मंगलवार, 17 अप्रैल 2012

एमपी एग्रो द्वारा 122.55 प्रतिशत का रिकार्ड व्यवसाय


एमपी एग्रो द्वारा 122.55 प्रतिशत का रिकार्ड व्यवसाय

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। मध्यप्रदेश एग्रो इण्डस्ट्रीज डेव्हलपमेंट कार्पाेरेशन द्वारा वर्ष 2011-12 में 1100 करोड़ के विरूद्ध 1348 करोड़ 6 लाख रुपये का व्यवसाय किया गया, जो लक्ष्य का 122.55 प्रतिशत है। निगम द्वारा इस अवधि में किया गया व्यवसाय अब तक सर्वाधिक है।
यह जानकारी यहाँ निगम मुख्यालय में क्षेत्रीय प्रबंधकों की बैठक में दी गई। बैठक की अध्यक्षता निगम अध्यक्ष रामकिशन चौहान ने की। प्रबंध संचालक राकेश श्रीवास्तव और मुख्यालय के अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे। निगम के पास उपलब्ध अतिरिक्त भूमि पर गोदाम निर्माण का कार्य करवाया जायेगा।
बैठक में बताया गया कि निगम के बाबई फार्म द्वारा काफी वर्ष के बाद वित्तीय वर्ष 2011-12 में हानि से उभरते हुए पहली बार एक लाख 19 हजार रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया गया। निगम द्वारा पिछले माली साल में भारत सरकार, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा 12 हजार बायोगैस संयंत्र निर्माण का लक्ष्य दिया गया था जिसके विरूद्ध 10 हजार 716 बायोगैस संयंत्र स्थापित कर 89.30 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया गया। निगम के बाड़ी संयंत्र में इस अवधि में पोषण आहार का उत्पादन 12 हजार के लक्ष्य के विरूद्ध 12 हजार 693 टन से अधिक रहा जो संयंत्र की स्थापना से अब तक का सर्वाधिक उत्पादन है।
निगम के जीवाणु संयंत्र भोपाल द्वारा पिछले वित्त वर्ष में खरीफ एवं रबी के लिये 30 लाख 95 हजार कल्चर पैकेट का उत्पादन किया गया। इस दौरान निगम के सभी संभाग ने आवंटित लक्ष्य से अधिक व्यवसाय किया। निगम द्वारा इस अवधि में कुल व्यवसाय 1348 करोड़ 6 लाख रुपये का किया गया। इस पर पूर्ण लाभ 35 करोड़ और कर के बाद शुद्ध लाभ 23 करोड़ 64 लाख रुपये अर्जित किया गया।
अध्यक्ष श्री रामकिशन चौहान ने निगम की विभिन्न गतिविधियों की विस्तार से समीक्षा की। विचार विमर्श के बाद चालू माली साल की कार्ययोजना के संबंध में निर्णय लिये गये। किसानों को रासायनिक उर्वरक आसानी से उपलब्ध करवाने के लिये निगम के क्रय केन्द्रों में उर्वरक का अग्रिम भण्डारण अधिक से अधिक किया जायेगा। भण्डारण क्षमता बढ़ाने के लिये निगम के पास उपलब्ध अतिरिक्त जमीन पर गोदाम निर्माण करवाया जायेगा। किसानों को निगम के विक्रय केन्द्रों के जरिये बैल-चलित, हस्त-चलित कृषि उपकरण उपलब्ध करवाने के लिये अग्रिम भण्डार की व्यवस्था की जायेगी।
जीवाणु खाद्य संयंत्र इंद्रपुरी के कल्चर पैकेट का पैकिंग कार्य भविष्य में आटोमेटिक मशीन से करवाया जायेगा। वहाँ लिक्विड बायो-फर्टिलाइजर निर्माण पिछले वित्त वर्ष में प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रस्तुत की जायेगी। यांत्रिकी प्रक्षेत्र बाबई का और बेहतर ढंग से प्रबंधन कर इसे अधिक लाभप्रद बनाया जायेगा। निगम अध्यक्ष और प्रबंध संचालक ने सभी क्षेत्रीय प्रबंधक को पिछले वित्त वर्ष में हासिल उल्लेखनीय उपलब्धियों पर बधाई दी। उन्होंने अपेक्षा की कि अगले वित्तीय वर्ष में भी इन उपलब्धियों को निरंतर रखा जायेगा।

कोई टिप्पणी नहीं: