गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013

अहंकार छू भी नहीं सकी रानी सा.को


अहंकार छू भी नहीं सकी रानी सा.को

(लिमटी खरे)

अगर कोई राजघराने में ब्याहा जाए और आजाद भारत में उसके पति किसी सूबे के निजाम बन जाएं तो क्या एक भारतीय स्त्री सहज, सुलभ, पारिवारिक, मिलनसार रह सकती है? जी हां, कांग्रेस महासचिव राजा दिग्विजय सिंह की धर्मपत्नि श्रीमति आशा सिंह वाकई सादगी की प्रतिमूर्ति थीं। रानी सा. से ज्यादा मुलाकात का सौभाग्य तो नहीं मिला पर जितनी बार उनसे भेंट हुई पता नहीं क्यों उनके अंदर मातृत्व की एक अजीब सी अनुभूति हुई हमेशा। जितने लोग भी राजा दिग्विजय सिंह के मिलने वाले होंगे हर किसी से उनके सीएम रहते यही कहते कि रानी सा.को अहंकार छू भी नहीं सका है।

कांग्रेस के अगली पंक्ति के नेता, मध्य प्रदेश में दस साल तक मुख्यमंत्री रहे कांग्रेस के वर्तमान में महासचिव राजा दिग्विजय सिंह की धर्मपत्नि श्रीमति आशा सिंह का बुधवार को नई दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया। श्रीमति सिंह कई सालों से कैंसर से जूझ रहीं थीं। चार पुत्री और एक पुत्र की माता श्रीमति सिंह का इलाज अमरीका में भी हो चुका है।
यह बात बिल्कुल सत्य है कि सियासी चमक धमक आशा सिंह को डिगा नहीं सकी। वे जब भी किसी से मिलतीं चाहे वह राजनैतिक रसूख वाला हो या पारिवारिक जान पहचान वाला, वे सदा ही उससे उसके परिवार के हाल चाल ही जानतीं। लोग बताते रहते हैं कि आशा सिंह ने कभी किसी के मंत्री पद या उसके रसूख के बारे में जानकारी हासिल करने की कोशिश नहीं की।
गौरतलब है कि आशा सिंह का विवाह राघोगढ़ राजघराने में राजा दिग्विजय सिंह के साथ हुआ। राजा दिग्विजय सिंह बाद में दस साल तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। दस साल तक हमने सत्ता को काफी करीब से देखा। उस वक्त भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित मुख्यमंत्री निवास पर लगभग रोजाना ही जाना आना होता था।
यह वह दौर था जब राजा दिग्विजय सिंह की मंशा के विपरीत राज्य में पत्ता भी नहीं खड़कता था। कांग्रेस पूरी तरह सुरक्षित स्थिति में थी सरकार में। यही कारण था कि 1993 एवं 1998 में दुबारा कांग्रेस ने धमाकेदार वापसी की थी सत्ता में। इस समय मुख्यमंत्री की पत्नि होना अपने आप में एक बहुत सम्मान की बात थी।
मुख्यमंत्री निवास में काम करने वाले हर किसी कर्मचारी के मुंह से श्रीमति आशा सिंह के बारे में रानी सा. का संबोधन और उनके मातृत्व वाले गुण का ही बखान सुनने को मिलता था। यहां तक कि उस वक्त के राजा दिग्विजय सिंह के सरकारी बुजुर्ग वाहन चालक के मन में रानी सा.के लिए श्रृद्धा देखकर लगता था मानो ये पांच बच्चों की नहीं बल्कि समूचे प्रदेश की मां हैं। सीएम हाउस में उस वक्त काम करने वालों का कहना था कि अगर सरकारी खर्च पर सीएम हाउस में कुछ नया करवाने की बात उनके समक्ष की जाती तो तुरंत मना कर देती और कहतीं कि इससे काम तो चल ही रहा है, क्या जरूरत है सरकारी पैसे को यहां खर्च करने की।
मुख्यमंत्री निवास में शायद ही किसी ने आशा सिंह को देखा हो। श्रीमति सिंह ने अपने आप को परिवार के अंदर ही समेट रखा था। श्रीमति आशा सिंह के बारे में मशहूर था कि वे भले ही सार्वजनिक जीवन में ना हों पर अगर उन्हें किसी के दुख दर्द के बारे में पता चलता तो वे उसकी हर संभव मदद करने का प्रयास करतीं। उनकी विनम्रता वाकई लोगों को यहां तक कि विरोधयों को उनके समझ झुकने पर मजबूर कर देती थी।
बुधवार रात्रि उनके निधन के उपरांत देश भर से पत्रकार मित्रों के अनेक फोन आए। सभी की चाहत एक ही थी, श्रीमति आशा सिंह का फोटो मिल जाए। हमने मशविरा दिया कि इंटरनेट से खोज लो, सभी ने कहा -‘‘भईए, इंटरनेट पर होती तो तुम्हें काहे देते तकलीफ।‘‘ हम भी सोच में ही पड़ गए कि राजघराने की बहू, दस साल हृदय प्रदेश के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सबसे ताकतवर महासचिव की अर्धांग्नी, का फोटो इंटरनेट पर नहीं! निश्चित तौर पर यह आशा सिंह की सादगी और लो प्रोफाईल रहने का ही नतीजा कहा जाएगा।
वाक्या 2002 का है, एक बार हम अपनी माता जी के इलाज के लिए उन्हें भोपाल से विमान से दिल्ली ले जा रहे थे। इंडियन एयर लाईंस के विमान में हमारी सीट के ठीक आगे की तीन सीट आरक्षित होने के कारण पलट कर रख दी गईं थीं। विमान चलने के एन पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया विमान में आए और आरक्षित सीट पर बैठ गए।
थोडी ही देर में श्रीमति आशा सिंह विमान में पहुंची। उन्हें देखकर हमने उठकर उन्हें प्रणाम किया, उन्होंने हमसे हालचाल जाना और सामने बैठ गईं। हमारी माताजी ने कौतुहलवश हमसे पूछा कि यह सुंदर महिला कौन हैं? हमने उन्हें बताया कि ये मुख्यमंत्री राजा दिग्विजय सिंह की अर्धांग्नी हैं। माताजी के चेहरे पर हैरत के भाव थे, वे बोलीं, इतने बड़े व्यक्तित्व की पत्नि और सादगी की प्रतिमूर्ति।
एक और वाक्या याद आ रहा है, बात 2004 की है, जब दिसंबर 2003 में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई और राजा दिग्विजय सिंह को मुख्यमंत्री आवास छोड़ना था। उस वक्त राजा दिग्विजय सिंह का सामान किसी अन्य बंग्ले में रखा जाना था। राजा दिग्विजय सिंह, श्रीमति आशा सिंह, उनके पुत्र और पुत्री एक बंग्ले में पहुंचे। हम भी वहां मौजूद थे, पूरा घर देखने के बाद एक छोटे से कक्ष जो संभवतः अंग्रेजों के जमाने में उस भवन की पेंट्री हुआ करती होगी, को देखकर वे अपनी पुत्री से बोलीं -‘‘इसे हम अपनी रसोई बना लेंगे, जब कुछ बनाना हो तो यहीं ठीक रहेगा ना!‘‘ हम चौक गए, राजघराने की बहू खुद संभालतीं हैं रसोई! एसी सादगी की प्रतिमूर्ति को शत शत नमन! (साई फीचर्स)

सिंधिया की पिच खोद रहे गौतम थापर!


0 रिजर्व फारेस्ट में कैसे बन रहा पावर प्लांट . . . 10

सिंधिया की पिच खोद रहे गौतम थापर!

(एस.के.खरे)

सिवनी (साई)। आदिवासी बाहुल्य मध्य प्रदेश में दस सालों से सत्ता से बाहर कांग्रेस भले ही युवा तुर्क और साफ सुथरी छवि वाले केंद्रीय उर्जा मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर दांव लगाकर सत्ता में वापसी का सपना देख रही हो पर देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर जिनका सियासी हल्कों में इकबाल बुलंद है के कदम ताल परोक्ष तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को सामंती सोच का पोषक और आदिवासी विरोधी होने का प्रमाण पत्र देते नजर आ रहे हैं।
ज्ञातव्य है कि देश के उद्योगों में अग्रणी अवंथा समूह के अध्यक्ष सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौतम थापर के स्वामित्व वाले इस प्रतिष्ठान के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकासखण्उ में 1260 मेगावाट क्षमता वाले पावर प्लांट की संस्थापना का काम 2009 से लगातार जारी है।
इस पावर प्लांट की स्थापना जिस जमीन पर की जा रही है वहां आदिवासियों की जमीनों की भरमार है। आदिवासियों का आरोप है कि उनकी जमीनों को झाबुआ पावर लिमिटेड के गुर्गों के इशारों पर कम कीमतों में खरीदकर उन्हें सोने के भाव संयंत्र प्रबंधन को बेचा गया है। जब इन परिवार या क्षेत्र के लोगों को काम देने की बात आती है तो घंसौर विकासखण्ड क्या सिवनी जिले के मजदूरों को काम देने में संयंत्र प्रबंधन पर आनाकानी के आरोप आम हैं।
स्थानीय नागरिकों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया से चर्चा के दौरान कहा कि संयंत्र प्रबंधन वादाखिलाफी कर रहा है। संयंत्र प्रबंधन द्वारा लगभग अंठयानवे फीसदी काम ठेके पर दिया है। ठेकेदार चूंकि स्थानीय कुछ नेता नुमा लोगों के साथ ही साथ जबलपुर एवं नरसिंहपुर के राजनैतिक रसूख वाले हैं अतः वे स्थानीय आदिवासियों एवं अन्य लोगों को काम पर नहीं रख रहे हैं। गौतम थापर के गुर्गों द्वारा जो नीति अपनाई जा रही है उससे संयंत्र पर आदिवासी और श्रृमिक विरोधी होने के आरोप लगने लगे हैं। माना जा रहा है कि किसी नेता विशेष के इशारे पर मध्य प्रदेश के भावी मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट ज्योतिरादित्य सिंधिया की पिच खोदी जा रही है।
चूंकि मामला केंद्र सरकार के उर्जा मंत्रालय से संबंधित है और भाग्य से मध्य प्रदेश के युवा तुर्क ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्र में उर्जा मंत्री हैं अतः प्रदेश में यह संदेश जाने लगा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया की शह पर गौतम थापर द्वारा आदिवासियों का शोषण किया जा रहा है, जिससे उनकी छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर सिवनी के पूर्व सांसद और भारतीय जनता पार्टी में असंगठित मजदूर मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष प्रहलाद सिंह पटेल की भी मजदूरों के मसले में चुप्पी अनेक संदेहों को जन्म दे रही है।
(क्रमशः जारी)

लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 65

भाजपा राज की छवि धूमिल करते शिव के गण

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। हरी अनंत हरी कथा अनंता! की तर्ज पर मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा शिवराज सिंह चौहान और भाजपा सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की मध्य प्रदेश सरकार ने जनकल्याणकारी योजनाओं की लाईन लगा दी है प्रदेश में। इतना होने के बाद भी इन कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए पाबंद जनसंपर्क महकमे द्वारा ही शिव के राज में शूल बिछाए जा रहे हैं।
ज्ञातव्य है कि वर्ष 2013 चुनावी वर्ष है। इस साल के अंत में प्रदेश में चुनाव होना तय हैं। चुनाव के मद्देनजर निश्चित तौर पर मध्य प्रदेश सरकार और भारतीय जनता पार्टी ने कमर कस रखी होगी। अमूमन सरकारी कर्मचारियों द्वारा चुनाव के पहले अपना नजरिया लगभग साफ कर दिया जाता है कि वह मौजूदा सरकार के साथ है अथवा सरकार के खिलाफ।
मध्य प्रदेश सरकार की सुपर डुपर हिट मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में हिन्दू और मुस्लिम धर्मावलंबियों के लिए रेल से धर्म स्थलों के भ्रमण के उपरांत शिवराज सरकार ने मसीही समाज के धर्मावलंबियों के लिए तमिलनाडू के वेलांगणी चर्च नागापट्टी के लिए अगले माह 12 मार्च को एक विशेष रेलगाड़ी का प्रबंध किया गया है।
26 फरवरी को जिला जनसंपर्क कार्यालय सिवनी द्वारा जारी विज्ञप्ति (चित्र में देखें) में कहा गया है कि तीर्थदर्शन योजना के तहत होने वाली इस यात्रा में सिवनी के मसीही समाज के 14 लोगों को शमिल किया गया है। हर बार तीर्थदर्शन योजना में सिवनी को जब भी शामिल किया गया है हर बार जनसंपर्क कार्यालय द्वारा विज्ञप्ति के माध्यम से आवेदन करने की अपील की गई है।
इस बार पता नहीं कैसे गुपचुप तरीके से मसीही समाज के धर्मावलंबियों के लिए तमिलनाडू के वेलांगणी चर्च नागापट्टी की यात्रा के लिए 14 लोगों का चयन कर लिया गया है। मसीही समाज के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि  जनसंपर्क विभाग और सरकार की इस गोपनीय कार्यवाही से समाज में रोष और असंतोष व्याप्त हो गया है। सरकार के इस कदम से समाज के लोगों का भरोसा भाजपा पर से उठता ही प्रतीत हो रहा है।

