भाजपा आलाकमान फिर
ब्लेकमेल होगा उत्तराखण्ड में
(सी.एस.जोशी)
देहरादून (साई)।
उत्तराखण्ड में आम जन चर्चा है कि भाजपा पार्टी संगठन के हित में य्ाही उचित होगा
कि पदेश की विषम राजनीतिक परिस्थितिय्ाों को देखते हुए ऐसे व्य्ाक्ति को चुना जाए
जिसकी पार्टी के पति निष्ठा, समर्पण और य्ाोगदान को लेकर कोई शंका न हो।
और वह पार्टी के स्थापना काल से ही पार्टी में रहा हो, तो इसमें निसंदेह
मोहन सिंह रावत गांववासी य्ाोग्य्ा है। उत्तराखण्ड भाजपा अध्य्ाक्ष पद अगर मोहन
सिंह रावत को सौपा गय्ाा तो भाजपा उत्तराखंड में जहां एक ओर बेहद मजबूत होगी, वहीं कुमाय्ाूं, गढवाल, मैदानी वर्ग का
भारी जनसमर्थन पार्टी को पाप्त होगा, क्य्ाोंकि मोहन सिंह रावत की छवि कभी भी
सत्तालोलुप की नहीं रही, इसका व्य्ाापक पभाव आम जन पर पडेगा,ज्ञात हो कि उत्तराखण्ड
में कांग्रेस सरकार लालबत्ती बांटने जा रही है, इससे व्य्ााप्त
असंतोष को भाजपा के पक्ष में मोडने में मोहन सिंह रावत गांववासी मजबूत व सक्षम
नेता साबित होगें,
क्य्ाोंकि उन्होंने स्वय्ां भाजपा राज में लालबत्ती स्वीकार
नहीं की थी, जिसका जनता
पर असर है,
वहीं दूसरी ओर
उत्तराखण्ड में भाजपा के हर छोटे से बडे नेता भी मान रहे हैं कि भाजपा में पद य्ाा
तो लांबिग से य्ाा जुगाड से मिलता है, शाय्ाद तभी उत्तराखण्ड भाजपा अध्य्ाक्ष का
पद हथिय्ााने के लिए कोई बीसी खण्डूडी की लाबी में स्वय्ां को दिखा रहा है तो कोई
भगत सिंह कोश्य्ाारी की लॉबी में, तो कोई कह रहा है कि मैं पूर्व मंत्र्ाी रहा
हूं, इस तरह अलग
अलग रॉप अलाप भाजपा के नेतागण निकाल रहे हैं, जबकि भाजपा का अध्य्ाक्ष बनने के इच्छुक
नेताओं ने य्ाह नहीं उचित नहीं समझ्ा रहे कि उत्तराखण्ड की सत्ता उन्होंने किस
कारण गंवाय्ाी, राज्य्ा
में महंगाई पर रोक लगवाने के लिए वह जनता के साथ कितनी बार संघर्ष में उतरे, नैशनल मुददो पर
उन्होंने जनता को कितनी बार लामबंद किय्ाा, राज्य्ा में आपदा राहत पर उनका क्य्ाा
य्ाोगदान रहा, इन सबसे
दूर भाजपा के नेता य्ाह गिना रहे हैं कि वह पार्टी के कारण इन पदो पर माल काटते
रहे, परन्तु
पार्टी के लिए उनका क्य्ाा य्ाोगदान रहा, य्ाह बताने की सामथर््य्ा शाय्ाद किसी में
नहीं रही, परन्तु इन
सबसे अलग हटकर उत्तराखण्ड भाजपा में एक ऐसा भी ग्रामवासी रहा, जिसके बारे में पढ
कर आप स्वय्ां अंदाजा लगा लेगें कि जनसेवा की मिसाल काय्ाम की, परन्तु कभी पार्टी
से नाराजगी व पार्टी को कभी अपमानित करने का पय्ाास नहीं किय्ाा, जबकि उत्तराखण्ड
में भाजपा के नेताओ ने कई बार पार्टी के सामने बडी दुविधा पूर्ण स्थिति भी खडी की, भाजपा हाईकमान के
आदेश को सीधे सीधे चुनौती दे डाली, 2007 से 2012 तक उत्तराखण्ड में सत्ता में रही भाजपा
सरकार को अनेक बार अपने नेताओं के कारण विषम परिस्थितिय्ाों से गुजरना पडा, भाजपा के कुछ नेता
