सोमवार, 8 अक्टूबर 2012

महिलाओं की हिफाजत नहीं कर पा रहे अखिलेश!


महिलाओं की हिफाजत नहीं कर पा रहे अखिलेश!

(दीपांकर श्रीवास्तव)

लखनऊ (साई)। पिछले विधानसभा चुनावों में सदी के महानायक का नारा यूपी में है दम, क्योंकि यहां जुर्म है कमको आप भूले नहीं होंगे। प्रदेश सरकार इस नारे को चरितार्थ करने में पूरा दम लगा रही है। दावा है कि  चाहे वह हत्घ्या हो, महिलाओं के खिलाफ अपराध, चोरी हो या बलवा उत्घ्तर प्रदेश में इस साल 30 सितम्बर तक सभी मामलों में पिछले सालों की तुलना में कमी आई है।
प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्घ्तव ने पिछले 9 महीने के आंकड़े पेश कर दावा किया कि प्रदेश में अपराध नियंत्रण की स्थिति निरन्तर बेहतर हो रही है। उन्घ्होंने बताया कि 2011 की तुलना में इस साल अभी तक 1,183 मामले कम दर्ज हुए। इनमें हत्घ्याओं के 214, बलात्घ्कार के 200, दहेज हत्घ्या के 118, वाहन चोरी के 199, बलवा के 456 के मामले कम हुए।
आरएम श्रीवास्तव ने बताया कि इस साल 30 सितम्बर तक पिछले वर्षों में इसी अवधि की तुलना में अपराधों में कमी आई है। वर्ष 2011 में इस अवधि तक आईपीसी के कुल अपराधों की संख्या इस अवधि में1,06,763 थी, जबकि इस साल यह घटकर 1,05,580रही। हत्या जैसे संगीन अपराधों में भी कमी आई है।
वर्ष 2011 में इस अवधि तक जहां 2879 हत्यायें हुई थी, वहीं इस साल 2012 में 2665 रह गयी। महिलाओंके विरुद्ध होने वाले अपराधों में 2011 में जहॉ बलात्कार की 1340 घटनायें हुई थी, वहीं इस साल1040 मामले ही प्रकाश में आए हैं। इसी तरह दहेज हत्या की वर्ष 2011 में जहां 1445घटनायें हुई, इस साल कुल 1327 मामले प्रकाश में आये।
प्रमुख सचिव गृह ने बताया कि वर्ष 2012 में वाहन चोरी के जहॉ 11,723 मामले प्रकाश में आये,  वहीं2011 में इस अवधि में यह संख्घ्या 11,942 थी। इसी तरह 2011 में बलवा की 3440 घटनायें हुईं, जघ्बकि2012 में केवल 2984 बलवा हुआ। उन्घ्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि प्रदेश में अपराध नियंत्रण की स्थिति निरन्तर बेहतर हो रही है।
यही नहीं पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अपराधियों के खिलाफ अभियान में 31 अगस्त तक गुण्डा एक्घ्ट के तहत 6671 चालान किये गये और 1780 गुण्डे जिला बदर किए गए। यही नहीं जिलाबदर किये गये 85 गुण्डेगैर कानूनी रुप से क्षेत्र में पाये गये, जिन पर कड़ी कानूनी कार्यवाही की गई।
इसी तरह 47 अवांछनीय तत्वों पर उक्त अवधि मेंराष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कार्यवाही की गई। इसके अलावा प्रदेश में 18 हजार से अधिक अभ्यस्त एवं आदतन अपराधियों के विरुद्ध 110सीआरपीसी के तहत अच्छा आचरण बनाये रखने के लिए कार्यवाही की गई। प्रदेश के विभिन्न कारागारों में सिद्धदोष बंदियो की 31अगस्त तक कुल संख्या 26 हजार 666 थी, जबकि सितम्बर में प्रदेश की विभिन्न कारागारों में कुल 3 हजार 624 सिद्धदोष बंदी निरुद्ध हुये।

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