एमआईएस सिस्टम का जवाब नहीं: चौबे
(सुरेंद्र जायस्वाल)
जबलपुर (साई)। भारत सरकार के महिला बाल
विकास विभाग द्वारा देशभर में चल रही बाल विकास परियोजनाओं के लिए नया एमआईएस
सिस्टम आगामी वित्तीय वर्ष से लागू किया जा रहा है। इस सिस्टम को लागू करने के लिए
संचालनालय बाल विकास सेवाएं राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सभी 9 संभागों में जिला स्तरीय प्रशिक्षकों
को प्रशिक्षित किया जा रहा है।
इस क्रम में जबलपुर संभाग स्तरीय चार
दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन 21 से 24 मार्च को त्रिपुरी चौक स्थित होटल
मारूति मण्डपम में आयोजित किया गया। जिसमें संभाग के सभी जिलों से 28
प्रशिक्षणार्थीयों को राज्य स्तरीय
प्रशिक्षक संजय अब्राहम एवं जी.एस.लौवंशी द्वारा प्रत्येक विषय पर प्रभावी
प्रशिक्षण दिया जो प्रशिक्षण कार्यक्रम की विषेशता थी।
राज्य स्तरीय प्रशिक्षकों ने प्रशिक्षण रत प्रतिभागियों से लागू की जाने
वाली सभी 11 पंजियों की तालिकाओं जैसे सर्वे, पोषण आहार, डाटा-ट्रान्सफ़र-शीट, टीकाकरण, आदि पर अभ्यास प्रशिक्षण कार्यक्रम का
शुभारंभ करते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी
एच.के. शर्मा ने कहा कि- ष्बाल विकास सेवाघ्ं की मानिटरिंग ही नहीं वरन
कार्यक्रमों के लिये प्रभावी क्रियांवयन की रणनीती के लिये संवर्धित एम आई एस प्रणाली
बेहद असरदार होगी ष् प्रशिक्षण का समापन
रविवार 24 मार्च संयुक्त-संचालक एस सी चौबे ने कहा कि - बदलते परिवेश में विकास
कार्यक्रमों की मानिटरिंग की उच्च-स्तरीय गुणवत्ता के लिये सही सही एवम सुस्पष्ट
आंकड़ों के महत्व को अनदेखा नहीं करना चाहिये। परिवर्धित एवम संवर्धित एम आई एस सिस्टम बेहद उपयोगी है। जिला स्तरीय प्रशिक्षकों की
ज़िम्मेदारी सबसे अधिक है क्योंकि उनको निचले स्तर पर प्रशिक्षण देना है। जहां से
डाटा-जनरेट होगा। अतरू प्रशिक्षण की गुणवत्ता को बनाए रखना आगामी चरणों के प्रशिक्षणघ्ं में ज़रूरी होगा।
चार दिवसीय प्रशिक्षण का प्रबंधन एवम संचालन
गिरीश बिल्लोरे बाल विकास परियोजना अधिकारी डिंडोरी ने किया। सूर्या कुमार (मंडला),श्री विवेकरंजन उपाध्याय (डिंडोरी), रविकुमार (जबलपुर) की उपस्थिति
उल्लेखनीय रही।
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