ताल ठोककर खुलकर भाजपा हाईकमान के आदेश को चुनौती दे रहे थे, क्य्ाा भाजपा
आलाकमान फिर ब्लेकमेल होगा उत्तराखण्ड में, ऐसी जनचर्चा उत्तराखण्ड में है, क्य्ाोंकि
उत्तराखण्ड में भाजपा जब सत्ता में थी, कभी खण्डूडी गुट के सामने तो कभी बीसी
कोश्य्ाारी गुट के सामने भाजपा आलाकमान नतमस्तक होता रहा, क्य्ाा फिर वहीं
इतिहास दोहराय्ोगा भाजपा आलाकमान,
वहीं आप स्वय्ां
पढिय्ो, उत्तराखण्ड
भाजपा के एक महान जनसेवक की जनसेवा का सफर, नाम है इनका मोहन सिंह रावत गांववासी, इनके बारे में कहा
जाता है कि भारतीय्ा जनता पार्टी का अनुशासित सिपाही के रूप में विख्य्ाात हैं, 1980 में जब पार्टी बनी
थी तो इन्होंने पूरे उत्तराखंड में संगठन को खडा करने में य्ाोगदान दिय्ाा। 1960 से बाल स्वय्ां
सेवक के रूप में राष्ट्रीय्ा स्वय्ां सेवक संघ में सक्रिय्ा हुए। तरुणावस्था में
संघ के कायर््ाों में जुटे रहे और अनेक दाय्ाित्वों का निर्वहन करते हुए जनसंघ के
कायर््ाों को भी देखता रहा। आपातकाल में संघ के कायर््ाों को विस्तार देने के लिए
संघर्ष किय्ाा। जनसेवा का व्रत लेते हुए इन्होंने अपने को समर्पित कर दिय्ाा।
आज इनके समक्ष
सोचनीय्ा पश्न य्ाह है कि पार्टी को 80 के दशक में जीवन देने वाले कायर््ाकर्ता
पार्टी में सम्मान जनक हालत में है क्य्ाा? । 1980 के विधानसभा चुनावों में मैंने खुद पौडी
विधानसभा क्षेत्र्ा से विधाय्ाक के लिए चुनाव लडा और लगभग सभी सीटों पर पत्य्ााशी
खडे किय्ो। हालांकि हम हारे लेकिन एक विचारधारा की लडाई थी। पदेश में खूब जनांदोलन
किय्ो। अन्य्ा चुनाओं में नएµनए पत्य्ााशिय्ाों को खडा कर चुनाव लडाय्ाा
और संगठन का विस्तार और मजबूत किय्ाा । अपनी वांछा को दूर रखा। वरना हर बार मै ही
टिकट पा सकता था और चुनाव लडता रहता, लेकिन इससे संगठन का विकास न हो पाता। जब
पार्टी का आधार खडा हुआ तो बैक्डुअर से पत्य्ााशी आने लगे, हमने संगठन को
मजबूत करने के इरादे से उनको भी साथ दिय्ाा। अर्थपुर्ती(धनलिप्सा) के लिए लोग
पार्टी में आने लगे और य्ोनµकेन पकारेण पार्टी में शामिल होकर पार्टी की
विचारधारा को धूमिल करने का काम करते रहे। आज आवश्य्ाकता इसी बात की है कि
भारतीय्ा जनता पार्टी का विकास विचारधारा पर आधारित पार्टी के रूप हो और सभी
कायर््ाकर्ता पूरे मनोय्ाोग से तथा सेवाभाव से जनता की सेवा करें।
मोहन सिंह रावत
गांववासी ने सवाल उठाय्ाा कि कब तक उत्तराखंड के लोग आपदा के शिकार होते रहेंगे?।।।।हर साल, हरµबार दुहाई दी जाती
है, लेकिन फिर
वही ढाकµकेµतीन पात।।।मैंने
उखीमठµआपदा का
जैसे ही समाचार सुना, दौड पडा उधर।।।बाबा केदार की घाटी से मेरा अथाह प्य्ाार है।।
साल में कई बार धर्म, अध्य्ाात्म और पयर््ाटन के नाते जाता हूँ।।। लेकिन इस आपदा से
क्षेत्र्ा के लोगों की मुश्किलें बढ गय्ाी हैं।।जनµधन की अपार हानि
हुय्ाी है।।।।घरµगाँव तबाह
हो गए हैं।।। आपदाµविभाग
क्य्ाा कर रहा है?।। अभी तक
