बुधवार, 12 दिसंबर 2012

नहीं रहे रविशंकर


नहीं रहे रविशंकर

(यशवंत)

न्यूयार्क (साई)। मशहूर सितार वादक पंडित रविशंकर का अमरीका में निधन हो गया है। वे 92 वर्ष के थे। पंडित रविशंकर को पिछले दिनों साँस लेने में तकलीफ के चलते सैन डिएगो के स्क्रिप्स मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। भारतीय समयानुसार बुधवार सुबह चार बजकर तीस मिनट पर उनका निधन हो गया।वे पिछले कुछ दिनों से फेफड़ों के संक्रमण से जूझ रहे थे।
पंडित रविशंकर भारत के महान संगीतकार थे और भारतीय संगीत को पश्चिम में लोकप्रिय बनाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। पश्चिमी देशों में भी वो काफी लोकप्रिय थे। देश-विदेश के तमाम पुरस्कारों के अलावा उन्हें अब तक तीन ग्रैमी पुरस्कार भी मिल चुके हैं। भारत में पद्मविभूषण के अलावा उन्हें सर्वाेच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा जा चुका है।
पंडित रविशंकर का जन्म वाराणसी में 7 अप्रैल 1920 को हुआ था। इनका सितार वादन न केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया में जाना जाता था। भारतीय संगीत का पताका पश्चिम में पंडित रविशंकर ने ऐसा लहराया कि पूरी दुनिया लोहा मानने लगा था। शुरू से ही पंडित रविशंकर का रुझान कला की ओर रहा और उन्होंने खुद को साबित भी किया।
1999 में पंडित रविशंकर को भारत का सर्वाेच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उन्हें ग्रैमी अवार्ड से भी नवाजा गया था। पंडित रविशंकर की उम्र 92 साल हो रही थी। इन्होंने अलाउद्दीन खान से सितार वादन की शिक्षा ली थी। वह ऑल इंडिया रेडियो में म्यूजिक डाइरेक्टर भी रहे। पंडित रविशंकर 1986 में राज्यसभा के सांसद भी रहे। रविशंकर के निधन की खबर से देश भर में शोक का माहौल है।

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