सोमवार, 25 मार्च 2013

कैथल : अधिकारियों की मिली भगत से घटिया क्वालिटी की सामग्री से इन सड़कों पर टांकियां लगाई


अधिकारियों की मिली भगत से घटिया क्वालिटी की सामग्री से इन सड़कों पर टांकियां लगाई

(राजकुमार अग्रवाल)

कैथल (साई)। कैथल की नई अनाज मंडी में सड़कों को टांकी लगाने में सरकार को लाखों रुपए का चूना लगाया जाने का मामला प्रकाश में आया है। जिसके विरोध में आढ़ती रामकुमार, सेवा सिंह, राममेहर, सत्यवान आदि ने आरोप लगाया कि मार्केट कमेटी के अधिकारियों की मिली भगत से घटिया क्वालिटी की सामग्री से इन सड़कों पर टांकियां लगाई गई। इन्होंने इसका विरोध उस समय किया जब मार्केट कमेटी के जेई व ठेकेदार इन टाकियों का पमाईश कर रहे थे, जिसके आधार पर ठेकेदार को पेमेंट की अदायगी की जानी थी। ठेकेदार जयप्रकाश ने आढ़तियों के इन आरोपों को निराधार भी बताया है और कहा कि आज तक मंडी के अंदर ऐसी टांकियां नहीं बनाई गई होंगी जो अब तोडऩे पर भी नहीं टूटेगी। इस पर तुरंत मंडी के आढ़ती रामकुमार ने अपने जुते को इन टांकियों पर घिसाया तो इन टांकियों से तुरंत बजरी निकल गई। जिस पर इन्होंने उनको खरी खरी सुनाते हुए कहा कि यह सबसे निचले स्तर की सामग्री लगाई गई है। इतना ही नहीं मंडी के अंदर कई गढ्ढों व खस्ता खालत में सड़कों की मुरम्मत नहीं की गई। उन्होंने कहा कि मार्केट कमेटी को वैसे तो मंडी के अंदर ही ये सड़कें हर वर्ष बनानी होती है। परन्तु एक दशक से ये सड़कें मात्र टांकियां लगाकर ही कार्य को पूरा किया दिखाया जाता है। उन्होंने कहा कि जो टांकियां लगाई गई वे 2 दिन पूर्व ही लगाई गई और अभी से ही टूटनी शुरू हो गई है। तो वे ऐसी हालत में अपना एक साल कैसे पूरा करेंगी। इससे तो किसानों की फसल इस बजरी व मिट्टी मेें मिलकर बर्बाद हो जाएगी। मौके पर पमाईश देने पहुंचे मार्केटिंग बोर्ड के जेई राकेश सैनी ने बताया कि मंडी की टाकियां लगाने में सही सामग्री इस्तेमाल की गई। जब उनको यह कहा गया कि मंडी के अंदर अब भी अनेक गहरे गढ्ढे व टूटी सड़कें पड़ी है तो उन्होंने कहा कि अभी तो कार्य चल रहा है और इनको भी सही कर दिया जाएगा। इस पर जब उन्होंने कहा कि जब कार्य अधूरा पड़ा है तो फिर पेमेंट देने के लिए पमाईश क्यों दी जा रही है तो इस पर ठेकेदार व जेई बगले झांकने लगे और वहां से तुरंत रफूचक्कर हो गए। उन्होंने इसकी जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है। 

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