फरवरी 2006 में कांग्रेस का प्रतिनिधिमण्डल मिला था लालू से


0 सिवनी से नहीं चल पाएगी पेंच व्हेली ट्रेन . . . 10

फरवरी 2006 में कांग्रेस का प्रतिनिधिमण्डल मिला था लालू से

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। सिवनी में ब्राडगेज लाने के प्रयास हाथी के दिखाने के दांत ही साबित हुए हैं अब तक। कांग्रेस की कद्दवर नेता सुश्री विमला वर्मा के सक्रिय राजनीति से किनारा करने के उपरांत कांग्रेस के इकलौते क्षत्रप हरवंश सिंह के नेतृत्व में दो मर्तबा रेल मंत्री से मिलने का भी कोई लाभ नहीं हुआ। हालात देखकर लगने लगा है मानो कांग्रेस के क्षत्रपों ने सिवनी के विकास से पर्याप्त दूरी बना ली है।
इसी बीच सिवनी में रेल संघर्ष समिति का अभ्युदय हुआ और मामला कुछ हद तक इस समिति के पक्ष में आता दिखा। श्रेय की राजनीति के चलते कांग्रेस और भाजपा के लंबरदारों ने इस मामले को किसी ओर के हाथ चले जाने के भय से अब सक्रिय होना आरंभ कर दिया। फरवरी 2006 में कांग्रेस के कद्दावर नेता हरवंश सिंह ठाकुर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल दिल्ली आया और अनेक मांगें जिनमें छिंदवाड़ा नैनपुर का अमान परिवर्तन भी शामिल था को लेकर तत्कालीन मंत्रियों से मुलाकात की।
लालू से चर्चा के दौरान प्रतिनिधिमण्डल ने छिंदवाड़ा से नैनपुर (मण्डला फोर्ट तक नहीं) के रेल खण्ड के अमान परिवर्तन की मांग की। इसके बाद जब लालू यादव केंद्रीय मंत्री कमल नाथ की कर्मभूमि छिंदवाड़ा आए और छिंदवाड़ा नागपुर के अमान परिवर्तन की आधार शिला रखी तब भी सिवनी के कांग्रेसी नेताओं ने लालू यादव से इसकी मांग दुहराई। लालू प्रसाद यादव ने अपने चिर परिचित अंदाज में फिर से इसे मुस्कुराकर टाल दिया।
केंद्रीय मंत्री कमल नाथ, सिवनी के क्षत्रप हरवंश सिंह ठाकुर की उपस्थिति में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव का यह आश्वासन कितना कोरा था इसका पता जल्द ही लग गया। कुछ दिनों बाद छिंदवाड़ा दौरे पर आए मण्डल रेल प्रबंधक नागपुर से जब मीडिया ने लालू यादव के आश्वासन की चर्चा की थी,, तो ठेठ देसी अंदाज में उन्होंने कहा था कि मंत्री का आश्वासन नहीं वे रेल्वे बोर्ड के रूक्के (आदेश) पर काम करते हैं। जाहिर था रेल मंत्री ने आश्वासन दिया था इसके लिए विभाग से कोई आदेश जारी ही नहीं हुआ था तो डीआरएम कैसे काम आरंभ करवाते।
हालात देखकर सिवनी वासियों के मन में एक ही बात उठ रही थी कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही यह नहीं चाह रहे थे कि सिवनी में छोटी लाईन पर चलने वाली नेरो गेज रेल की न तो गति बढ़े और न ही सिवनी वासियों को ब्राडगेज की सुविधा मिले। सिवनी के सांसदों ने अमान परिवर्तन के लिए उपयुक्त मंच जिसे संसद के नाम से जाना जाता है में छिंदवाड़ा से नैनपुर के बीच के खण्ड के अमान परिवर्तन की बात न रखना अपने आप में किसी आश्चर्य से कम नहीं माना जा सकता है।
सिवनी लोकसभा विलोपन के पूर्व में सांसदों ने इस मांग को लोकसभा में क्यों नहीं उठाया इसका जवाब तो वे ही बेहतर तरीके से दे सकते हैं। उन्होंने जनता के विश्वास और प्यार के साथ क्या विश्वास घात किया है इसका जवाब भी उन्हें ही देना है। वर्तमान में बालाघाट संसदीय क्षेत्र जिसमें सिवनी और बरघाट विधानसभा का समावेश है के सांसद के.डी.देशमुख और मण्डला संसदीय क्षेत्र जिसमें लखनादौन और केवलारी विधानसभा का समावेश है के सांसद बसोरी सिंह मसराम ने लोकसभा में प्रश्न क्यों नहीं उठाया है इसका जवाब जनता अवश्य जानना चाह रही है। साथ ही साथ जनता को यह जानने का भी हक है कि क्या दोनों ही सांसद महोदय आने वाले लोकसभा सत्र में इस प्रश्न को लोकसभा में गुंजायमान करने की जहमत उठाएंगे या फिर इसके लिए भी उन्हें जगाने के लिए जनता को ही आगे आकर आंदोलन जैसे तरीकों को अपनाना होगा?
(क्रमशः जारी)

काप्टर मामले में जेपीसी बनेगी


काप्टर मामले में जेपीसी बनेगी

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। सरकार ने वी वी आई पी हेलीकॉप्टर सौदे में रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति बनाने की घोषणा की है। प्रस्तावित समिति अगस्टा वेस्टलैंड कंपनी से १२ वी वी आई पी हेलीकॉप्टर की खरीद में विचौलियों की भूमिका की जांच करेगी।
राज्यसभा में कल इस आशय का प्रस्ताव पेश करते हुए संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि समिति में राज्यसभा के दस और लोकसभा के बीस सदस्य होंगे। उन्होंने कहा कि समिति तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी। तेलगू देशम पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और ऑल इंडिया अन्ना डी एम के सहित मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के वाक-आउट के बीच यह प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित हुआ। इससे पहले इस मामले पर अल्पकालिक चर्चा का जवाब देते हुए रक्षामंत्री ए के एंटनी ने समिति के गठन का प्रस्ताव किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी दोषी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और भारतीय कानूनों के अंतर्गत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पूरी सरकार और हमारी पार्टी सभी, इस मामले को गम्भीरता से ले रहे हैं। हम चाहते हैं कि इसका सही समाधान हो। जो कोई भी दोषी होगा उसे बक्शा नहीं जाएगा।
श्री एंटनी ने विपक्ष के इस आरोप को गलत बताया कि सरकार ने कार्रवाई करने में देरी की। उन्होंने कहा कि इटली या ब्रिटेन की सरकार की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई । रक्षा मंत्री ने बताया कि इटली की अदालते यह कह कर कोई सूचना नहीं दे रही है कि जांच अभी जारी है। सी बी आई ने अब तक छह भारतीयों सहित ग्यारह लोगों और चार कंपनियों के खिलाफ इस मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।

