराएं।
कुछ विधायकों ने उनके क्षेत्र में पहले से मंजूर सड़कों का निर्माण अटका होने की बात भी उठाई। विधायक दल के उप नेता चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी ने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय राजमार्ग के मुद्दे पर एक बार फिर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश कर सकती है। इसके लिए हमें तैयारी करना चाहिए। सड़कों का निर्माण शुरू करके उनके आरोपों का जवाब देना आसान होगा।
यहां उल्लेखनीय होगा कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से लगे हुए सिवनी जिले में एनएचएआई का काम बुरी तरह उलझाकर रखा गया है। लगभग साढ़े चार सौ साल पुरानी और शेरशाह सूरी के जमाने की उत्तर दक्षिण की जीवन रेखा को बंद कराने का कुत्सित प्रयास कांग्रेस भाजपा द्वारा किया जा रहा है। इस संबंध में आरोप है कि केंद्रीय मंत्री कमल नाथ ने भूतल परिवहन मंत्री रहते हुए इस सड़क का काम षणयंत्र के तहत अटका दिया था।
यह सड़क मण्डला सिवनी के कांग्रेसी सांसद बसोरी सिंह मसराम, बालाघाट सिवनी के सांसद के.डी.देशमुख, लखनादौन की भाजपा विधायक शशि ठाकुर, सिवनी की विधायिका और परिसीमन में समाप्त हुई सिवनी लोकसभा की अंतिम सांसद एवं मध्य प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष श्रीमति नीता पटेरिया, बरघाट के विधायक कमल मस्कोले एवं कांग्रेस के कद्दावर नेता तथा मध्य प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर के क्षेत्र से होकर गुजरती है। बावजूद इसके इस बैठक में ना तो हरवंश सिंह ने मुंह खोलने की जहमत उठाई और ना ही बसोरी सिंह मसराम ने।
इसके साथ ही साथ पन्ना विधायक श्रीकांत दुबे सहित कुछ अन्य विधायकों ने सुझाव दिया कि केंद्र से हर महीने एक केंद्रीय मंत्री को मप्र आना चाहिए। यहां भाजपा लगातार केंद सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाती है। केंद्रीय मंत्री इन आरोपों का जवाब बेहतर तरीके से दे सकते हैं। विधायकों ने कोल ब्लॉक आवंटन के संबंध में तथ्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। बैठक को प्रभारी महासचिव बीके हरिप्रसाद, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी संबोधित किया।
कांग्रेस के अंदर चल रही चर्चाओं के अनुसार मध्य प्रदेश के स्थानीय शासन मंत्री बाबू लाल गौर को साधकर कमल नाथ ने छिंदवाड़ा को पूरी तरह संपन्न बनाने का प्रयास अवश्य ही किया है किन्तु उन्होंने मध्य प्रदेश को इसमें पीछे धकेल दिया है। चर्चा है कि बाबू लाल गौर ही दिल्ली प्रवास पर सदा ही कमल नाथ से ना केवल मिलते हैं बल्कि खबरों में भी कमल नाथ के साथ फोटो में छाए रहते हैं। छिंदवाड़ा को केंद्र की जो इमदाद मिली है वह बाबू लाल गौर से छिपना मुश्किल ही बताई जा रही है।

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