ये है दिल्ली मेरी जान
(लिमटी खरे)
तिवारी भी नहीं चाह रहे वर्मा का
उदय!
सूचना प्रसारण मंत्रालय में जमकर
घमासान मचा हुआ है। इसका कारण एमपी काडर के वरिष्ठ आईएएस आई एण्ड बी सेकेरेटरी उदय
वर्मा का रवैया है। दिल्ली के हृदय स्थल में अवस्थित शास्त्री भवन में मंत्रालय का
माहौल इस समय खिंचा खिंचा सा नजर आ रहा है। दरअसल, उदय वर्मा वैसे तो मिलनसार और गहरी
सोच समझ वाले हैं पर उनके इर्द गिर्द रहने वालों ने उनकी छवि कुछ तानाशाह सी बना रखी
है। पिछले दिनों प्रगति मैदान में ब्राडकास्टिंग इंजीनियर्स सोसायटी के पुरूस्कार वितरण
समारोह में लगभग दो हजार केबल आपरेटर्स ने उदय वर्मा हाय हाय के नारे लगाए थे,
तबसे विभागीय
मंत्री मनीष तिवारी की नजरें भी उदय वर्मा की ओर तिरछी हो गईं हैं। आईएण्डबी मिनिस्ट्री
में अफसरों के स्थानांतरण की नई नीति से भी विभागीय अफसर भी उदय वर्मा से बुरी तरह
खफा हैं। अब मनीष तिवारी भी उदय वर्मा की बातें सुनने तैयार नहीं दिख रहे हैं।
दिग्गी राजा की बैटरी से चमक रहा
बेनी बाबू का लट्टू!
उत्तर प्रदेश की सियासत में अब जमीनी
स्तर पर चलने वाली लहरें विकराल रूप धारण कर सतह पर घुमड़ने लगी हैं। इन लहरों के शोर
और आवेग के झंझावत में केंद्र सरकार के नए समीकरण अमृत मंथन के रूप में सामने आने की
उम्मीद लग रही है। 2014 के आम चुनावों में उत्तर प्रदेश एक निर्णायक की भूमिका में
होगा इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। यूपी से सियासत करने वाले केंद्रीय मंत्री
बेनी वर्मा ने पहले नेताजी यानी मुलायम यादव को गुंडा कहा। फिर बासी कढ़ी में उबाल आया,
बाद में सब
कुछ सामान्य। एक बार फिर बेनी वर्मा ने अपनी खुन्नस को सार्वजनिक किया है। अब बेनी
ने नेताजी पर जनता के बजाए परिवार का भला करने के आरोप मढ़े हैं। केंद्र सरकार इस समय
डीएमके के साथ पतली डोर से बंधी है, तब मुलायम की आक्सीजन पर वह जिंदा
है, इन परिस्थितियों में नेताजी को नाराज करना यानी स्वाईडल अटेम्पट। कहा जा रहा है
कि इक्कसवीं सदी में कांग्रेस के चाणक्य राजा दिग्विजय सिंह बेनी बाबू के कंधे का इस्तेमाल
कर अपना हित साध रहे हैं।
10 जनपथ के बजाए 12 तुगलक लेन!
कांग्रेस में अब सत्ता का हस्तांतरण
अघोषित तौर पर हो चुका है। कांग्रेस के अंदर सत्ता की धुरी अब राहुल गांधी के आसपास
आकर सिमट चुकी है। कांग्रेस की सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10 जनपथ (सोनिया गांधी
का सरकारी आवास) के बजाए अब 12 तुगलक लेन (राहुल गांधी का सरकारी आवास) बन गया है।
सोनिया के करीबी सूत्रों का कहना है कि अब उनसे मिलने जाने वाले नए पुराने कांग्रेसियों
को सोनिया गांधी ने हिदायत देना आरंभ कर दिया है कि जो भी बात कहना हो अब सीधे राहुल
गांधी से कही जाए। सोनिया के करीबी या उनसे मिलने वाले उन कांग्रेसियों की बुरी गत
हो रही है जिनका राहुल गांधी से कोई वास्ता ही नहीं रहा है। अब उन्हें नए सिरे से गोटियां
बिठाकर राहुल गांधी से मिलने मशक्कत करना पड़ रहा है। वैसे सोनिया गांधी के इर्दगिर्द
फैले चाटुकारों के चेहरों पर पसीना साफ झलक रहा है क्योंकि उनकी तूती बोलना बंद जो
हो गया है।
इसलिए नाथ ने साधा चिदम्बरम को!
दो केंद्रीय मंत्रियों के बीच रार
किसी से छिपी नहीं है। एक हैं पलनिअप्पम चिदम्बरम दूसरे हैं कमल नाथ। कुछ माह पहले
दोनों की आपस में जुगलबंदी की खबरें आम हुंई तो सियासी हल्कों में इसके मायने खोजे
जाने लगे। कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर कहा कि दरअसल,
सोनिया के मनमोहन
सिंह अब आगे ज्यादा चल नहीं पाएंगे। राहुल गांधी को पीएम बनने में अभी काफी समय है।
इस बीच के अंतराल में राहुल के मनमोहन बनेंगे चिदम्बरम। अब चिदम्बरम जब पीएम बनेंगे
तो उन्हें पहले से ही साध लिया जाए तो बेहतर है। दुनिया के चौधरी अमरीका से प्रकाशित
एक किताब में भी चिदम्बरम को पीएम इन वेटिंग बताया गया था। यह मनगढंत या प्लांटेड स्टोरी
नहीं थी। बाकायदा इसके लिए चिदम्बरम द्वारा यूएस में लाबिंग भी की गई बताई जा रही है।
कहते तो यहां तक हैं कि देश में मंत्री और उनका विभाग दिल्ली में नहीं वरन् अमरीका
के व्हाईट हाउस में तय होता है!
खूनी होली की फिराक में आतंकी!
पचहत्तर में आई सुपर डुपर हिट फिल्म
शोले का डायलाग आज प्रासंगिक होता दिख रहा है जिसमें डाकुओं का सरदार गब्बर कहता है
होली कब है कब है होली। देश में अब डाकू तो नहीं बचे पर उनका स्थान आतंकवादियों ने
ले लिया है। पुलिस की स्पेशल सेल के सूत्रों का दावा है कि होली के मौके पर खून की
नदियां बहाने की फिराक में नजर आ रहे हैं आतंकी। दिल्ली में जामा मस्जिद के पास सीसीटीवी
केमरे में कुछ संदिग्ध कार और बाईक नजर आए हैं जिनसे हथियारों को एक जगह से दूसरी जगह
पहुंचाया गया हो। पुलिस ने तलाशी तेज कर दी है। उधर, मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में एटीएस
द्वारा पांच संदिग्ध लोगों को धरा है। इनके पास से सवा सौ से ज्यादा जिंदा बम और हथियार
मिले हैं। हो सकता है सिवनी के तार दिल्ली से भी जुड़ जाएं। सूत्रों की मानें तो दिल्ली
के एक गेस्ट हाउस में 20 मार्च को चार बजकर एक मिनिट पर एक आतंकी एक बैग के साथ अंदर
घुसा था। सूत्रों की मानें तो हिजबुल मुजाहिद्दीन के सैयद लियाकत शाह के पास पाक अधिकृत
कश्मीर की एक मोबाईल सिम भी मिली है।
प्रणव मुखर्जी को हल्के में लेने
लगे कांग्रेसी!