जम्मू श्रीनगर मार्ग फिर बंद


जम्मू श्रीनगर मार्ग फिर बंद

(विनोद नेगी)

जम्मू (साई)। जम्मू कश्मीर के रामबन क्षेत्र में कल शाम भूस्खलन के बाद जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर दिया गया है। हमारे संवादाता ने बताया है कि सेरी के निकट चट्टाने खिसकने और रामबन के पास पंथाल में पत्थर गिरने के कारण राजमार्ग पर यातायात रोक दिया गया।
उधर जम्मू के मैदानी इलाकों में कल शाम हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि से रबी फसलों को नुकसान पहुंचा है। जबकि डोडा, किश्तवाड़, भद्रवाह राजौरी और पूंछ के उपरी इलाकों में भारी हिमपात हुआ है। खराब मौसम और बर्फबारी के चलते राज्य सरकार ने कश्मीर घाटी और विंटर जोन के तहत आने वाले इलाकें के स्कूलों में छुट्टियां दस मार्च तक बढ़ा दी है।

व्‍यापार : आईआरसीटीसी पर लगा दस लाख का फटका!


आईआरसीटीसी पर लगा दस लाख का फटका!

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। अगर आपसे चलती रेल में या रेल्वे प्रमाईसेस के अंदर आईआरसीटीसी द्वारा निर्धारित से अधिक कीमत पर माल बेचा जाता है तो आप शांत मत रहिए आप खटखटाईए कंज्यूमर्स कोर्ट का दरवाजा। दिल्ली की उपभोक्ता प्रतितोषण अदालत ने आईआरसीटीसी को दस लाख का जुर्माना ठोंका है।
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिजम कॉर्पाेरेशन (आईआरसीटीसी) पर 10 लाख रुपए का यह जुर्माना कन्जयूमर फोरम ने एमआरपी से अधिक कीमत वसूलने के लिए लगाया है। दो कन्जयूमर्स ने आईआरसीटीसी पर अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से अधिक कीमत पर कोल्डड्रिंक बेचने का आरोप लगाया था जिसे सही पाए जाने के बाद कन्जयूमर फोरम ने यह जुर्माना लगाया है।
दिल्ली जिला उपभोक्ता निवारण फोरम ने दो अलग-अलग मामले में भारतीय रेलवे की सहायक आईआरसीटीसी पर पांच-पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया। सीके चतुर्वेदी की अध्यक्षता वाली बेंच ने फैसले में कहा कि उन्होंने इस मामले को व्यापार के तय मानकों के खिलाफ पाया। उपभोक्ता निवारण फोरम ने कहा कि आईआरसीटीसी एक सरकारी संस्था है और उससे ऐसी उम्मीद नहीं जा सकती है कि वे ग्राहकों को ठगे।
बेंच ने कहा कि सरकार के कॉर्पाेरेशन में चलने वाली आईआरसीटीसी प्राइवेट डीलर्स की तरह काम कैसे कर सकती है। यह ट्रेन में लाखों यात्रियों को खाद्य सामग्रियां उपलब्ध कराती है। यात्री कई बार इसका विरोध नहीं कर पाते हैं। फोरम ने आईआरसीटीसी को 5-5 लाख के जुर्माने के साथ दोनों ही पीड़ितों को 10-10 हजार रुपए का हर्जाना भरने का निर्देश भी दिया है। दिल्ली के रहने वाले सचिन धीमान और शर्नया ने आरोप लगाया था कि आईआरसीटीसी की खुदरा दुकान ने एक सॉफ्ट ड्रिंक्स की बोतल 12 रुपए के बजाए 15 रुपए में बेची।

व्‍यापार : गैस एजेंसियों की मनमानी जारी


गैस एजेंसियों की मनमानी जारी

(सोनल सूर्यवंशी)

भोपाल (साई)। रसोई गैस के डिस्टीब्यूटर्स द्वारा अपने उपभोक्ताओं को सुविधाओं के बारे में ना तो पूरी तरह बताया जाता है और ना ही समझाया जाता है। रसोई गैस उपभोक्ताओं को जानकारी के अभाव में बीमा सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है। जिले में विभिन्न कंपनियों के लगभग दर्जन भर गैस एजेंसी है।
इसमें हजारों उपभोक्ताओं के खाते से सुरक्षा जांच व निरीक्षण के नाम पर रुपये तो काटे जा रहे हैं, लेकिन दुर्घटना बीमा का लाभ अब तक एक भी उपभोक्ता को नहीं मिला है। एलपीजी गैस उपभोक्ता नियमावली के अनुसार दो वर्षाे में 50 रुपये जांच में खर्च करने के बाद कंपनी द्वारा दस लाभ रुपये के दुर्घटना बीमा का लाख दिया जाता है।
देश भर के सभी गैस उपभोक्ताओं को सुरक्षा जांच निरीक्षण पूर्ण मान्य होने पर बीमा का लाभ मिलता है। सुरक्षा जांच अधिकारी द्वारा मान्यता दिये जाने के बाद यदि दो वर्ष की अवधि में आगजनी या अन्य प्रकार की दुर्घटना होती है तो नुकसान के आधार पर रुपये मिलता है।
सुरक्षा जांच के दौरान एजेंसी को यह सुनिश्चित करना होता है कि सिलिंडर, रेगुलेटर, नॉव व टयूब टीक स्थिति में है। वहीं रसोइघर में सिलिंडर व गैस चूल्हे के पास कोई ज्वलनशील पदार्थ तो नहीं है। चूल्हे के पास किसी घर में भगवान का दीप तो नहीं जलता है। साथ ही उपभोक्ताओं को गैस के प्रयोग व सुरक्षा के बारे में कितना जागरूक है। चूल्हे की क्वालिटी कैसी है। इसकी जानकारी प्राप्त करना भी सुरक्षा जांच में शामिल है।
गैस एजेंसी के मालिकों की मनमानी के कारण उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। अगर कंपनी उन्हें जानकारी देना भी चाहती है तो एजेंसी मालिक कोई-न-कोई बहाना बना कर बात टाल जाते हैं। दूसरी ओर किसी भी गैस एजेंसी में सुरक्षा निरीक्षक ही नियुक्त नहीं है। ऐसे में उपभोक्ताओं को बीमा योजना का लाभ कैसे मिल पायेगा।

छत्‍तीगढ : जज को चाहिए पत्नि से न्याय!


