शनिवार, 10 नवंबर 2012

आर्थिक मंदी का रोना फिर रोया मनमोहन ने


आर्थिक मंदी का रोना फिर रोया मनमोहन ने


(महेंद्र देशमुख)

नई दिल्ली (साई)। भ्रष्टाचार, घपले, घोटालों, अनाचार में डूबी कांग्रेसनीत केंद्र सरकार द्वारा भ्रष्टाचारियों से पैसा ना वसूलकर जनता पर करारोपण कर इसकी भरपाई की जा रही है। जनता के पैसों पर एश करने वाले सभी पार्टियों के सांसद विधायकों द्वारा भी इस बात का कोई विरोध नहीं किया जाना आश्चर्यजनक है। इसी के बीच प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने एक बार फिर खाली खजाने का रोना रोना आरंभ किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा है कि राजकोषीय घाटे को कम करना, खाद्य वस्तुओं, पेट्रोलियम पदार्थों और उर्वरकों पर सब्सिडी के खर्च से निपटना तथा कृषि क्षेत्र में वृद्धि की गति तेज करना देश के समक्ष महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं। कल हरियाणा के सूरजकुंड में कांग्रेस की संवाद बैठक को संबोधित करते हुए डॉक्टर मनमोहन सिंह ने बताया कि वर्ष २०११-१२ में राजकोषीय घाटा बढ़कर पांच दशमलव सात-छह प्रतिशत हो गया, जो वर्ष २००७-०८ में सकल घरेलू उत्पाद का दो दशमलव पांच प्रतिशत था।
डॉक्टर सिंह ने कहा कि ऊंचे राजकोषीय घाटे का देश पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है और हमारी अर्थव्यवस्था में विश्वास की कमी हो सकती है। घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेश कम हो सकते हैं। प्रधानमंत्री ने आगाह किया कि अगर आर्थिक वृद्धि में मंदी रहती है तो बेरोजगारी और गरीबी बढ़ेगी।
डॉक्टर सिंह ने कहा कि सरकार को पेट्रोलियम पदार्थों के बारे में हाल में कई कड़े फैसले लेने पड़े लेकिन इस बात का ध्यान रखा गया कि गरीब और कमजोर वर्गों पर इसका सबसे कम असर पड़े। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसीलिए मिट्टी के तेल की कीमत नहीं बढ़ाई गई। डॉक्टर सिंह ने कहा कि शिक्षा का अधिकार, मध्याह्घ्न भोजन योजना, कौशल विकास मिशन, ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम इस सरकार की प्रमुख उपलब्धियों में से हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में पार्टी कार्यकर्ताओं से वर्ष २०१४ के चुनाव में जनमत फिर हासिल करने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने को कहा।
कांग्रेस बैठक के परिणाम के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए पार्टी के महासचिव जनार्द्धन द्विवेदी ने बताया कि श्रीमती गांधी ने समापन भाषण में पार्टी कार्यकर्ताओं से लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सरकार के हाथ मजबूत करने का अनुरोध किया।
बैठक को संबोधित करते हुए वित्तमंत्री पी चिदम्बरम ने राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए उठाए गए कदमों का ब्यौरा दिया। श्री चिदम्बरम ने कहा कि सरकार ने राजकोष को मजबूत करने और रुपए की स्थिरता के जरिए उच्च, वृद्धि दर हासिल करने के लिए कई कदम उठाए हैं। वहीं कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने अपने भाषण में प्रशासन में पारदर्शिता लाने और लोगों को परिणाम देने वाली सेवाओं पर जोर दिया।

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