राहुल के बचाव में
उतरी सीबीआई
(महेश रावलानी)
नई दिल्ली (साई)।
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि राहुल गांधी को बदनाम करने के मामले में
श्विदेशी हाथश् हो सकता है। एक लड़की को गैरकानूनी तरीके से बंधक बनाने में राहुल
गांधी का नाम लिए जाने के मामले में सीबीआई ने यह बात कही। सीबीआई ने यह भी कहा है
कि यह पूरा मामला ही फर्जी दावों पर आधारित था।
सीबीआई ने दावा
किया है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट में समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक किशोर समरीते
को राहुल गांधी पर अनर्गल आरोप लगाने के धन मुहैया कराया गया था। एजेंसी का दावा
है कि उसने कई ऐसी पर्चियां जब्त की हैं जिससे साफ है कि समरीते को वकील का फीस
देने के लिए बाहर से पैसे मिले।
जस्टिस बी.एस.
चौहान और जस्टिस स्वतंत्र कुमार की बेंच के सामने सीलबंद लिफाफे में पेश अपनी
स्टेटस रिपोर्ट में सीबीआई ने कहा कि राहुल गांधी पर आरोप लगाने के लिए जिस लड़की
के नाम का इस्तेमाल किया गया, उसका अस्तित्व ही नहीं है। एजेंसी ने कहा है
कि यूपी सरकार के रिकॉर्ड में उस लड़की का नाम-पता दर्ज ही नहीं है। राहुल द्वारा
लड़की को बंधक बनाकर रखने की खबर तीन विदेशी वेबसाइटों पर अपलोड की गई थीं। सीबीआई ने
कहा है कि समरीते ने अपने गलत उद्देश्यों को पूरा करने के लिए इस खबर को हवा दी
थी।
गौरतलब है कि एसपी
के पूर्व विधायक किशोर समरीते ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में राहुल गांधी पर कथित रूप
से लड़की को बंधक बनाने में शामिल होने के आरोप लगाते हुए याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट
ने यह याचिका खारिज करने के साथ ही एसपी के इस नेता पर 50 लाख रुपए का
जुर्माना भी किया था। इसके बाद समरीते इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम
कोर्ट में चौलेंज किया था।
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