जज को चाहिए पत्नि से न्याय!

(आंचल झा)

रायपुर (साई)। लोग न्याय के लिए अदालत पर निर्भर हैं यह सही बात है इसके साथ ही साथ न्याय देने वाले जज के प्रति लोगों के मन में आज भी भरोसा बरकरार है। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां के छुईखदान में पदस्थ सिविल न्यायाधीश (वर्ग-2) शैलेश शर्मा अपनी ही पत्नी के खिलाफ थाने पहुंच गए और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया। थाने पहुंचकर न्यायाधीश थानेदार से बोले-उनकी पत्नी एन शर्मा ने 6 चेक पर फर्जी हस्ताक्षर किए। रिश्तेदारों से दो लाख रुपए वसूल लिए। साथ ही न्यायाधीश की पत्नी का हवाला देते हुए उधारी में ज्वेलरी भी खरीद ली।
पिछले साल 26 दिसंबर को जुर्म दर्ज होने के बाद संभावित गिरफ्तारी से बचने के लिए पत्नी हाई कोर्ट पहुंच गई पर उन्हें राहत नहीं मिली। मंगलवार को जस्टिस मनींद्र मोहन श्रीवास्तव की अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी। छुईखदान पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि न्यायाधीश ने शिकायत में कहा है कि उसकी पत्नी ने चेक पर फर्जी हस्ताक्षर तो किए हैं पर उसका इस्तेमाल नहीं किया। यह चेक पत्नी के ही पास है। अब मामला हाई कोर्ट में है, इसलिए वहां से डायरी पहुंचने के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी।

देहरादून : राज्यपाल ने सामाजिक सद्भाव से जुड़े ’’सबका मालिक एक’’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया


राज्यपाल ने सामाजिक सद्भाव से जुड़े ’’सबका मालिक एक’’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया

(अर्जुन कुमार)

देहरादून (साई)। ’’विश्व के सभी धर्मों का उद्देश्य और सबक है, मनुष्य के भीतर छिपी बुराईयों को दूर करके प्रेम, अमन, शांति तथा भाईचारे का वातावरण लाकर पूरे विश्व को एक सूत्र में बांधना लेकिन इतिहास गवाह है कि विश्व में सबसे ज्यादा बर्बरता और खून-खराबा भी धर्म के ही नाम पर हुआ है। इसका कारण है धर्म के मर्म को न समझने वाले नासमझ अनुयाइयों की नादानी।’’
यह उद्गार उत्तराखण्ड के राज्यपाल डॉ0 अज़ीज़ कुरैशी ने आज राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में व्यक्त किये। सामाजिक सद्भाव और समरसता की भावना से ओत-प्रोत ’’सबका मालिक एक’’ नाम से आयोजित इस कार्यक्रम को ’’स्नेहिल संस्था’’ द्वारा प्रस्तुत किया गया था जिसके अन्तर्गत राजभवन के प्रेक्षागृह की गैलरी में युवा चित्रकारों द्वारा अपने रंग और कूची (ब्रश) के माध्यम से चित्रित किये गये विभिन्न धर्मों के मानवता के सन्देश देने वाली बीस प्रभावशाली चित्रों की प्रदर्शनी तथा सूफी संगीत संध्या के माध्यम से भी विश्व शांति का सन्देश दिया गया।
गीता हूं कुरान हूं, मुझको पढ़ इंसान हंू मैं का संदेश लिए हुए तैल चित्रों का अवलोकन करने के बाद राज्यपाल ने हिमांशु दरमोड़ा, दीपक यादव तथा स्नेहिल संस्था की अध्यक्ष डॉ0 ममता सिंह की उत्कृष्ट स्तर की सूफी गायकी से प्रभावित होकर कहा कि ’’कलाकारों की इस संगीतमयी प्रस्तुति ने भारतीय संस्कृति की सर्वधर्म समभाव की भावना को विस्तारित किया। संगीत के शब्दों और सुरों में इतना दम है कि वह विश्व के किसी भी आतंकवाद से सामना कर सकता है। मेरी इच्छा है कि मैं इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से उत्तराखण्ड की प्रतिभाओं को उभरने का अवसर दूं इसके लिए मैंने उत्तराखण्ड में प्रथम बार अन्तरविश्वविद्यालयी युवा महोत्सव का आयोजन प्रारम्भ कराया जिसे युवाओं की सहमति से ’’राजीव गाँधी युवा महोत्सव’’ का नाम दिया गया है। मेरी यह भी इच्छा है कि स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी जरूरी सुविधाओं से वंचित पहाड़ों की सत्तर प्रतिशत आबादी के हर पिछड़े कोने तक हमारे युवा विकास की रोशनी पहुँचाने में सक्षम हों।’’
राज्यपाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर आज के कार्यक्रम का उद्घाटन किया। स्वागत सम्बोधन की औपचारिकता के पश्चात् संस्कृति संरक्षण एवं संवर्धन के लिए समर्पित कला संगठन स्नेहिल संस्था की अध्यक्ष डॉ0 ममता सिंह द्वारा संस्था की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए समाज में सद्भावना विकसित करने हेतु ऐसे कार्यक्रमों की निरन्तरता पर सबका ध्यानाकर्षित किया गया।
चित्रकला प्रदर्शनी में नवोदित चित्रकार डॉ0 एन0एल0 वर्मा, डॉ0 ममता सिंह, डॉ0 रीता तिवारी, डॉ0 विनीता दहिया, डॉ0 मीनाक्षी नौटियाल, ज़ाकिर हुसैन, डॉ0 शशि झा, शाहिस्ता, रीना गुप्ता, रंजना शर्मा, प्रियंका पटेल, अमृता रावत, जस्सी, दीपक, लता रावत आदि चित्रकारों के चित्र मुख्य रूप से प्रदर्शित किये गये। कार्यक्रम के दूसरे भाग में स्नेहिल के गायकों ने सूफी गायन से हिमांशु दरमौड़ा ने ’’नैन लगाये’’, ’’फासले ऐसे भी होंगे’’ तथा ’’आया तेरे दर पर दीवाना’’ तथा संस्था की अध्यक्षा डॉ0 ममता सिंह द्वारा  ’’छाप तिलक सब छीनी रे’’ एवं ’’तू ही मेरा सुकून, तू ही मेरा जुनून’’ गीत व कव्वाली की प्रस्तुति ने सभागार में आध्यात्मिक माहौल उत्पन्न किया। कार्यक्रम में परिसहाय श्री राज्यपाल डॉ0 वाई0एस0 रावत, डॉ0 एस0 फारूख़, डी0ए0वी0 कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ0 भसीन, डॉ0 सुधारानी पाण्डे, अवधेश कुमार, श्री आर0बी0 सिंह, डॉ0 पुनीत सैनी, डॉ0 रीता तिवारी, गीत-संगीत प्रेमी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति, कलाकार एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