खतरनाक हालत में रह रहे गाँव के लोगों को सचेत नहीं कर पाय्ाा है।।।सिर्फµऔरµसिर्फ मृतकों के
आंकडे बटोरने का काम कर रहा है य्ो विभाग।।।।।उजडे और तबाह लोगों के दुःख में
शामिल होने की जरुरत है।।आमµआदमी का हाथ पीडितों की मदद के लिए आगे आना
चाहिए।।।।।
मोहन सिंह रावत
उत्तरकाशी के आपदा पीडित इलाकों के लगातार दौरे करते रहे तथा कांग्रेस सरकार के
आपदाµतंत्र्ा की
पोल खोली और बताय्ाा कि आपदा पीडितों को त्वरित लाभ देने में य्ाह तंत्र्ा विफल
रहा है। अभी भी भटवाडी और गंगोत्र्ाी राजमार्ग की ओर के पीडित परिवारों के लिए
समुचित उपाय्ा नहीं किय्ो गए हैं। स्वय्ांसेवी संस्थाओं की भीड बढ रही है लेकिन
उनका काम भी निय्ाोजित ढंग से नहीं है। सिर्फ पचार पाने के लिए जमघट लगा देना भी
ठीक नहीं है। पशासन को चाहिए कि स्वय्ांसेवी संस्थाओं का पंजीकरण कर उनको
कायर््ाक्षेत्र्ा आवंटित करे। जिससे सभी जगह मदद पहुँच सके।
मोहन सिंह रावत ने
पूरे राज्य्ा में संदेश दिय्ाा कि पदेश सरकार विकास कायर््ाों की अनदेखी कर रही है
। बहुगुणा सरकार को विकास कायर््ाों से कोई सरोकार नहीं है। सरकार सिर्फ अपने
धंधों पर ही नजर गडाए है। सुमाडी, पौडी गढवाल में एनआइटी की स्थापना के लिए
सरकार आँख बंद करके बैठी है। जनता आक्रोशित
है और सडकों पर उतर
गय्ाी है। संय्ाुक्त संघर्ष समिति द्वारा सुमाडी में एनआइटी का निर्माण के लिए
श्रीनगर गढवाल में चलाय्ो जा रहे आन्दोलन का मैं पुरजोर समर्थन करता हूँ। एनआइटी
सुमाडी में ही बनना चाहिए । पदेश शासन य्ाह बताए कि सुमाडी में एनआइटी का निर्माण
कब से शुरू होगा?
वहीं दूसरी ओर
भाजपा अध्य्ाक्ष पद के लिए लांबिग व गुहार लगाने का सिलसिला भी चल रहा है, एक पत्य्ााशी ने
गुहार लगाय्ाी कि विधानसभा चुनाव और टिहरी लोकसभा उपचुनाव में टिकट तो नहीं दिय्ाा
अब पदेश अध्य्ाक्ष पद ही दे दो। भारतीय्ा जनता पार्टी के पदेश उपाध्य्ाक्ष लाखीराम
जोशी ने पदेश अध्य्ाक्ष पद के लिए अपनी दावेदारी को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय्ा
अध्य्ाक्ष नितिन गडकरी को जो पत्र्ा लिखा है। भाजपा पदेश अध्य्ाक्ष के विभिन्न
दावेदारों की र्चचा के बीच भाजपा के पदेश उपाध्य्ाक्ष लाखीराम जोशी ने पदेश
अध्य्ाक्ष की कुर्सी पर अपना दावा ठोक दिय्ाा है। इस तरह अब भाजपा पदेश अध्य्ाक्ष
का चुनाव दिलचस्प हो सकता है। भाजपा के राष्ट्रीय्ा अध्य्ाक्ष नितिन गडकरी को लिखे
पत्र्ा में लाखी राम जोशी का कहना है कि 2013µ2015 के लिए उत्तराखंड में भाजपा पदेश
अध्य्ाक्ष का चुनाव होना है। अध्य्ाक्ष पद के लिए कई नेता दावा कर रहे हैं। पार्टी
संगठन के हित में य्ाही उचित होगा कि पदेश की विषम राजनीतिक परिस्थितिय्ाों को
देखते हुए ऐसे व्य्ाक्ति को चुना जाए जिसकी पार्टी के पति निष्ठा, समर्पण और य्ाोगदान
को लेकर कोई शंका न हो।
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