शातिर बच्चों के
गिरोह की खबर
(आंचल झा)
रायपुर (साई)।
छत्तीसगढ़ में पिछले दिनों टूटी फूटी हिन्दी या बंग्ला भाषा में बात करने वाले कुछ
बच्चों के गिरोह के बाल सदस्यों की आमद की खबर है। पुलिस मुख्यालय के सूत्रों ने
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस तरह के लगभग तीन दर्जन से ज्यादा बच्चे
छत्तीगढ़ के विभिन्न अंचलों में आकर फैल गए हैं और वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार
इस तरह के मासूम बच्चे देश के अलग अलग हिस्सों की तरह कूच कर गए हैं और अपराधों को
अंजाम देना शुरू भी कर दिया है। इन चालीसों चोरों के पास एक जैसा थैला है, जिसके जरिए यह
एक दूसरे की पहचान करते हैं। इस बात का खुलासा छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में
हुआ। पुलिस के हत्थे चढ़े बच्चों ने जब इस राज का खुलासा किया तो पुलिस के होश उड़
गए।
पुलिस के मुताबिक
पकड़े गए बाल चोरों ने बताया है कि शातिर गिरोह पश्चिम बंगाल के आसनसोल समेत आसपास
के जिलों से 40 बच्चों को बहला फुसलाकर ट्रेनों से लेकर निकल गया है। इन बच्चों को
अलग-अलग ग्रुप में युवक शहरों में लेकर घूम रहे हैं। जो मौका देखकर मोबाइल, पर्स चोरी, उठाईगीरी की घटना
को अंजाम दे रहे हैं।
शहर में एकाएक घटनाओं के बढऩे के बाद पुलिस ने
विशेष अभियान शुरू किया। संदिग्ध लोगों की धरपकड़ की। रेलवे स्टेशन में पड़ताल दौरान
दो कम उम्र के बच्चे मिले। उनके पास से एक तरह के थैले समेत 4 मोबाइल बरामद हुए।
पूछताछ करने पर बच्चे गोलमोल जवाब देने लगे।
उन्होनें बताया कि
वह पश्चिम बंगाल के आसनसोल के रहने वाले हैं। अर्जुन व संजय नामक दो युवक उनके
अलावा कुछ अन्य बच्चों को ट्रेन में लेकर कोरबा पहुंचे हैं। उनके साथ वह दिन के
समय भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाकर चोरी करते हैं। दर्री पुलिस ने भी जमनीपाली बस
स्टैंड से एक किशोर को चोरी के 5 मोबाइल के साथ पकड़ा है।
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