हरियाणा : षडय़ंत्र व जालसाजी तहत लाखों रुपये का गबन ,40 हजार रुपये नगदी बरामद


षडय़ंत्र व जालसाजी तहत लाखों रुपये का गबन ,40 हजार रुपये नगदी बरामद

(राजकुमार अग्रवाल)

कैथल (साई)। युवक को दोगुना नगदी करने का लालच देते हुए षडय़ंत्र व जालसाजी तहत लाखों रुपये का गबन करने के मामले में रिमांड दौरान सीआईए पुलिस ने 40 हजार रुपये नगदी बरामद की है। गिरोह के 2 अन्य सदस्यों की सरगर्मी से तलाश की जा रही है, तथा आरोपी को आज अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पुलिस प्रवक्ता ने बताया बरसाना वासी रमन कुमार यमुनानगर के खालसा कालेज में पढ़ाई दौरान भाटिया नगर वासी जसवंत उसके पुत्र संटी व फतेहपुर भट्ट जिला सहारनपुर युपी वासी मोनु से हुई थी। उन्होनें कहा कि वे नगदी दोगुना करने का धंधा करते है, तथा 10 दिन में दोगुनी रकम लौटा देते है। आरोपियों ने एक दो बार युवक की कुछ हजार रुपये की मामुली नगदी को दोगुना करके वापिस कर दिया तथा बाद में 23 मई 2012 के दिन बरसाना से तीनों 5 लाख रुपये नगदी ले गये। आरोपीयों ने काफी समय तक दोगुनी नगदी नहीें दी तथा असल पैसे मांगने पर भी जान से मारने की धमकी देने लगे। प्रवक्ता ने बताया एएसआई रमेश चंद ने मामले की जांच करते हुए यमुनानगर से आरोपी जसंवत ङ्क्षसह को गिरफ्तार कर अदालत से पुलिस रिमांड हासिल किया था। आरोपी के कब्जा से 40 हजार रुपये नगदी बरामद कर ली तथा शेष आरोपियों की तलाश की जा रही है।
वहीं दूसरी ओर पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि पुजा व तंत्र के बहाने करंसी नोट दोगुना करने वाले गिरोह के दुसरे आरोपी को सीआईए पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। एक अन्य आरोपी से ठगे गये 4 लाख रुपये पहले ही बरामद किए जा चुके है। आरोपी का अदालत से 2 दिन के लिए पुलिस रिमांड हासिल किया गया है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया गली नं. 2 अर्जुन नगर कैथल वासी तरसेम का रेलवे स्टेशन बाल्मीक बस्ती वासी मौनी के रिश्तेदारों ने  21 सितम्बर को बताया कि एक व्यक्ति नगदी को दोगुनी कर देता है, जिसकी उन्होंने 20 प्रतिशत कमिशन लेने की एवज में पुरी गारंटी ली। झांसे में आ चुके तरसेम से उन्होंने अगले ही दिन अम्बाल कैंट क्षेत्र स्थित अपने मकान में एक व्यक्ति से मुलाकात करवाई, जिसने पुजा के लिए 51 हजार रुपये उसी समय तथा शाम को 65 हजार रुपये फिर ले लिए। 26 सितम्बर को तरसेम 21 लाख 35 हजार रुपये लेकर उनके साथ राजौंद गया, जहां पुजा के समय आरोपी झांसा देते हुए नगदी समेत फरार हो गये।  पुलिस प्रवक्ता ने बताया 1 जनवरी को थाना राजौंद में दर्ज मामले की जांच एएसआई जितेंद्र कुमार ने करते हुए आरोपी बिजेंद्र अलेवा को गिरफ्तार कर 4 लाख रुपये नगदी बरामद कर ली थी। इससे पुर्व यह कुख्यात आरोपी राजौंद वासी एक अन्य व्यक्ति से अलेवा में इसी प्रकार 15 लाख रुपये की ठगी कर चुका है। एएसआई जितेंद्र ने आरोपी नरेंद्र उर्फ मोनु वासी संडील जिला जींद को भी गिरफ्तार कर किया है। आरोपी नरेंद्र राजौंद में पुजास्थल के बाहर बाईक लिए खड़ा था, जो मुख्यारोपी बिजेंद्र को बाईक पर बैठाकर मौका से फरार हुआ था। उसके हिस्से आई नगदी की बरामगदी हेतु आरोपी का अदालत से 2 दिन के लिए पुलिस रिमांड हासिल किया गया है।
इसके साथ ही साथ घर में घुसकर मारपीट करने के मामले में आज उपमंडल न्यायिक मैजिस्ट्रेट गुहला श्री गगनदीप मित्तल की अदालत ने 4 दोषीयों को 3-3 वर्ष कारावास व प्रत्येक को 4500 रुपये जुर्माना का सजायाब किया है। एक आरोपी को बरी किया गया है, जबकि 2 आरोपियों की मौत हो चुकी है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया मामला धनपति देवी पत्नी शंकर वासी भागल की शिकायत पर थाना चीका में 12 अगस्त 07 को दर्ज किया गया था। इनका गांव के ही फतेह ङ्क्षसह के साथ लाल डोरा के अंदर की कुछ जमीन बारे झगड़ा चल रहा था, जो अदालत का फैसला शंकर के पक्ष में आ गया। इसी रंजिश कारण 11 अगस्त की दोपहर जब धनपती, उसका पति शंकर, पुत्र जसमेर आदी घर में बैठे थे, तो लाठी गंडासी आदी से लैस आरोपियों ने हमला कर दिया, जिसमें दोनों पक्षों को चोटें आई। मामले की जांच एएसआई शिवकुमार ने करते हुए पहले पक्ष के शंकर व जसमेर तथा दुसरे पक्ष के आरोपी बलङ्क्षवद्र, विक्रम, श्रीराम, रतिराम व फतेहङ्क्षसह को गिरफ्तार कर लिया। व्यापक सबुत जुटाने उपरांत 7 नवम्बर को मामला न्यायालय के सुपर्द कर दिया गया। प्रवक्ता आर एल खटकड़ ने बताया सुनवाई दौरान शंकर व रतिराम का स्वर्गवास हो चुका था। एसडीजेएम गुहला गगनदीप मित्तल की अदालत ने आज दोषी बलङ्क्षवद्र, विक्रम, श्रीराम व फतेहङ्क्षसह को भादसं. की धारा 148 तहत प्रत्येक को 1 वर्ष कारावास व 1 हजार रुपये जुर्माना, भादसं. की धारा 323 तहत 6 माह कैद व 500 रुपये जुर्माना, भादसं. की धारा 325 तहत 3 वर्ष कारावास व 2 हजार रुपये जुर्माना तथा भादसं. की धारा 452 तहत प्रत्येक को 2 वर्ष कारावास व 1 हजार रुपये जुर्माना का सजायाब किया है। सभी सजाए एक साथ चलेंगी तथा आरोपी जसमेर को बरी किया गया है। 

