रेत माफिया हैं शिव पर भारी
(रवि गुप्ता)
छतरपुर (साई)। मध्यप्रदेश बुन्देलखण्ड
के छतरपुर जिले में हुई रेत खदानों की नीलामी में यूपी के माफियाओं के द्वारा
करोडों रूपये मार्जिनमनी के रूप में जमा की थी। जैसे ही आयकर विभाग ने शिकंजा कसना
शुरू किया वैसे ही खनिज विभाग ने यूपी के माफियाओं का रूपया चौक से नहीं कैश वापिस
करना शुरू कर दिया है। जबकि आयकर अधिकारी इस तरीके को अबैध मानते हैं। आयकर सूत्र
कहते हैं कि खनिज विभाग को जमा मार्जिनमनी पहले सरकारी खजाने में जमा करना चाहिये
थी और उस खजाने की चौक से संबंधित को चौक से मार्जिनमनी का रूपया वापिस करना
चाहिये था ताकि उस वापिस मार्जिनमनी का रूपया नम्बर एक में आ सके और संबंधित के
खाते की जांच करने में आसानी हो सके। सूत्र बतलाते हैं कि कैश वापिस मार्जिनमनी
होने से यूपी के माफियाओं पर एमपी का आयकर विभाग कोई भी कार्रवाई नहीं कर सकता है।
अगर कार्रवाई करना चाहे भी तो यूपी में ऐसे लोगों को ढूंढना भी मुश्किल हो जायेगा
जिसका अता पता भी ठीक तरीके से ज्ञात ना हो सके। हालांकि आयकर सूत्रों ने यह भी
बताया कि चूंकि हमारा इंकमटैक्स इंवेस्टीकेशन विभाग ने चारों तरफ से शिकंजा कसना
शुरू कर दिया है और अगर इसमें खनिज विभाग ने लापरवाही जरा सी बरती वैसे ही खनिज
अधिकारी को नौकरी करना मुश्किल पड सकता है। आयकर सूत्र के अनुसार सिर्फ 31 मार्च तक मंगाई गई जानकारी का इंतजार
विभाग कर रहा है उसके बाद आयकर का काम तेजी के साथ होगा।
वहीं खनिज विभाग के सूत्रों ने समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मार्जिनमनी के रूप में जमा राशि पांच पांच सौ नोटों
की गड्डियों में जमा हुये थे। ये नोट असली थे या नकली थे, ये नोट नम्बर एक के थे या कालाधन था।
इसके बारे में हम लोगों को कुछ भी पता नहीं था। इस कारण हमारे अधिकारी ने निर्णय
लिया है कि मार्जिनमनी के रूप में जमा राशि जैसे ली गई थी वैसे ही वापिस कर आने
वाली आफत को टाला है। हालांकि यूपी के ठेकेदारों ने अपनी अपनी मार्जिनमनी को वापिस
करोडों में लेकर अपने अपने वाहनों में रखकर उसे ले गये है जबकि खनिज विभाग को आयकर
अधिकारी को इस बावत सूचना देनी चाहिये थी कि हमारा विभाग मार्जिनमनी वापिस कर रहा
है, परन्तु माफियाओं की मिली भगत से ऐसा नहीं किया गया है। इससे अगर यही कहा
जाये कि नौकरशाह देश की आर्थिक सुरक्षा व्यवस्था के प्रति गम्भीर नहीं है तो अतिश्योक्ति
पूर्ण बात नहीं होगी। मीडिया के द्वारा प्रकाशित समाचारों में इस बात का उल्लेख
किया था कि रेत व पत्थर माफियाओं के द्वारा नीलामी में लगभग सौ करोड रूपया मार्जिन
मनी का कैश जमा किया था जो कि कालाधन प्रतीत होता है।
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