भारत में पहला नागरिक का दर्जा है
रायसीना हिल्स स्थित महामहिम राष्ट्रपति के आवास में रहने वाले को। वर्तमान में यह
प्रणव मुखर्जी का आशियाना बना हुआ है। प्रणव मुखर्जी जब तक कांग्रेस के ट्रबल शूटर
रहे तब तक कांग्रेसी उनके आगे मिमियाते देखे गए, पर जबसे वे रायसीना हिल्स गए हैं
कांग्रेसियों ने उन्हें हल्के में लेना आरंभ कर दिया है। प्रणव मुखर्जी भले ही भारत
गणराज्य के संवैधानिक प्रमुख हों, पर कांग्रेसनीत संप्रग सरकार के लिए वे महत्वपूर्ण नहीं
हैं। संसद सत्र के पूर्व उनके अभिभाषण को जब कैबनेट में मंजूरी देने की बारी आई तो
अनेक मंत्री नदारत ही थे। शरद पवार दिल्ली में नहीं थे, कुमारी शैलजा और श्रीप्रकाश
जायस्वाल क्षेत्र में थे, किशोर चंद देव उड़ीसा दौरे पर थे, और अनेक मंत्री कैबनेट में
नहीं थे। क्या यह संभव है कि इन मंत्रियों को यह ना बताया गया हो कि फलां तारीख को
अभिभाषण को मंजूरी का एजेंडा कैबनेट में रखा जाएगा!
पहला पत्थर वो मारे जिसने पाप ना
किया हो . . .
राजेश खन्ना मुमताज अभिनीत एक फिल्म
का गाना था कि पहला पत्थर वो मारे जिसने पाप ना किया हो जो पापी ना हो। कांग्रेस द्वारा
बच्चों के कुपोषण के मामले में गुजरात पर घेरा कसा जा रहा है। इसका आधार संसद में रखी
एक रिपोर्ट को बनाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि गुजरात में बच्चों के कुपोषण की तादाद
सबसे ज्यादा है। गुजरात के निजाम नरेंद्र मोदी हैं, जिनके पास दिमाग और संसाधन वाले लोगों
की कमी नहीं है। मोदी ने तत्काल इसकी काट निकलवाई और कांग्रेस को ही कटघरे में खड़ा
कर दिया है। अब इस आरोप का जवाब आ रहा है कि देश की नेशनल केपीटल दिल्ली में ही पचास
फीसदी बच्चे कुपोषित हैं। गौरतलब है कि देश की राजनैतिक राजधानी होने के कारण दिल्ली
को केंद्र सरकार द्वारा आधारभूत विकास और हर मद में अतिरिक्त आवंटन दिया जाता है। बावजूद
इसके दिल्ली में अगर पचास फीसदी बच्चे कुपोषित हैं तो यह कांग्रेस और शीला दीक्षित
के लिए शर्म कही ही बात है।
मठों को साढ़े चार सौ करोड़ का चढ़ावा!
सरकारी धन की होली किस तरह खेली जाती
है और राजनैतिक दल के नुमाईंदे किस तरह अपने निहित स्वार्थ सधते ही खामोशी अख्तियार
कर लेते हैं इस बात को देखना है तो आप कर्नाटक जाईए और वहां देखिए नजारा। भारत के महालेखा
परीक्षक यानी सीएजी के प्रतिवेदन से साफ हो जाता है कि 2008 के बाद कर्नाटक में जबसे
भाजपा का शासन आया है, तबसे वहां सरकार ने जनता के धन से संचित धन की जमकर होली खेली
है। अब तक लगभग साढ़े चार सौ करोड़ रूपए की होली खेली जा चुकी है। यह धन विभिन्न मठों
को दिया है सरकार ने। इसमें सबसे ज्यादा पैसा येदियुरप्पा और जगदीश शेट्टर वाले समुदाय
यानी लिंगायत समुदाय के मठ को सबसे अधिक चंदा सरकार ने दिया है। मजे की बात तो यह है
कि राज्य में निजी तौर पर संचालित मठ मंदिरों को सरकार ने वर्ष 2010 - 2011 में 52
करोड़ रूपए का चंदा दिया है।
पसीना आ रहा है सिंह को टीम राजनाथ
बनाने में!