मेरठ - ....... ओर होने लगा संगठित किसान


....... ओर होने लगा संगठित किसान

(सचिन धीमान)

मेरठ (साई)। मेरठ के चौ. चरण सिंह पार्क में हो रहे राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के ऐतिहासिक किसान अधिकार धरने के दूसरे दिन धरने का जोर पकडता दिखाई दे रहा है। जहां मेरठ सहित आस पास के जनपदों से विभिन्न छोटे-बडे संगठन आंदोलन को समर्थन देने के लिए आये वहीं थकहारकर ओर किरकिरी कराने के बाद भारतीय किसान यूनियन आंदोलन को समर्थन करने के लिए मजबूर हो गयी। मेरठ की भारतीय किसान यूनियन शाखा के पदाधिकारी मंच पर पहुंचकर राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के इस आंदोलन को समर्थन देने की बात की। भारतीय किसान यूनियन  के पांच सदस्यों का प्रतिनिधि मंडल समर्थन देने पहुंचा। जिनमें प्रदेश उपाध्यक्ष कुशलपाल आर्य, हरेन्द्र नेहरा सदस्य प्रदेश कार्यकारिणी, चौ. राजवीर सिंह मंडल अध्यक्ष मेरठ, राजेन्द्र सिंह छूर तहसील सचिव, समरपाल मंडल उपाध्यक्ष समर्थन देने वालों में है।
धरने पर दूसरे दिन बावना खाप के अध्यक्ष चौ. उधम सिंह, मेजर डा. हिमांशु, विकास बालियान, श्यामपाल सिंह चेयरमेन, राजवीर सिंह मुंडेट, उपेन्द्र सिंह, रामवीर सिंह मंडल प्रभारी, चौ. जितेन्द्र, रणपाल सिंह, राजीव सिरोही, जसवीर सिंह, बलवीर सिंह, रविकांत, सुशील शर्मा, इंजीनियर राजवीर, विजयपाल बिराना आदि हजारांे किसान मौजूद रहे।

बुधवार, 27 फ़रवरी 2013

रेल बजट: क्या आया हृदय प्रदेश की झोली में!

रेल बजट: क्या आया हृदय प्रदेश की झोली में!

(लिमटी खरे)

17 साल बाद कांग्रेस के रेल मंत्री ने रेल बजट प्रस्तुत किया। पवन बंसल के इस रेल बजट में मध्य प्रदेश को उम्मीद बहुत अधिक थी। एमपी में इस साल के अंत में चुनाव हैं, अतः चुनावी साल को देखते हुए एमपी की झोली में बहुत कुछ डाला गया है पर यह सब कुछ आंकड़ों की बाजीगरी से ज्यादा नहीं है। इस रेल बजट में मध्य प्रदेश को सब कुछ मिला और कुछ भी नहीं हासिल हुआ की कहावत चरितार्थ होती दिख रही है। एमपी में सबसे समृद्ध रहा छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र के लिए यह रेल बजट, शेष जिलों यहां तक कि केंद्रीय उर्जा मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इस रेल बजट में कुछ नहीं हासिल कर पाए। कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता इस रेल बजट को मध्य प्रदेश के लिए जनहितकारी अवश्य निरूपित कर रहे होंगे पर जब वे मीडिया के सामने से हटते होंगे तो उन्हें भी अंदर ही अंदर पीड़ा हो ही रही होगी।

