मनीष तिवारी की आईएण्डबी
मिनिस्ट्री पर पकड़ ढीली!
आकाशवाणी ने बताया
कमल नाथ को सीएण्डआई मिनिस्टर!
(आकाश कुमार)
नई दिल्ली (साई)।
सूचना प्रसारण मंत्रालय के अधीन काम करने वाले सरकारी श्रवण माध्यम आकाशवाणी पर आज
सुबह आठ बजे के समाचार सुनते वक्त श्रोता उस समय चौंक गए जब पहली ही खबर में शहरी
विकास और संसदीय कार्य मंत्री कमल नाथ को आकाशवाणी द्वारा वाणिज्य और उद्योग
मंत्री निरूपित कर दिया गया। सरकारी समाचार माध्यम को काफी विश्वसनीय माना जाता है
पर इस तरह की भूल से सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी की विभाग पर पकड़ और
कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लग गया है।
आज प्रातः आकाशवाणी
के समाचार बुलेटिन के अनुसार सरकार ने कहा है कि वह वॉलमार्ट के कथित लॉबिंग के
मुद्दे की जांच कराने के लिए तैयार है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री कमलनाथ ने कहा कि
वॉलमार्ट मामले की जांच कराई जाएगी, लेकिन इसकी घोषणा संसद में की जाएगी।
आकाशवाणी में
वाणिज्य और उद्योग मंत्री (वस्तुतः शहरी विकास और संसदीय कार्य मंत्री) कमलनाथ की
बाईट भी सुनवाई गई जिसके अनुसार उन्होंने कहा कि हमें इस पर जांच बैठाने में कोई
हिचकिचाहट नहीं है,
कोई संकोच नहीं है और हम इसमें पूरी जांच करेंगे। एक जांच
बैठाएंगे और मैं हाउस में इसकी घोषणा करूंगा, इसकी और डिटेल की घोषणा करूंगा। ये हमारे
लिए भी बहुत बड़ा चिंता का विषय है और हमें विश्वास है कि जो सच्चाई है सामने आएगी।
सूचना प्रसारण
मंत्री के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दोरान कहा कि सरकारी
समाचार माध्यम आकाशवाणी का विस्तार गांव गांव तक है आज भी गांवों में आकाशवाणी को
ही लोगों के दिलों की धड़कन माना जाता है। इस तरह से अगर आकाशवाणी द्वारा चूक की
जाती है तो इससे निश्चित तौर पर विभाग की छवि प्रभावित होती है। इन पंक्तियों के
लिखे जाने तक आकाशवाणी दिल्ली के समाचार कक्ष, समाचार संपादक आदि
को इस त्रुटि का पता भी नहीं चला है और उनकी ओर से इस संबंध में कोई खेद भी व्यक्त
नहीं किया जाना आश्चर्य जनक ही है।
वहीं दूसरे सरकारी
समाचार माध्यम दूरदर्शन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहचान उजागर ना करने की शर्त पर
कहा कि जब से मनीष तिवारी ने सूचना प्रसारण मंत्रालय की कमान संभाली गई है, तबसे मंत्रालय में
प्रशासनिक पकड़ ढीली पड़ने लगी है। तिवारी से पहले मंत्रालय में अन्य विभागों के
मंत्रियों की नोटशीट पर त्वरित कार्यवाही नहीं होती थी, किन्तु अब तो अन्य
मंत्री सूचना प्रसारण मंत्रालय में जमकर हावी हो चुके हैं।
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