राजनाथ सिंह को अपनी टीम बनाने में
पसीना आ रहा है। इसका कारण यह है कि टीम राजनाथ के सिर पर ही अगला आम चुनाव होगा। इसके
लिए क्षेत्रीय संतुलन के साथ ही साथ बड़े नेताओं का समन्वय भी बनाना आवश्यक है। राहुल
गांधी को कांग्रेस ने उपाध्यक्ष बना दिया है तो अब वरूण गांधी को महत्वपूर्ण स्थान
देने दबाव बढ़ा है। राजनाथ को मीडिया अनुभाग में भी दमदार व्यक्त्वि को लाना मजबूरी
होगा। राजनाथ के सामने मध्य प्रदेश सबसे बड़ा संकट पैदा कर रहा है। देश के हृदय प्रदेश
से पूर्व अध्यक्ष प्रभात झा, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और अनुसूचित जाति से थांवर
चंद गहलोत दावेदारी पेश कर रहे हैं। टीम राजनाथ भले ही बन जाए पर जब तक इसे एल.के.आड़वाणी,
सुषमा स्वराज,
अरूण जेतली,
एम.एम.जोशी,
नरेंद्र मोदी,
वेंकैया नायडू,
अनंत कुमार
जैसे दिग्गज पास ना कर दें तब तक राजनाथ सिंह इसे घोषित नहीं कर सकते हैं।
क्या लोगों को मारने के लिए पैदा
हो रही बिजली!
देश भर में बिजली की कमी दूर करने
पावर प्लांट्स की स्थापना करवाई जा रही है। वहीं
पर्यावरण मामलों की जानी-मानी संस्था ग्रीनपीस और अर्बन इमिशंस द्वारा मुंबई
के कंजर्वेशन एक्शन ट्रस्ट की अगुवाई में की गई एक स्टडी से अनेक चौंकाने वाले आंकड़े
सामने आए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश मे डले पावर प्लांट्स से उत्सर्जित उर्जा,
विकिरण,
धुआं,
राख आदि तमाम
कारणों से अकेले 2011-12 में ही करीब एक लाख लोग अकाल मौत के शिकार हो गए। इसके अलावा
लाखों अन्य लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में हैं और इनके इलाज पर हर साल आम जनता का
करीब 23 हजार करोड़ रुपया खर्च हो रहा है। कोयला आधारित पावर प्लांट्स के कारण होने
वाली मौतों और बीमारियों के बारे में यह देश की पहली व्यापक स्टडी है। इसमें 111 पावर
प्लांट्स से जुड़े आंकड़ों को शामिल किया गया है।
पुच्छल तारा
देश में महात्मा गांधी को सभी आदर
से देखते हैं। बापू की सादगी और साफगोई पर सभी मर मिटे थे। आधी लंगोटी वाले बापू ने
गोरे ब्रितानियों को देश से खदेड़ दिया था। आज बापू नहीं है, पर उनकी यादें अवश्य ही हमारे
बीच हैं। सोशल नेटवर्किंग वेब साईट पर एक चुटकुला गुदगुदाने पर मजबूर कर रहा है। इसमें
लिखा था -
एक बार एक व्यक्ति खून के इल्जाम
में पकड़ा गया। उसने बापू से कहा कि वह बेगुनाह है उसे बचाया जाए। बापू ने उसका केस
लड़ा और वह बईज्जत बरी हो गया। वह खुशी से फूला नहीं समाया और बोला -‘बापू आज तो आपने मुझे बचा
लिया, पर कल जब आप नहीं होंगे तब बेगुनाहों को कौन बचाएगा?
बापू मुस्कुराए और बोले चिंता मत
करो। आने वाले समय में जिस कांग्रेस को मैने भंग करने की सिफारिश की थी उसी कांग्रेस
के नेता नोट पर मेरी मुस्कुराती फोटो लगाएंगे, और तब किसी को भी बचाने के लिए मेरी
मुस्कुराते हुए नोट वाली फोटो ही काम आने वाली है।
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