इस बार के रेल बजट में सवेक्षण विशेषकर इंजीनियरिंग यातायात सर्वे के नाम पर सबसे अधिक बाजीगरी दिखाई गई है। जिन रेल खण्डों का सर्वेक्षण हो चुका है उन रेल खण्डों का दुबारा सर्वेक्षण कराकर एक झुनझुना ही थमाने का प्रयास किया है पवन बंसल ने। इस बार के बजट मे चालू सर्वेक्षण में इटारसी, नागपुर वर्धा की 73.8 किलोमीटर की तीसरी लाईन, छिंदवाड़ा जिले में सौंसर, पाढुर्णा 30 किलोमीटर का और छिंदवाड़ा जिले में ही आमला से छिंदवाड़ा दोहरीकरण का सर्वेक्षण का काम प्रस्तावित किया गया है।
इसके अलावा चालू सर्वेक्षण में नैनपुर मण्डला फोर्ट, रामटेक गोटेगांव 27.5 किमी, पेंड्रा रोड़ से गोटेगांव श्रीधाम तक 260 किलोमीटर, सिवनी से छपारा लखनादौन, सिवनी से बरघाट कटंगी, लामटा से परसवाड़ा बैहर होकर मलाजखण्ड, बालाघाट से भरवेली, उकुवा, जयसिंहनगर से शहडोल, जबलपुर से बेमेत्रा, कवर्धा होकर राजनांदगांव, सतना रीवा मार्ग का दोहरीकरण प्रस्तावित किया गया है।
इसी तरह गुना से आरोन, सिरोंज, बरोडा विदिशा नई रेल लाईन, सागर से छतरपुर खजुराहो नई रेल लाईन, बरान शिवुपरी, जबलपुर से दमोहर पन्ना का सर्वेक्षण, कटनी से बीना तीसरी लाईन, रामगंज मण्डी से नीचम, जबलपुर उदयपुरा सागर रेलखण्ड, कटनी सिंगरोली रेलखण्ड का दोहरीकरण का सर्वेक्षण भी प्रस्तावित हैं
ब्यावरा से राजगढ़ बीना नए रेल खण्ड, छिंदवाड़ा से करेली होकर सागर, दमोह से हाटनगर खजुराहो, भोपाल से इंदौर नई रेल लाईन, सागर बंडरी, मालथौन होकर ललितपुर नई रेल लाईन, छिंदवाड़ा, गाडरवाड़ा, उदयपुर, जैसीनगर नई रेल लाईन, सागर बण्डा, बड़ा मल्हारा, खजुराहो नई रेल लाईन, उज्जैन रामगंज मण्डी नई रेल लाईन, सतना मिर्जापुर नई रेल लाईन, इंदौर बैतूल नई रेल लाईन सौरसा सीतामउ, मंदसौर नई रेल लाईन, आष्टा भोपाल नई रेल लाईन, सतना रीवा नई रेल लाईन का सर्वेक्षण भी प्रस्तावित है।
मध्य प्रदेश के खाते में नई रेल के मामले में इंदौर से चंडीगढ़ एक नई साप्ताहिक रेल गाड़ी जो देवास, उज्जैन, गुना ग्वालियर होकर गुजरेगी, जबलपुर से यशवंतपुर नई साप्ताहिक रेल गाड़ी, प्रस्तावित है। इसके अलावा जो रेल नई रेल गाडियां एमपी से होकर गुजरेंगी उनमें बांद्रा रामनगर जो नागदा होकर साप्ताहिक, निजामुद्दीन से मुंबई साप्ताहिक एसी एक्सप्रेस बरास्ता भोपाल खण्डवा, बीकानेर चेन्नई सप्ताहिक भोपाल नागदा होकर, कालका से साई नगर सप्ताह में दो दिन चलेगी जो भोपाल इटारसी होकर गुजरेगी।
एमपी से संबंधित जिन रेल गाडियों के फेरे बढ़े हैं उनमें जबलपुर से अमरावती एक्सप्रेस जो सप्ताह में तीन दिन चलती थी अब सप्ताह में हर दिन चलेगी। इंदौर से अमृतसर चलने वाली एक्सप्रेस रेल गाड़ी अब सप्ताह में एक के बजाए दो दिन चलेगी। इसके अलावा जो रेल एमपी से होकर गुजर रही हैं उनमें निजामुद्दीन से यशवंतपुर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस सप्ताह में दो दिन के बजाए चार दिन गुजरेगी।
एमपी में जिन रेल गाडियों का विस्तार किया गया हैं उनमें जबलपुर से जयपुर दयोदय एक्सप्रेस को अजमेर तक बढ़ाया गया है। मरेठ से नीमच चलने वाली रेल गाड़ी अब मंदसौर तक चलेगी। रतलाम से चित्तोडगढ़ चलने वाली रेल गाड़ी उदयपुर तक तथा रतलाम से चित्तोड़गढ़ चलने वाली डेमू एक्सप्रेस अब भीलवाड़ा तक जाएगी।
मध्य प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2013 - 2014 में जिन परियोजनाओं को पूरा किया जाना प्रस्तावित है उसमें अमान परिवर्तन की श्रेणी में छिंदवाड़ा जिले की छिंदवाड़ा सौंसर रेल खण्ड परियोजना ही अकेली है। इसके अलावा नई परियोजना में भिंण्ड इटावा रेल खण्ड को इस साल पूरा कर लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त मध्य प्रदेश की झोली में भोपाल के समीप मिसरोद में मोटराईज्ड बोगियों की मरम्मत और पुर्नस्थापना का कारखाना खोला जाना प्रस्तावित है। इसके साथ ही साथ रतलाम में कौशल उन्नयन प्रशिक्षण केंद्र की प्रस्तावना की गई है। (साई फीचर्स)

किसके इशारे पर सिंधिया के राह में शूल बिछा रहे थापर!


0 रिजर्व फारेस्ट में कैसे बन रहा पावर प्लांट . . . 09

किसके इशारे पर सिंधिया के राह में शूल बिछा रहे थापर!

(एस.के.खरे)

सिवनी (साई)। केंद्रीय उर्जा राज्य मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद मध्य प्रदेश में निर्विवाद रूप से तेजी से बढ़ता दिख रहा है, किन्तु उनकी राह में शूल भी नजर आने लगे हैं। केंद्रीय मंत्री कमल नाथ के प्रभाव वाले महाकौशल के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकासखण्ड में आदिवासियों के साथ अन्याय करने के आरोपों के साथ स्थापित होने वाले अवंथा समूह के स्वामी गौतम थापर के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के पावर प्लांट से सिंधिया की इमेज पर धक्का लगता प्रतीत हो रहा है।
ज्ञातव्य है कि वर्ष 2009 से घंसौर में अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा 600 मेगावाट के दो पावर प्लांट एक ही स्थान पर प्रस्तावित थे। बाद में एक छः सौ तो दूसरा 660 का कर दिया गया। 600 का 660 कैसे हुआ क्यों हुआ इस बारे में संयंत्र प्रबंधन के जबड़े सिले हुए हैं।
बहरहाल इस संयंत्र की स्थापना के साथ ही यहां स्थानीय स्तर पर आदिवासियों के शोषण, जमीनों में गफलत, मंदिर की जमीन का अधिग्रहण, खेती और पीने के लिए बनाए गए बरगी बांध से व्यवसायिक उपयोग के लिए पानी लेना, सिवनी जिले को इसका लाभ ना मिल पाने जैसी गंभीर शिकायतों की भरमार मीडिया में उछलीं थीं। बताया जाता है कि उस वक्त तत्कालीन उर्जा मंत्री और वर्तमान गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के कारण ये शिकायतें ठण्डे बस्ते के हवाले कर दी गई थीं।
अब जबकि उर्जा मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार युवा तुर्क ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास है और मध्य प्रदेश में यह चुनावी साल है तब एक बार फिर ये शिकायतें तेजी से सामने आ रही हैं। जानकारों का कहना है कि संभवतः किसी क्षत्रप के इशारे पर ही मशहूर उद्योगपति गौतम थापर द्वारा जानबूझकर इन शिकायतों के उछलने के बाद भी संज्ञान नहीं लिया जा रहा है ताकि मध्य प्रदेश में कांग्रेस और सिंधिया के आदिवासी विरोधी होने पर मुहर लग सके।
(क्रमशः जारी)